Prolactin Test in Hindi: कब और क्यों जरूरी है यह जांच?

Prolactin Test in Hindi: प्रोलैक्टिन टेस्ट एक महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण है, जो शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है। प्रोलैक्टिन हार्मोन, जिसे PRL या लैक्टोजेनिक हार्मोन भी कहा जाता है, मुख्य रूप से स्तनपान और प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। महिलाओं और पुरुषों दोनों में इसका संतुलन जरूरी होता है, क्योंकि इसके असंतुलन से मासिक धर्म की अनियमितता, बांझपन, यौन समस्याएं और अन्य स्वास्थ्य परेशानियां हो सकती हैं।
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अगर आपको प्रोलैक्टिन टेस्ट कराना है, तो Diwya Vatsalya Mamta IVF एक भरोसेमंद विकल्प है। यहाँ के अनुभवी डॉक्टर और Dr. Rashmi Prasad Senior IVF Specialist, प्रजनन उपचार में 20+ साल से अधिक अनुभव रखती हैं। इस ब्लॉग में हम आपको Prolactin Test से जुड़ी पूरी जानकारी देंगे।
प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या होता है? (What is Prolactin Test?)
Prolactin test kya hota hai? प्रोलैक्टिन टेस्ट एक सरल ब्लड टेस्ट है, जो आपके शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर को मापता है। यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि से बनता है और महिलाओं में दूध बनाने व मासिक धर्म के लिए जरूरी होता है। पुरुषों में भी यह हार्मोन यौन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।
अगर किसी महिला को अनियमित पीरियड्स (irregular periods) गर्भधारण में दिक्कत या बिना गर्भावस्था के दूध का स्राव हो रहा हो, तो डॉक्टर प्रोलैक्टिन टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। पुरुषों में यह टेस्ट तब किया जाता है जब यौन इच्छा कम हो या कोई पिट्यूटरी ग्रंथि से जुड़ी समस्या हो।
प्रोलैक्टिन हार्मोन क्यों बढ़ता है? (Why Does Prolactin Hormone Increase)
प्रोलैक्टिन हार्मोन के बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करते हैं। सबसे आम कारण है पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर (Prolactinoma), जो प्रोलैक्टिन का उत्पादन बढ़ा देता है। इसके अलावा:
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)
- थायरॉइड की समस्या (Hypothyroidism)
- तनाव (Stress)
- कुछ दवाओं का सेवन (Medications)
- अत्यधिक व्यायाम (Excessive Exercise)
- गर्भावस्था और स्तनपान (Pregnancy & Lactation)
जब प्रोलैक्टिन का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, तो महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता, गर्भधारण में कठिनाई, और पुरुषों में कामेच्छा में कमी, स्पर्म काउंट में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
प्रोलैक्टिन टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why is Prolactin Test Done)
Prolactin Test in Hindi तब किया जाता है जब महिलाओं में जब महिला या पुरुष में प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाए तो डॉक्टर उन्हें प्रोलैक्टिन टेस्ट के लिए कह सकते हैं। इसके अलावा निम्नलिखित संकेत दिखने पर भी डॉक्टर टेस्ट के लिए कह सकते हैं।
महिलाओं में (In Women)
- अनियमित पीरियड्स
- इनफर्टिलिटी
- गर्भावस्था न होने के बाद भी स्तन से तरल पदार्थ निकलना
- स्तनों में दर्द होना
- समय से पहले मेनोपॉज आ जाना
पुरुषों में (In Men)
- स्तन का विकास
- शरीर में बाल कम होना
- सेक्स ड्राइव में कमी
- इरेक्शन पाने में दिक्कत
- टेस्टेरोन का लेवल कम होना
अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। आप Diwya Vatsalya Mamta IVF के बाँझपन एवं IVF स्पेशलिस्ट Dr. Rashmi Prasad, से भी परामर्श ले सकती हैं, जो एक Senior IVF Specialist doctor भी हैं और पुरुषों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखती हैं।
प्रोलैक्टिन टेस्ट कैसे किया जाता है? (How is Prolactin Test Done?)
Prolactin Test in Hindi यह एक साधारण ब्लड टेस्ट है, जो शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर को जांचने एवं अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है, आइए जानते हैं इस टेस्ट की प्रक्रिया।
- आमतौर पर सुबह, खाली पेट यह टेस्ट किया जाता है क्योंकि उस समय प्रोलैक्टिन का स्तर सबसे सटीक रहता है।
- डॉक्टर या लैब टेक्नीशियन आपकी बांह की नस से खून का सैंपल लेते हैं।
- टेस्ट से पहले भारी व्यायाम, तनाव या ज्यादा शारीरिक गतिविधि से बचें।
- सैंपल देने के बाद, ब्लीडिंग रोकने के लिए रुई से दबाव डाला जाता है।
- रिपोर्ट 24-48 घंटे में मिल जाती है।
प्रोलैक्टिन का सामान्य स्तर (Normal Prolactin Levels)
प्रोलैक्टिन हार्मोन का स्तर हर किसी के शरीर में एक जैसा नहीं होता। यह उम्र, लिंग और शरीर की स्थिति के हिसाब से बदलता रहता है। यहाँ विभिन्न आयु समूहों के लिए सामान्य प्रोलैक्टिन स्तर दिए गए हैं:
आयु समूह | सामान्य प्रोलैक्टिन स्तर (एनजी/एमएल) |
बच्चे | <20 एनजी/एमएल |
वयस्क (पुरुष) | 3 – 15 एनजी/एमएल |
वयस्क (महिलाएं) | 4 – 23 एनजी/एमएल |
गर्भवती महिलाएं | 34 – 386 एनजी/एमएल |
मीनोपॉज के बाद महिलाएं | 2 – 20 एनजी/एमएल |
प्रोलैक्टिन स्तर कम करने के उपाय (How to Reduce High Prolactin Levels)
अगर आपके Prolactin Test in Hindi की रिपोर्ट में प्रोलैक्टिन का स्तर सामान्य से ज्यादा आया है, तो घबराएं नहीं। कुछ आसान और असरदार उपायों से आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
- तनाव कम करें: रोज़ाना आराम करें, योग या गहरी सांस लें।
- अच्छी नींद लें: कम से कम 7-8 घंटे सोएं।
- संतुलित आहार लें: ताजे फल, सब्जियां और प्रोटीन-rich खाना खाएं।
- नियमित हल्का व्यायाम करें: तेज चलना या हल्की एक्सरसाइज करें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- अगर दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- डॉक्टर की सलाह से दवाएं लें, अगर जरूरत हो।
- इन आसान कदमों से प्रोलैक्टिन का स्तर धीरे-धीरे कम हो सकता है।
प्रोलैक्टिन टेस्ट के परिणाम कैसे समझें? (How to Understand Prolactin Test Results)
जब आपका Prolactin Test हो जाता है, तो रिपोर्ट में प्रोलैक्टिन का स्तर आमतौर पर ng/mL (नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर) में लिखा होता है। इसे समझना आसान है, बस आपको यह जानना जरूरी है कि आपके लिए सामान्य रेंज क्या है और ज्यादा या कम होने पर क्या मतलब निकलता है।
सामान्य प्रोलैक्टिन स्तर क्या है?
- पुरुष: 3 से 15 ng/mL
- गैर-गर्भवती महिलाएं: 4 से 23 ng/mL
- गर्भवती महिलाएं: 34 से 386 ng/mL
हर लैब की रिपोर्ट में रेंज थोड़ी अलग हो सकती है, इसलिए अपनी रिपोर्ट की रेफरेंस रेंज भी जरूर देखें।
अगर प्रोलैक्टिन का स्तर ज्यादा है
- महिलाओं में: अनियमित पीरियड्स, गर्भधारण में दिक्कत हो सकता है।
- पुरुषों में: सेक्स ड्राइव कम होना, इरेक्शन में समस्या, या कभी-कभी सिरदर्द और आंखों में दिक्कत हो सकती है।
- बहुत ज्यादा प्रोलैक्टिन का मतलब पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर (प्रोलैक्टिनोमा) या थायरॉइड की समस्या भी हो सकती है
प्रोलैक्टिन टेस्ट की कीमत (Prolactin Test Cost in India)
प्रोलैक्टिन टेस्ट की कीमत स्थान, टेस्ट सेंटर और अतिरिक्त रक्त परीक्षण पर भी काफी निर्भर करती है। भारत में, इसकी कीमत आमतौर पर 400 रुपये से 900 रुपये के बीच होती है। पटना में, Diwya Vatsalya Mamta IVF जैसे कई फर्टिलिटी क्लीनिक इसे फर्टिलिटी स्क्रीनिंग पैकेज का हिस्सा के रूप में प्रदान करते हैं। आज ही हमारे हमारे क्लिनिक का लोकेशन Google Maps पर देखें
निष्कर्ष
Prolactin Test in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी इस ब्लॉग में दी गई है। अगर आप ऊपर बताए गए लक्षण महसूस करते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर Prolactin Test जरूर करवाएं। सही डायग्नोसिस और इलाज से आपकी प्रजनन और हार्मोनल सेहत बेहतर रह सकती है।
अगर आप अपने प्रोलैक्टिन स्तर या प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, तो Dr. Rashmi Prasad (Senior IVF Specialist) और Diwya Vatsalya Mamta IVF & Fertility Centre आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार हैं। तो आज ही डॉक्टर से संपर्क करें और उचित परामर्श लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रोलैक्टिन टेस्ट क्या है और क्यों किया जाता है?
प्रोलैक्टिन टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है, जिससे शरीर में प्रोलैक्टिन हार्मोन के स्तर का पता चलता है। यह टेस्ट तब किया जाता है जब महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, बांझपन या पुरुषों में यौन इच्छा कम हो।
प्रोलैक्टिन टेस्ट कैसे किया जाता है?
यह एक साधारण ब्लड टेस्ट है। आमतौर पर सुबह खाली पेट खून का सैंपल लिया जाता है, जिससे सटीक परिणाम मिल सके।
प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ने के मुख्य कारण क्या हैं?
पिट्यूटरी ट्यूमर, थायरॉइड की समस्या, तनाव, कुछ दवाएं, गर्भावस्था, स्तनपान, और किडनी या लीवर की बीमारी प्रोलैक्टिन बढ़ने के आम कारण हैं।
प्रोलैक्टिन लेवल बढ़ने के लक्षण क्या हैं?
महिलाओं में अनियमित पीरियड्स, बिना प्रेगनेंसी के दूध आना, बांझपन। पुरुषों में सेक्स ड्राइव में कमी, इरेक्शन की समस्या, स्पर्म काउंट कम होना।
प्रोलैक्टिन लेवल कम कैसे करें?
तनाव कम करें, संतुलित आहार लें, नियमित व्यायाम करें, और डॉक्टर की सलाह से दवा लें।
प्रोलैक्टिन टेस्ट कब करवाना चाहिए?
अगर आपको ऊपर बताए गए लक्षण हैं, या प्रजनन संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह पर प्रोलैक्टिन टेस्ट करवाएं।
प्रोलैक्टिन टेस्ट की कीमत कितनी है?
भारत में प्रोलैक्टिन टेस्ट की कीमत आमतौर पर ₹400 से ₹900 के बीच होती है, यह लैब और शहर के हिसाब से बदल सकती है।