IUI Treatment

IUI Kya Hota Hai और कैसे किया जाता है : IUI in Hindi

आजकल की मॉडर्न लाइफस्टाइल के कारण लोगों की हेल्थ, खासकर उनकी फर्टिलिटी पर भी काफी नेगेटिव प्रभाव पड़ रहा है। अनियमित खानपान, अनहेल्थी फूड, शराब-सिगरेट का सेवन, शरीर को पर्याप्त पोषण न मिल पाने और पर्सनल या प्रोफेशनल लाइफ में टेंशन के कारण पुरुष और महिला दोनों में अक्सर बांझपन जैसी की शिकायतें सामने आती दिख रही हैं।

इसे दूर करने और हर दम्पति को संतान का सुख दिलाने के लिए मेडिकल साइंस में इस सम्बंध में काफी रिसर्च की जाती रही है। आज हमारे पास आईयूआई (IUI in Hindi) जैसे मॉडर्न और एडवांस इलाज का विकल्प मौजूद है। इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बतायेंगे की IUI Kya Hota Hai, यह प्रक्रिया (IUI process in Hindi) कैसे होते है और किन कारणों से इनफर्टिलिटी होती है?

In this Article

IUI क्या है ? (IUI Kya Hota Hai)

IUI का फुल फॉर्म है (iui full form in hindi) Intrauterine Insemination, हिंदी में कहें तो अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान। ये इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए एक मॉडर्न और एडवांस टेक्नीक है। इस प्रोसेस से स्पर्म की समस्याओं से परेशान पुरुष और फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज से पीड़ित महिलाओं को भी सन्तान का सुख दिलाया जा सकता है। इस प्रक्रिया में फर्टिलाइजेशन करवाने के लिए स्पर्म को ट्रीट करके, उसमें से अशुद्धियाँ निकालते हुए गर्भाशय में प्रवेश कराते हैं, साथ ही ओवुलेशन की दवा भी दी जाती है, ताकि संतान प्राप्ति की सम्भावना बढ़ जाए।

आईयूआई कैसे होता है? (IUI Kaise Hota Hai)

इस प्रक्रिया में स्पर्म की अशुद्धियों को दूर करते हुए उसे एक कैथेटर की हेल्प से महिला के गर्भाशय में प्लेस कर दिया जाता है, जिससे प्रेगनेंसी के चांसेस बढ़ जाते हैं। ये एक सेफ और इफेक्टिव प्रोसेस है, जो IVF से कम खर्चीली और बिना चीर-फाड़ वाली होती है। इसे महिला के मासिक धर्म के समय में उनके ओवुलेशन पीरियड (ovulation period) पर फोकस करते हुए सबसे अच्छे समय का चयन किया जाता है। इस प्रक्रिया में पार्टनर या फिर डोनर के स्पर्म का उपयोग किया जाता है।

आईयूआई की प्रक्रिया (IUI Treatment in Hindi)

IUI का फाइनल प्रोसीजर करने में केवल 15-20 मिनट लगते हैं, लेकिन इसकी पूरी ट्रीटमेंट प्रोसेस (iui treatment process) 6 स्टेप की होती है।

स्टेप 1. परामर्श 

स्टेप 2 स्टिमुलेशन

स्टेप 3 स्कैनिंग 

स्टेप 4 ट्रिगर इंजेक्शन

स्टेप 5 स्पर्म कलेक्शन & ट्रीटमेंट

स्टेप 6 इनसेमिनेशन

आईयूआई के लिए आपको निम्न प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है:

  • सबसे पहले आपको डॉक्टर से परामर्श करना पड़ता है, जहाँ आपके कुछ टेस्ट्स कराए जाते हैं। सबसे पहले TVS टेस्ट यानी Transvaginal Sonography कराई जाती है, जिसमें आपकी अंडेदानी के अंदर अंडों की संख्या, उनकी गुणवत्ता और उनमें हो रही बढ़ोतरी को देखते हैं। बच्चेदानी की परत को भी चेक किया जाता है ताकि उसके ग्रोथ पैटर्न और ब्लड फ्लो को देखा जा सके। इसके अलावा HSG Test भी कराया जाता है, जिसमें X-Ray scan के माध्यम से ये चेक किया जाता है कि आपकी फैलोपियन ट्यूब्स (fallopian tubes) खुली हैं या नहीं। पुरुषों के शुक्राणु की भी जांच की जाती है, जिसमें संख्या और गुणवत्ता मापी जाती है।
  • परामर्श के बाद कुछ दवाओं का सेवन कराया जाता है ताकि ओवुलेशन में मदद मिल सके। यह काम फॉलिकल विकसित होने के लिए स्टिमुलेशन प्रक्रिया के तहत किया जाता है।
  • समय-समय पर स्कैनिंग करके यह चेक किया जाता है कि ग्रोथ कैसी है, ओवुलेशन का समय क्या होगा।
  • इसके बाद HCG ट्रिगर इंजेक्शन (HCG trigger injection) दिया जाता है ताकि परिपक्व अंडे गर्भाशय में बाहर आ सकें
  • IUI के दिन पार्टनर या डोनर से स्पर्म कलेक्ट किया जाता है। इसके बाद स्पर्म को उपचारित करते हुए उसकी अशुद्धियाँ निकाली जाती हैं ताकि किसी भी प्रकार की जलन या फिर कोई अतिरिक्त समस्या न हो।
  • इनसेमिनेशन प्रक्रिया में मात्र 15-20 मिनट का समय लगता है। इसमें किसी भी प्रकार के एनेस्थीसिया की जरूरत नहीं होती। इसमें एग्जाम टेबल पर बैठाया जाता है, फिर स्पेक्युलम के माध्यम से कैथेटर नली डाली जाती है। इसके बाद इस नली के जरिए स्पर्म को गर्भाशय के अंदर प्रवेश करा दिया जाता है। प्रवेश प्रक्रिया के बाद नली और स्पेक्युलम निकाल लिया जाता है। फिर कुछ देर आराम करने के बाद आपको डिस्चार्ज कर दिया जाता है।

आईयूआई के फायदे (IUI Benefits in Hindi)

आईयूआई के सबसे बड़े फायदे (IUI Benefits) निम्नलिखित हैं –

  • बिना चीर-फाड़, न के बराबर दर्द वाली प्रक्रिया
  • IVF की तुलना में बहुत सस्ता
  • सबसे कम जोखिम
  • कोई ब्लीडिंग नहीं
  • मात्र 15-20 मिनट में होने वाली प्रोसेस
  • कोई भी हॉस्पिटलाइजेशन नहीं, कम समय में ही डिस्चार्ज

आईयूआई के नुकसान (IUI Side Effects in Hindi)

• इन्फेक्शन की संभावना हो सकती है, इस कारण डॉक्टर अपने उपकरण हमेशा sterilize करते हैं।

• कुछ Rare Cases में अंडाशय से कई अंडे एक साथ बाहर आने लगते हैं, जिनके कारण एक से अधिक शिशुओं के साथ गर्भधारण की possibility बढ़ जाती है।

• कभी कभी अंडाशय दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप पेट में द्रव और ऐंठन आदि की शिकायत हो सकती है।

• किडनी और अंडाशय सम्बंधित समस्या हो सकती है। खून के थक्के बनने का खतरा भी बढ़ जाता है।

• इन सभी जोखिमों से बचने के लिए ही दम्पत्ति को अनुभवी डॉक्टर का ही चयन करना चाहिए। समय-समय पर जांच कराते रहने से ऐसी सभी समस्याओं से बचाव किया जा सकता है।

आईयूआई किसके लिए फायदेमंद है?

निम्नलिखित समस्याओं से परेशान व्यक्तियों के लिए IUI प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी जाती है :

  • अस्पष्ट बांझपन (जिनके कारण पता न हो)
  • हल्के Endometriosis से परेशान स्त्रियाँ
  • कम शुक्राणु की मात्रा
  • शुक्राणु दोष
  • स्खलन की समस्या से परेशान पुरुष
  • अनुवांशिक दोष से परेशान
  • यदि महिला का कोई पार्टनर नहीं और उन्हें गर्भवती होने की इच्छा है

भारत में आईयूआई का खर्च (IUI Cost in India)

भारत में आईयूआई की पूरी प्रक्रिया का खर्च 10,000 रुपए से शुरू होकर 20,000 रुपए तक जाता है। औसतन 15,000 रुपए में यह प्रक्रिया कराई जा सकती है। यह IVF के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है।

इसके खर्च के पीछे कई कारक होते हैं जैसे :

  • डॉक्टर का अनुभव
  • इलाज हेतु चुने गए शहर और क्लिनिक का प्रकार
  • IUI साईकल की संख्या
  • IUI से पहले किए जाने वाले जाँच

आईयूआई की सफलता दर (IUI Success Rate in Hindi)

आईयूआई का सक्सेस रेट हर कपल में अलग-अलग होता है। इसके पीछे कई फैक्टर हो सकते हैं, जैसे :

  • महिला की उम्र
  • बांझपन का कारण
  • दवाओं का उपयोग
  • प्रजनन संबंधी समस्याएं
  • स्पर्म की गुणवत्ता

आमतौर पर इसकी सफलता दर 20% तक हो सकती है। अनुभवी डॉक्टर्स के निर्देशन में इस प्रकिया के सफल होने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए यह प्रक्रिया दिव्य वात्सल्य ममता IVF सेंटर से हीं करवाइए। क्योंकि हमारे पास है वर्षों का अनुभव, नन्हें बच्चों की किलकारियां और सैंकड़ों खुश कपल्स का विश्वास।

इसे भी पढ़ें: IVF Kya Hai और कैसे किया जाता है

FAQs (बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न) :

क्या आईयूआई के दौरान दर्द होता है?

नहीं। यह प्रक्रिया नॉन-सर्जिकल है, इसलिए दर्द न के बराबर होता है। अगर आपको दर्द हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।

आईयूआई क्यों किया जाता है?

आईयूआई प्रक्रिया एक सस्ती, आसान और जोखिम रहित प्रक्रिया है। इसलिए IVF से पहले आईयूआई कराने की सलाह दी जाती है।

आईयूआई कितनी बार करनी चाहिए?

अगर आपकी उम्र 35 वर्ष तक है तब आपको डॉक्टर 5 बार तक आईयूआई कराने की सलाह दे सकते हैं।

IUI कब करना चाहिए?

IUI कराने की सलाह तब दी जाती है, जब पुरुष के शुक्राणुओं की संख्या कम हो या उनकी गति शिथिल हो, महिलाओं में गर्भाशय में संक्रमण के लक्ष्ण दिख रहे हों, उनकी अंडा प्रजनन क्षमता कम हो रही हो, बार-बार गर्भवती होने की कोशिश पर भी गर्भधारण न हो रहा हो।

आईयूआई के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है?

आईयूआई के 2-3 हफ्ते बाद प्रेगनेंसी की संभावना होती है।

आईयूआई फेल क्यों होता है?

आईयूआई फेल होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे – ज्यादा उम्र, अंडे या शुक्राणु की गुणवत्ता में कमी, खराब जीवनशैली, नशे का सेवन, गर्भाशाय से जुड़ी कोई समस्या आदि।

IUI के बाद क्या नहीं करना है?

IUI के बाद तनावपूर्ण काम, शराब आदि नशे का सेवन, भारी सामान उठाना, असंतुलित आहार खाना, आदि काम नहीं करने चाहिए।

आईयूआई कब किया जाता है

आईयूआई का सबसे अच्छा समय ओवुलेशन (अंडाशय से अंडे निकलने) के आसपास होता है।
आमतौर पर, यह मासिक धर्म चक्र के 12वें से 16वें दिन के बीच किया जाता है।
डॉक्टर अंडे की परिपक्वता का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड और हार्मोन टेस्ट का उपयोग करेंगे।

IUI के बाद क्या नहीं करना है?

आईयूआई के बाद आराम करें, धूम्रपान और शराब न लें, तनाव कम करें, संक्रमण से बचें, डॉक्टर की सलाह लें।

आईयूआई पीरियड के कितने दिन बाद होता है

आईयूआई आमतौर पर पीरियड के 12वें से 16वें दिन के बीच किया जाता है, लेकिन यह आपकी मासिक धर्म चक्र की लंबाई और अंडे की परिपक्वता पर निर्भर करता है।
डॉक्टर आपको सटीक समय बताएंगे।

आईयूआई करने के बाद क्या सावधानी बरतनी चाहिए

भारी गतिविधि से बचें।
आराम करें और भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ पिएं।
संभोग से बचें।
यदि आपको कोई दर्द या रक्तस्राव होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर को बताएं।

पहली कोशिश में iui सफलता की दर

आईयूआई की सफलता दर कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि महिला की उम्र, शुक्राणु की गुणवत्ता और किसी भी अंतर्निहित बांझपन की स्थिति।
औसत सफलता दर 15-20% प्रति चक्र है।

आईयूआई के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए

डॉक्टर आपको आईयूआई के 14 दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करने की सलाह देंगे।
कुछ मामलों में, वे आपको थोड़ा पहले या बाद में परीक्षण करने के लिए कह सकते हैं।

आईयूआई के बाद क्या खाना चाहिए

आईयूआई के बाद आपको कोई विशेष आहार लेने की आवश्यकता नहीं है।
एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाना महत्वपूर्ण है जो फल, सब्जियां, साबुत अनाज और दुबला प्रोटीन से भरपूर हो।

आईयूआई और आईवीएफ में क्या अंतर है

आईयूआई में, शुक्राणु को सीधे महिला के गर्भाशय में इंजेक्ट किया जाता है।
आईवीएफ में, अंडे और शुक्राणु को प्रयोगशाला में मिलाकर निषेचित किया जाता है, और फिर विकसित भ्रूण को महिला के गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
आईयूआई आईवीएफ की तुलना में कम जटिल और कम खर्चीला होता है।

प्रेगनेंसी में स्पर्म अंदर जाने से क्या होता है?

गर्भावस्था के दौरान स्पर्म अंदर जाने से गर्भधारण नहीं होता है।

जब शुक्राणु अंडे से मिलता है, तो वे निषेचन करते हैं।
निषेचित अंडा (जिसे अब भ्रूण कहा जाता है) गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है और विकसित होता है।

7 दिन हिंदी में iui गर्भावस्था परीक्षण के बाद

7 दिनों में आईयूआई गर्भावस्था परीक्षण सटीक नहीं हो सकता है।
बेहतर होगा कि आप 14 दिन तक इंतजार करें।

3 दिन iui लक्षणों के बाद

3 दिनों में आईयूआई लक्षण दिखना असामान्य है।
गर्भावस्था के लक्षण आमतौर पर आईयूआई के 10-14 दिन बाद दिखाई देते हैं।

फर्टिलाइजेशन ओवुलेशन के कितने दिन बाद होता है?

फर्टिलाइजेशन आमतौर पर ओवुलेशन के 12-24 घंटों के भीतर होता है।
अंडा केवल 12-24 घंटों के लिए ही निषेचन के लिए व्यवहार्य

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Call Now