गर्भधारण करने के लिए जितना महत्व गर्भाशय का है उतना महत्व फैलोपियन ट्यूब का भी है। क्यों की फैलोपियन ट्यूब हीं ओवरी (अंडाशय) को गर्भाशय तक जोड़ती है, ऐसे में अगर फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो या उसमें कोई दिक्कत हो तो भी महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए सबसे अच्छा विकल्प है HSG टेस्ट (HSG Test in Hindi), जो फैलोपियन ट्यूब के नलिकाओं के ब्लोकेज, इंफेक्शन, मांसपेशियों की स्वस्थ्यता की जांच करने में मदद करता है।
एचएसजी टेस्ट क्या है? ( What is HSG test in Hindi?)
अगर किसी महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही है तो उसके पीछे फैलोपियन ट्यूब का ब्लोकेज भी जिम्मेदार हो सकता है। फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो तो फर्टाइल एग गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता, ठीक वैसे हीं पुरुष के स्पर्म भी एग तक नहीं पहुंच पाते, जिसकी वजह से गर्भधारण करने में मुश्किल आ सकती है। ऐसे में HSG यानी हिस्टेरोसैल्पिंगोग्राम (Hysterosalpingogram) कहां जाता है। इस टेस्ट में फैलोपियन ट्यूब्स और गर्भाशय का एक्स-रे किया जाता है।
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HSG टेस्ट कैसे किया जाता है?
आम तौर पर यह टेस्ट रेडियोलॉजी या फर्टिलिटी क्लिनिक में किया जाता है। इसमें मरीज के फैलोपियन ट्यूब का एक्स-रे किया जाता है, जिसे फ्लोरोस्कोप कहां जाता है। इसके लिए वजिना (योनि) में स्पेकुलम नामक एक उपकरण डाला जाता है। जिससे वजिना को चौड़ा रखा जा सके और एक्स-रे लेने में दिक्कत न आए।
इसके बाद गर्भाशय के निचले हिस्से (सर्विक्स-Cervix) को क्लीन किया जाता है। जिसके बाद डॉक्टर सर्विक्स में कैन्नूला नामकी पतली ट्यूब डालते हैं और फिर गर्भाशय में आयोडीन युक्त तरल पदार्थ डाला जाता है, जिससे फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय को अच्छे से देखा जा सके। इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर एक्स-रे लेते हैं और इसी के जरिए फैलोपियन ट्यूब की जानकारी मिलती है।
आम तौर पर HSG टेस्ट में दर्द नहीं होता है। लेकिन कुछ महिलाओं को अस्वस्थता या कमजोरी महसूस हो सकती है। कई डॉक्टर टेस्ट से एक घंटा पहले पेन किलर भी देते हैं।
HSG टेस्ट क्यों किया जाता है?
गर्भधारण करने में दिक्कत आ रही हो तो इसकी वजह फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज भी हो सकती है, जिसकी जांच करने के लिए HSG टेस्ट किया जाता है।
1. फैलोपियन ट्यूब की जांच : फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज, इंफेक्शन, खींचन जैसे कारणों की जांच करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है।
2. इंफेक्शन : टोर्च इंफेक्शन प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करता है ऐसे में इस टेस्ट की मदद से इंफेक्शन की जांच की जा सकती है।
3. इनफर्टिलिटी : गर्भधारण करने में आ रही समस्या की एक वजह इनफर्टिलिटी भी है, ऐसे HSG टेस्ट से उसका भी पता लगाया जा सकता है।
4. बार बार गर्भपात : अगर किसी महिला को बार बार गर्भपात का सामना करना पड़ रहा है, तो इस टेस्ट से उसके कारण का पता लगाया जा सकता है।
5. गर्भाशय की जांच : इस टेस्ट में गर्भाशय का भी एक्स-रे किया जाता है। जिसकी वजह से गर्भाशय की भी जांच करने में मदद मिलती है।
HSG टेस्ट करने का सबसे अच्छा समय
HSG टेस्ट डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है। वैसे पीरियड्स के खत्म होते ही महिला HSG टेस्ट करवा सकती है। आम तौर पर पीरियड्स के पहले सप्ताह से दूसरे सप्ताह के बीच का समय इस टेस्ट के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।
HSG टेस्ट के साइड इफेक्ट्स
आम तौर पर इस प्रक्रिया के बाद मरीज को योनि स्राव हो सकता है। इसके अलावा निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं, जो अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन अगर साइड इफेक्ट्स ज्यादा हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
- मितली
- उल्टी
- ब्लीडिंग
- पेट में दर्द
- बेहोशी और ऐंठन
- इंफेक्शन या एलर्जी
HSG Test कब नहीं करवाना चाहिए?
- प्रेगनेंसी के दौरान
- बिना कारण ब्लीडिंग हो तब
- पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज होने पर
- हाल ही में गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब की सर्जरी होने पर
एचएसजी के साथ किए जाने वाले टेस्ट
जरूरत पड़ने पर डॉक्टर निम्नलिखित टेस्ट के लिए सुझाव दे सकते है, जैसे की
- लेप्रोस्कोपी
- अल्ट्रासाउंड
- क्लैमाइडिया टेस्ट
HSG टेस्ट की तैयारी
एचएसजी टेस्ट से पहले डॉक्टर द्वारा कुछ बातों का पालन करने के लिए कह सकते हैं, जैसे की
- संक्रमण का खतरा न रहे इसलिए टेस्ट से कुछ दिन पहले एंटीबायोटिक्स और डॉक्सीसाइक्लिन दी जा सकती है।
- पीरियड्स के पहले दिन से लेकर टेस्ट हो जाने तक सेक्स से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है।
- टेस्ट से पहले डॉक्टर युरीन रोकने के लिए कह सकते हैं ताकि मुत्राशय भरा रहे।
- टेस्ट से पहले सभी गहने और धातु निकालने के लिए कह सकते हैं और आपसे सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने के लिए कह सकते हैं।
निष्कर्ष
गर्भपात और गर्भधारण जैसी समस्या के लिए वैसे तो कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, उसमें से एक कारण है फैलोपियन ट्यूब में ब्लोकेज, इंफेक्शन की परिस्थिति। अगर इसकी सहीं से जांच की जाए तो गर्भधारण करने आ रही दिक्कतो को दूर किया जा सकता है और इसके लिए सबसे अच्छा तरीका है HSG टेस्ट (HSG Test in Hindi) । जिसकी मदद से फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय का एक्स-रे किया जाता है। यदि आप या आपके रिलेटिव अगर इनफर्टिलिटी संबंधी समस्याओं से जूझ रही हैं और सोच रही हैं कि क्या आपको एचएसजी परीक्षण की आवश्यकता है? तोह आज ही पटना के सबसे प्रसिद्ध आईवीएफ क्लिनिक, दिव्य वात्सल्य ममता IVF Centre in Patna में विशेषज्ञ परामर्श प्राप्त करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या एचएसजी टेस्ट दर्दनाक है?
आम तौर पर HSG टेस्ट में दर्द नहीं होता है, लेकिन कुछ महिलाओं को अस्वस्थता या कमजोरी महसूस हो सकती है, लेकिन अगर ज्यादा दिक्कते हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
Q2. HSG Test में कितना समय लगता है?
HSG टेस्ट की सभी प्रक्रिया होने में आम तौर 30 से 60 मिनट का समय लग सकता है।
Q3. क्या HSG के बाद उल्टी होना नॉर्मल है?
HSG के बाद उल्टी होना नोर्मल है, यह इनके साइड इफेक्ट्स माने जाते हैं लेकिन अगर ज्यादा तकलीफ हो तो तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
Q4. टेस्ट के लिए कब नहीं जाना चाहिए?
अगर पीरियड्स चल रहे हो, प्रेगनेंट हो, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज या फैलोपियन ट्यूब्स और गर्भाशय की सर्जरी हाल ही में करवाई हो तो टेस्ट के लिए नहीं जाना चाहिए। इसके अलावा इन सभी कारणों की डॉक्टर से चर्चा करने के बाद निर्णय लेना आवश्यक है।
Q5. HSG टेस्ट का खर्च?
HSG टेस्ट का खर्च क्लिनिक और डॉक्टर के अनुभव पर निर्भर करता है, आम तौर पर इसका खर्च 3500 से लेकर 5500 रूपए के बीच में होता है। लेकिन एनेस्थीसिया के साथ HSG टेस्ट करवाया जाए तो इसका खर्च थोड़ा बढ़ सकता है।
Q6. HSG टेस्ट के बाद आप प्रेगनेंट हैं या नहीं उनका पता कैसे लगाया जाएं?
HSG टेस्ट के बाद पीरियड्स मिस होना, ब्रेस्ट में सूजन या दर्द, मतली होना प्रेगनेंसी के संकेत हो सकते हैं।