Male Infertility

Hydrocele in Hindi: हाइड्रोसील क्या है? कारण, लक्षण और इलाज

हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) पुरुषों में होने वाली एक सामान्य समस्या है। इससे पीड़ित पुरुष के अंडकोषों में पानी भर जाता है, जिसके कारण अंडकोष में सूजन आ जाती है। हाइड्रोसील एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुषों के अंडकोष (टेस्टिकल) के चारों ओर तरल पदार्थ जमा हो जाता है। आमतौर पर दर्दरहित होती है, लेकिन गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

हाइड्रोसील क्या है? (What is Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील एक ऐसी स्थिति है, जो मुख्य रूप से पुरुषों को होती है। हाइड्रोसील होने की स्थिति में है, अंडकोष (टेस्टिकल) के चारों ओर तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे अंडकोष में सूजन आ जाती है। यह समस्या बच्चों और वयस्कों, दोनों में देखी जा सकती है। छोटे बच्चों को भी हाइड्रोसील हो सकता है, लेकिन यह अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, वयस्कों में उपचार की जरूरत परता है। हाइड्रोसील आमतौर पर खतरनाक नहीं होती लेकिन फिर भी उसका मतलब जानना (Meaning of hydrocele in Hindi) और समझना आपको काफी ज़रूरी है , लेकिन यदि आपको कोई भी हाइड्रोसील के लक्षण महसूस हो, तो तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।

आप हमारे (Hydrocele in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की हाइड्रोसील क्या है ? और उसके प्रकार के होते है, एवं उसके लक्षण और इलाज इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।

हाइड्रोसील के प्रकार (Types of Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील दो प्रकार के होते हैं 1) कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील और 2) नॉन कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील।

1. कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील : इस स्थिति में टेस्टिकल (अंडकोष) की थैली पूरी तरह से बंद नहीं हुई होती है, जिसकी वजह से तरल पदार्थ टेस्टिकल की थैली के अंदर चला जाता है और थैली बंद न होने की वजह से तरल पदार्थ अंदर-बाहर आता जाता रहता है। यह नवजात शिशु और बच्चों में देखा जाता है।

2. नॉनकम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील : इस स्थिति में तरल पदार्थ के साथ थैली बंद हो जाती है और शरीर तरल पदार्थ को अवशोषित नहीं कर सकता। यह नवजात शिशु से लेकर किसी भी उम्र के पुरूष को हो सकता है।

हाइड्रोसील क्यों होता है? (Causes of Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील के लिए की कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। अक्सर नवजात शिशुओं में और प्रीमेच्योर बच्चों में हाइड्रोसील पाया जाता है, जो जन्म के एक साल के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है।

  • टेस्टिकल या आसपास के हिस्से में संक्रमण की वजह से तरल पदार्थ का जमा होना।
  • टेस्टिकल में चोट लगना या सूजन आना।
  • प्रोस्टेट कैंसर में भी हाइड्रोसील हो सकता है।
  • टेस्टिस (वृषण) में सूजन
  • इनगुइनल हर्निया की वजह से भी हाइड्रोसील की समस्या हो सकती है।
  • एपिडीडिमाइटिस की सूजन की वजह से तरल पदार्थ का निर्माण हो सकता है।

हाइड्रोसील के लक्षण (Symptoms of Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील के लक्षण (Hydrocele symptoms) की तीव्रता सभी में अलग अलग हो सकती है। आमतौर पर हाइड्रोसील के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं।

  • टेस्टिकल के आकार में बदलाव
  • तेज बुखार, उल्टी या दस्त होना
  • चलने में असहजता
  • कब्ज होना
  • सेक्स के वक्त समस्या
  • भारीपन का अहसास

हाइड्रोसील का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Hydrocele in Hindi)

• हाइड्रोसील का निदान करने के लिए डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक जांच करते हैं। जिसमें बढ़े हुए टेस्टिकल और टेस्टिकल के सुजन वाले हिस्से में दर्द की पुष्टि करते है।

• ट्रांसिल्यूमिनेशन नामक प्रक्रिया के जरिए डॉक्टर टेस्टिकल की जांच कर सकते हैं।

• डॉक्टर पेल्विस और टेस्टिकल के सॉफ्ट टिशू की जांच करने के लिए पेल्विक अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल कर सकते हैं।

• टेस्टिकल के 3D इमेज़ के लिए डॉक्टर कंप्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैन करवा सकते हैं।

• इंफेक्शन का पता लगाने के लिए यूरिन टेस्ट या ब्लड टेस्ट का सुझाव दे सकते है।

• इनगुइनल हर्निया की जांच करने के लिए डॉक्टर पेट और टेस्टिकल पर दबाव डाल सकते हैं।

हाइड्रोसील का इलाज (Treatment of Hydrocele in Hindi)

आमतौर पर नवजात शिशु और बच्चों में हाइड्रोसील की समस्या 1 साल में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन अगर ऐसा न हो तो यह कम्यूनिकेटिंग हाइड्रोसील हो सकता है। इसका इलाज कई तरह से किया जा सकता है।

• एस्पिरेशन और स्किलरोजिंग : इस प्रक्रिया में तरल पदार्थ निकालने के लिए टेस्टिकल में इंजेक्शन की मदद से तरल पदार्थ को बहार निकाला जाता है। इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टर स्किलरोजिंग नामक दवा के जरिए छेद को बंद करते है। हालांकि हाइड्रोसील वापस आने की संभावना भी बनी रहती है।

• लेज़र हाइड्रोसेलेक्टॉमी : यह सबसे लंबी प्रक्रिया होती है। हालांकि इस प्रक्रिया के बाद हाइड्रोसील वापस होने की संभावना कम हो जाती है। इस सर्जरी से पहले एनेस्थीसिया दिया जाता है। जिसके बाद टेस्टिकल से तरल पदार्थ निकालने के लिए लेजर बीम का उपयोग किया जाता है। हाइड्रोसील वापस न हो इसलिए डॉक्टर थैली को हटा देते है।

• ओपन हाइड्रोसेलेक्टॉमी : इस प्रक्रिया में भी एनेस्थीसिया दिया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान टेस्टिकल या कमर के हिस्से में छोटा सा कट लगाया जाता है और फिर सक्शन के माध्यम से तरल पदार्थ को बाहर निकाल देता है। हाइड्रोसील थैली को हटाने से पहले डॉक्टर पेट की गुहा और टेस्टिकल के बीच की नलिका से संचार बंद कर देते हैं।

घरेलू देखभाल और बचाव के उपाय (Home Care and Precautions)

  • वचा और सरसों के पानी का इस्तेमाल करने से टेस्टिकल की सुजन को बढ़ने से रोक सकते हैं।
  • हल्दी से हाइड्रोसील का इलाज टेस्टिकल पर हल्दी का लेप लगाएं।
  • रो रत्ती सुहागा को फुलाकर रोज गुड़ के साथ खाने से दर्द में राहत मिलती है।
  • एप्सम सॉल्ट से स्नान करने से सूजन कम हो सकती है।
  • आरामदायक कपड़े पहने
  • दर्द निवारक दवाइयाँ, डॉक्टर की सलाह से ले
  • सुरक्षित सेक्स करें एवं कंडोम का इस्तेमाल जरुर करें।

हाइड्रोसील से बचाव (Prevention of Hydrocele in Hindi)

हाइड्रोसील को रोका नहीं जा सकता है। हालांकि कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे कि टेस्टिकल पर चोट न लगे। क्रिकेट, कुश्ती, साइकिल जैसे खेल के दौरान टेस्टिकल पर चोट लगने की संभावना ज्यादा रहती है, ऐसे में सुरक्षात्मक गियर का इस्तेमाल कर चोट से बच सकते है और हाइड्रोसील होने की संभावना भी कम हो जाती है।

निष्कर्ष 

हाइड्रोसील (Hydrocele in Hindi) एक ऐसी समस्या है जो पुरुषों को प्रभावित करती है। जिसमें टेस्टिकल में पानी भर जाने से सूजन आ जाती है। आमतौर पर यह अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन हाइड्रोसील में सूजन का इलाज कम न हो और दर्द या पीड़ा का अनुभव हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर परिस्थिति के मुताबिक दवाइयां या फिर सर्जरी का सुझाव दे सकते है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

हाइड्रोसील का इलाज क्या है?

डॉक्टर परिस्थिति के मुताबिक इलाज के आमतौर पर हाइड्रोसील में एस्पिरेशन और स्किलरोजिंग, लेज़र हाइड्रोसेलेक्टॉमी और ओपन हाइड्रोसेलेक्टॉमी की प्रक्रिया के जरिए ठीक किया जा सकता है।

हाइड्रोसील क्यों हो जाता है?

हाइड्रोसील टेस्टिकल की थैली में पानी भरने से होता है। इस परिस्थिति को रोका नहीं जा सकता लेकिन टेस्टिकल पर चोट न लगे इसका ध्यान रखकर इस, परिस्थिति से बच सकते हैं।

हाइड्रोसील बढ़ने से क्या नुकसान होता है?

हाइड्रोसील से नुकसान हाइड्रोसील बढ़ने से चलने में असहजता, दर्द या सेक्स के दौरान समस्या और भारीपन महसूस हो सकता है।

हाइड्रोसील का ऑपरेशन कब करना चाहिए?

आमतौर पर हाइड्रोसील अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन अगर ठीक न हो तो डॉक्टर परिस्थिति के मुताबिक सर्जरी के लिए सुझाव दे सकते है।

हाइड्रोसील ऑपरेशन में कितना खर्च आता है?

हाइड्रोसील की लागत उसके इलाज और डॉक्टर के अनुभव के मुताबिक अलग अलग हो सकती है। आमतौर पर हाइड्रोसील के इलाज की लागत 30-80 हजार रुपए के बीच में हो सकती है।

हाइड्रोसील में सूजन का इलाज

हाइड्रोसील में सूजन का इलाज कई तरीकों से किया जा सकता है, जो हाइड्रोसील के आकार, गंभीरता और आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है:
निरीक्षण: कुछ मामलों में, खासकर शिशुओं में, हाइड्रोसील अपने आप ठीक हो जाता है। डॉक्टर समय-समय पर इसकी जांच कर सकते हैं।
दवाएं: दर्द और सूजन को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।
स्क्लेरोथेरेपी: इस प्रक्रिया में, डॉक्टर सुई के माध्यम से दवा इंजेक्ट करते हैं जो तरल पदार्थ को अवशोषित करने और सूजन को कम करने में मदद करती है।
सर्जरी: यह सबसे आम इलाज है। इसमें अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने के लिए अंडकोश में एक छोटा चीरा लगाया जाता है।

हाइड्रोसील के इलाज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

हाइड्रोसील कैसे होता है

हाइड्रोसील तब होता है जब अंडकोश की थैली (scrotum) में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। यह आमतौर पर तब होता है जब ट्यूनिकल वैजाइनलिस (tunica vaginalis) नामक झिल्ली में एक छोटा सा छेद या रिसाव होता है, जो अंडकोष को घेरती है। यह जन्मजात हो सकता है या बाद में जीवन में विकसित हो सकता है।

हाइड्रोसील के इलाज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

हाइड्रोसील का ऑपरेशन कितने दिन में ठीक हो जाता है

हाइड्रोसील ऑपरेशन के बाद, आपको आमतौर पर 1-2 सप्ताह तक आराम करने की आवश्यकता होगी। आपको भारी वस्तुएं उठाने या कोई भी गतिविधि करने से बचना चाहिए जिससे आपके अंडकोश पर दबाव पड़ सकता है। अधिकांश लोग 2-4 सप्ताह के अंदर अपनी सामान्य गतिविधियों में लौट सकते हैं।

हाइड्रोसील के इलाज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

हाइड्रोसील से नुकसान

अगर इलाज न किया जाए तो हाइड्रोसील से कुछ जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे:
अंडकोष का संक्रमण: तरल पदार्थ में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे अंडकोष में सूजन और दर्द हो सकता है।
बांझपन: गंभीर मामलों में, हाइड्रोसील शुक्राणुओं की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है और बांझपन का कारण बन सकता है।
अंडकोष में दर्द: सूजन और दबाव से अंडकोश में दर्द और परेशानी हो सकती है।

हाइड्रोसील के इलाज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

हाइड्रोसील में क्या नहीं खाना चाहिए

हाइड्रोसील के लिए कोई विशेष आहार प्रतिबंध नहीं है। हालांकि, एक स्वस्थ और संतुलित आहार बनाए रखना महत्वपूर्ण है। प्रचुर मात्रा में फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं, और संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रॉल और नमक का सेवन कम करें।

हाइड्रोसील के इलाज के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a highly respected infertility and gynecology specialist with over 20 years of experience. As Director of Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, she is dedicated to helping couples achieve their dream of parenthood. Dr. Prasad holds an MD in Infertility and Gynecology, along with a Postgraduate Diploma in Assisted Reproductive Technology (ART) from Schleswig-Holstein, Germany. Her expertise covers infertility, IVF, pregnancy care, and male infertility, making her a trusted leader in reproductive health. Dr. Prasad has received several honors, including the Asia’s Greatest Award (2017), Icon of Bihar (2013), National Fertility Award (2022), and Mirchi Excellence Award (2024).

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