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बांझपन क्या होता हैं – कारण और इलाज (Infertility in Hindi)

Infertility in Hindi

किसी भी जोड़े का परिवार बच्चे की किलकारियों से हीं पूरा होता हैं। परिवार को आगे बढ़ाने के लिए शादी के बाद हर जोड़े का यहीं सपना रहता हैं, लेकिन कंसीव करने की कई कोशिश के बावजूद भी जब सफलता न मिले तो उसे उसे ‘बांझपन’ (Infertility in Hindi) या मेडिकल भाषा में ‘इनफर्टिलिटी’ कहा जाता है। आजकल की बदलती लाइफ़स्टाइल के चलते यह समस्या काफी आम है गई हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, भारत में हर 6 में से एक कपल इस समस्या से जूझ रहा हैं।

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बांझपन क्या है? (Infertility Meaning in Hindi)

जब कोई कपल एक साल से अधिक समय तक गर्भनिरोधक के इस्तेमाल न करने के बाद भी कंसीव करने में असफल रहे तो उसे बांझपन (Infertility) या फिर इनफर्टिलिटी (Infertility) कहां जाता हैं। यह समस्या महिला या फिर पुरुष या फिर तो दोनों में भी हो सकती हैं। आज के समय में बदलती लाइफस्टाइल इसका मुख्य कारण माना जाता हैं।

बांझपन की समस्या में क्या करे? (What to do in Infertility)

कई प्रयासों के बावजूद भी अगर आप कंसीव करने में असफल रहे तो बिना संकोच के डॉक्टर की सलाह लें। डॉक्टर की सलाह के मुताबिक जरूरी सभी जांच करवाएं। इस परिस्थिति में सिर्फ महिला की हीं नहीं पुरूष की भी जांच की जाती हैं। डॉक्टर के सुझावों को ध्यान में रखकर दवाईयों का सेवन करें और धैर्य रखें, बांझपन से मुक्ति पाना संभव हैं।

बांझपन के प्रकार (Types of Infertility in Hindi)

बांझपन के मुख्य रूप से 4 प्रकार हैं। जिसमें शामिल हैं :-

प्राथमिक बांझपन (Primary Infertility)

अगर महिला की उम्र 35 या उससे ज्यादा हैं और बिना गर्भनिरोधक के एक साल से अधिक समय तक प्रयास करने के बाद भी कंसीव न हो पाए तो उसे प्राथमिक बांझपन (Primary Infertility) कहां जाता हैं।

माध्यमिक बांझपन (Secondary Infertility)

जब कोई कपल एक बार गर्भधारण करने में सफल हो गए होते हैं, लेकिन दूसरी बार गर्भधारण करने में असफलता मिल रहीं हों तो उसे माध्यमिक बांझपन (Secondary Infertility) कहां जाता हैं। जिसके उम्र से लेकर बदलती लाइफ़स्टाइल जैसे कई कारण हो सकते हैं।

एक्सप्लेंड बांझपन (Explained Infertility)

डॉक्टर के दिशा-निर्देश अनुसार जब कपल की जांच की जाएं और बांझपन का स्पष्ट कारण मिल जाए तो उसे एक्सप्लेंड बांझपन (Explained Infertility) कहां जाता हैं। इसमें महिलाओं में अंडाशय में समस्या या फिर पुरुष में स्पर्म की समस्या भी हो सकती हैं।

अनएक्सप्लेंड बांझपन (Unexplained Infertility)

इस प्रकार के बांझपन (Infertility) में कपल की जांच करने के बाद भी बांझपन का स्पष्ट कारण नहीं मिलता। सभी प्रकार के बांझपन का उपचार और दवाईयां अलग अलग होती हैं। जिसके लिए डॉक्टर से हीं परामर्श करना चाहिए।

बांझपन के कारण (Causes of Infertility in Hindi)

बदलती हुई जीवनशैली बांझपन (Infertility) का प्रमुख कारण हैं। हालांकि कभी कभी जिनेटिक समस्या भी हो सकता हैं। यह समस्या सिर्फ महिलाओं में हीं नहीं बल्कि पुरुषो में भी देखने को मिलती हैं या फिर कभी कभी दोनों में ही देखी जा सकती हैं जो गर्भधारण को असफल बनाता है।

पुरुष बांझपन के कारण (Causes of Male Infertility in Hindi)

पुरूषों में बांझपन के लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

बदलती हुई जीवनशैली

स्पर्म (शुक्राणु) की कम मात्रा

धुम्रपान या शराब का अधिकतर सेवन करना

 स्पर्म में मोबिलीटी की कमी

अनियमित तरीके से सेक्स करना

फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स का अत्याधिक सेवन

जिनेटिक प्रोब्लम्स

वैरीकोसेल की समस्या

गुप्तांगो में संक्रमण

मोटापा और तनाव

महिलाओं में बांझपन के कारण (Causes of Female Infertility in Hindi)

 

महिलाओं में बांझपन के लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

अनियमित पीरियड्स

शराब या धूम्रपान का अत्याधिक सेवन

जिनेटिक समस्या

अंडाशय सिस्ट, इंफेक्शन

गर्भाशय फिब्रॉइड, केंसर, रक्तस्राव

जननांगों में संक्रमण

अंडाशय में पोलिप या फिब्रॉइड

उम्र, तनाव और हार्मोनल का असंतुलित होना

फैलोपियन ट्यूब बंद होना

बांझपन के लक्षण क्या है ? (Symptoms of Infertility in Hindi)

आम तौर पर लंबे समय तक गर्भधारण का प्रयास करने के बावजूद भी सफलता न मिलना बांझपन (Infertility) का मुख्य लक्षण है।

पुरुषों में बाँझपन के लक्षण(Symptoms of Male Infertility in Hindi)

पुरूषों में हार्मोनल समस्या बांझपन का एक कारण हो सकती है, जैसे की यौन क्रिया में असहजता महसूस करना, या फिर बालों का विकास रूक जाना। स्पर्म काउंट कम होना भी (Infertility Symptoms) बांझपन का एक लक्षण है।

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महिलाओं में बाँझपन के लक्षण (Symptoms of Female Infertility in Hindi)

महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो जैसे की 35 दिन या फिर तो 21 दिन से पहले फिर पीरियड्स शुरू हो जाना बांझपन का लक्षण हो सकता है।

कई बार बालों का झड़ना, चेहरे पर अनचाहे बालों का आना भी बांझपन के लक्षण हो सकते है।

बांझपन से बचाव ? (Prevention of Infertility in Hindi)

तनाव से दूर रहने के लिए नियमित रूप से योग और ध्यान करें

हरी सब्जियां और सिजनल फलों को डायट में शामिल करें

फास्ट फूड्स, कोल्ड ड्रिंक्स, शराब के सेवन से बचें

•  मोटापा भी बांझपन का प्रमुख कारण हो सकता है इसलिए वजन का संतुलन बनाए रखे

•  बांझपन के लक्षण होने पर तुरंत ही डॉक्टर का संपर्क करें और जरूरी जांच करवाएं

•  पीरियड्स के कुछ दिनों पहले सेक्स करने से भी गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है, इसके लिए अपने डॉक्टर से बात करें।  

बांझपन का इलाज क्या है? (Treatments for Infertility in Hindi)

महिलाओं के बांझपन का इलाज (Female Infertility Treatment)

डॉक्टर के परामर्श से ओवुलेशन बढ़ाने वाली दवाइयों से इसका इलाज संभव है। सोनोग्राफी और अन्य जरूरी टेस्ट के बाद गर्भाधान के लिए दूसरी प्रक्रिया जैसे की IVF या इंजेक्शन थेरेपी भी दी जा सकती है।

पुरुषों के बांझपन का इलाज (Male Infertility Treatment)

डॉक्टर के परामर्श से स्पर्म काउंट बढ़ाने वाली दवाइयों से इसका इलाज (Infertility Treatment) संभव है। कुछ मामलों में सर्जरी के जरिए नसबंदी खोली जा सकती है जिससे स्पर्म आसानी से निकल सके।

आज के समय में कुछ परिस्थितियों के अलावा बांझपन का इलाज(Infertility Treatment) संभव है। इसके लिए अनुभवी डॉक्टर्स का परामर्श जरूरी है और इसके लिए आज ही मुलाकात करें दिव्या वात्सल्य ममता IVF सेंटर की, जहां पर अनुभवी डॉक्टर्स जरूरी जांच के जरिए आपको सहीं मार्गदर्शन करेंगे और आपके परिवार को संपूर्ण बनाने में मदद करेंगे।

प्रजनन क्षमता को कैसे बढ़ा सकते हैं (How to Increase Fertility in Hindi)

• प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल को बदलना जरूरी है

• नियमित रूप से योग और ध्यान करें

स्वस्थ खाद्य पदार्थ और पौष्टिक फल और सब्जियों का इस्तेमाल करें

इसके अलावा अश्वगंधा, अनार, दालचीनी, चेस्टबेरी का सेवन करें

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निष्कर्ष (Conclusion)

आजकल की बदलती लाइफस्टाइल की वजह से बांझपन की समस्या आम हो गई है। इसे लाइफस्टाइल में बदलाव करके, नशीले पदार्थो से और फास्ट फूड्स से दूर रहकर भी ठीक कर सकते है। हालांकि बांझपन के लक्षण दिखें के तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें। दिव्य वात्सल्य ममता ( IVF Centre in Patna) आपकी स्तिथि के अनुसार, योग्य फर्टिलिटी जांच, स्तिथि का अभ्यास और पूरी जानकारी के साथ बांझपन को दूर किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

बांझपन क्या है?

बिना गर्भनिरोधक के इस्तेमाल के एक साल तक प्रयास करने के बावजूद भी गर्भधारण में सफलता न मिले तो उस परिस्थिति को बांझपन कहते है। यह स्थिति महिला और पुरुष दोनों में ही हो सकती है।

पुरुष बांझपन दूर कैसे करें?

पुरुष बांझपन में डॉक्टर जांच करके दवाइयां या फिर इलाज के जरिए इस परिस्थिति को दूर कर सकते है। कभी कभी सर्जरी से भी इसे दूर करना पड़ सकता है।

बांझपन होने का क्या कारण है?

बदलती जीवनशैली, धुम्रपान और शराब का अधिकतर सेवन करना, मोटापा, अनियमित पीरियड्स, कम स्पर्म काउंट जैसे कई कारण बांझपन के लिए जिम्मेदार है।

क्या महिला बांझपन को ठीक किया जा सकता है?

महिला बांझपन को खान-पान और जीवनशैली को बदलकर या फिर डॉक्टर से परामर्श करके जरूरी जांच करके दवाइयां और इलाज के जरिए दूर किया जा सकता है।

फर्टिलिटी कैसे बढ़ाएं?

तनाव से दूर रहकर, नियमित योग और मेडिटेशन, हरि सब्जियां, फल, दूध और दहीं का सेवन करने और लाइफस्टाइल को सहीं करने से भी फर्टिलिटी बढ़ा सकते है।  

महिला बांझपन लक्षण

गर्भधारण न कर पाना: एक साल तक नियमित यौन संबंध बनाने के बाद भी गर्भवती न हो पाना महिला बांझपन का सबसे आम लक्षण है।
अनियमित मासिक धर्म: मासिक धर्म का अनियमित होना, देर से आना, ज़्यादा या कम होना, या फिर बहुत कम समय तक रहना भी बांझपन का संकेत हो सकता है।
दर्दनाक मासिक धर्म: अत्यधिक दर्दनाक मासिक धर्म (एंडोमेट्रियोसिस) बांझपन का कारण बन सकता है।
अंडाशय से अंडा न निकलना: पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) जैसी स्थितियां अंडाशय से अंडा निकलने में बाधा डाल सकती हैं।
गर्भपात: बार-बार गर्भपात होना भी बांझपन का संकेत हो सकता है।

महिलाओं में प्रजनन क्षमता कैसे बढ़ाएं

स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ भोजन, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव कम करना प्रजनन क्षमता बढ़ाने में मदद कर सकता है।
धूम्रपान और शराब से परहेज: धूम्रपान और शराब प्रजनन क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।
वजन नियंत्रण: अधिक वजन या मोटापा महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ा सकता है।
प्री-कंसेप्शन चेकअप: गर्भधारण से पहले डॉक्टर से मिलकर प्रजनन क्षमता का मूल्यांकन करवाना और ज़रूरी सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

महिला बांझपन के उपचार

दवाएं: हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याओं के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
आईयूआई (इंट्रा-यूटेरिन इन्सेमिनेशन): इस प्रक्रिया में शुक्राणुओं को सीधे गर्भाशय में डाला जाता है।
आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन): इस प्रक्रिया में अंडे और शुक्राणु को प्रयोगशाला में मिलाकर भ्रूण बनाया जाता है और फिर उसे गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है।
शल्य चिकित्सा: कुछ मामलों में, फैलोपियन ट्यूब या अन्य समस्याओं को ठीक करने के लिए शल्य चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।

बांझपन का इलाज कैसे किया जा सकता है

बांझपन का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। डॉक्टर विभिन्न परीक्षणों के माध्यम से बांझपन का कारण निर्धारित करेंगे और फिर उचित उपचार योजना बनाएंगे। उपचार में दवाएं, प्रक्रियाएं या इन दोनों का संयोजन शामिल हो सकता है।

स्पर्म काउंट कम होने के लक्षण

बांझपन: स्पर्म काउंट कम होने का सबसे आम लक्षण बांझपन है।
कमजोर शुक्राणु गतिशीलता: शुक्राणु अंडे तक पहुंचने में असमर्थ हो सकते हैं यदि उनकी गतिशीलता कम है।

पुरुष बांझपन के लक्षणों के संकेत

पुरुष बांझपन के स्पष्ट लक्षण नहीं होते। मुख्य लक्षण है एक साल तक नियमित यौन संबंध के बाद भी गर्भधारण न होना। अन्य संकेतों में कम शुक्राणु, यौन समस्याएं, अंडकोष से जुड़ी समस्याएं, और कुछ शारीरिक बदलाव शामिल हो सकते हैं।

बांझपन किस विटामिन की कमी से होता है

बांझपन कई पोषक तत्वों, जैसे विटामिन डी, सी, ई, फोलेट, और खनिजों जैसे जस्ता, सेलेनियम, आयरन की कमी से जुड़ा हो सकता है।

Dr-Rashmi-Prasad

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