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Testosterone Meaning in Hindi: टेस्टोस्टेरोन क्या है? बढ़ाने के उपचार

टेस्टोस्टेरोन एक प्रमुख हार्मोन है जो मुख्य रूप से पुरुषों के शरीर में पाया जाता है, लेकिन महिलाओं के शरीर में भी कम मात्रा में होता है। यह हार्मोन पुरुषों के लक्षणों को नियंत्रित करता है, जैसे कि मांसपेशियों का विकास, हड्डियों की मजबूती, सेक्स ड्राइव, और बालों की वृद्धि। पुरुषों में स्पर्म उत्पादन में टेस्टोस्टेरोन (Testosterone meaning in Hindi) की  महत्वपूर्ण भूमिका होता है, टेस्टोस्टेरोन की अपर्याप्त मात्रा से कमजोरी, चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती है।

टेस्टोस्टेरोन क्या है? (Testosterone Meaning in Hindi)

टेस्टोस्टेरोन मुख्य रूप से पुरुष में पाए जाने वाला हार्मोन है। इसे सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है, जिसका उत्पादन टेस्टिकल में होता है। यह पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाता है, इसके अलावा पुरुषों की दाढ़ी, बाल, सेक्स लाइफ के लिए भी यह जिम्मेदार होता है। इतना ही नहीं यह हार्मोन हड्डियों और मसल्स के विकास के लिए भी बहुत जरूरी होता है। यह हार्मोन महिलाओं में भी पाया जाता है लेकिन महिलाओं में इसकी मात्रा न के बराबर होती है।

पुरुष के प्रजनन अंगो के विकास के लिए यह हार्मोन बहुत जरूरी होता है। 30 की उम्र तक टेस्टोस्टेरोन की मात्रा (Testosterone levels)सबसे अधिक होती है, बढ़ती उम्र के साथ साथ इसकी मात्रा हर साल 2 प्रतिशत कम होने लगती है। यहीं वजह है कि इसके बाद पुरूषों की मसल्स कम होने लगती है। हालांकि की नियमित संतुलित आहार लेने से टेस्टोस्टेरोन की मात्राको कम होने से रोका जा सकता है।

आप हमारे (Testosterone Meaning in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की टेस्टोस्टेरोन क्या है? और जरूरी स्तर और बढ़ाने के उपाय इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।

टेस्टोस्टेरोन के फायदे और महत्व (Benefits and Importance of testosterone in Hindi)

पुरुष हो या महिला अगर टेस्टोस्टेरोन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है तो उसका सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ता है लेकिन इसकी सहीं मात्रा स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण है, जो निम्नलिखित हैं।

• हृदय को रखें स्वस्थ : टेस्टोस्टेरोन की सहीं मात्रा स्वस्थ हृदय और रक्त का संकेत देती है। टेस्टोस्टेरोन की कम मात्रा (Testosterone levels)कार्डियोवस्कुलर जोखिम से जुड़ी होती है। यह सिद्ध हो चुका है की जिन लोगों में टेस्टोस्टेरोन की सहीं मात्रा होती है उनमें हार्ट अटैक और स्टॉक होने की संभावना बहुत ही कम होती है।

• फैट की कम मात्रा : टेस्टोस्टेरोन मांसपेशियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन है। टेस्टोस्टेरोन की अधिक मात्रा से शरीर का वजन बढ़ सकता है, जबकि टेस्टोस्टेरोन की स्वस्थ मात्रा आपके शरीर का संतुलित वजन बनाएं रखने में मदद करता है और शरीर में कम फैट स्टोर होती है।

• कामेच्छा में सुधार : टेस्टोस्टेरोन एक महत्वपूर्ण सेक्स हार्मोन है और स्टडी से साबित हुआ है कि टेस्टोस्टेरोन थेरैपी से सेक्सुअल स्वास्थ्य में काफी सुधार होता है। कामेच्छा से जूझ रहे लोगों को अगर टेस्टोस्टेरोन थेरैपी दी जाएं तो उनमें काफी सुधार हो सकता है।

• अच्छी स्मृति और तर्कशक्ति : बहुत से लोगों को लगता है कि टेस्टोस्टेरोन सिर्फ कामेच्छा और मांसपेशियों पर ही प्रभाव डाल सकता है। अध्ययन में पाया गया है कि टेस्टोस्टेरोन का संबंध स्मृति, क्षमता और गणितीय तर्क से भी है। इस हार्मोन पर कई संशोधन किए जा चुके हैं, क्योंकि इसका संबंध अल्जाइमर रोग से भी है।

• मूड के करें प्रभावित : पुरूषों में कम टेस्टोस्टेरोन डिप्रेशन, थकान और चिड़चिड़ापन का कारण बन सकता है। महिलाओं में भी टेस्टोस्टेरोन की कम मात्रा से हार्मोनल संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव और डिप्रेशन हो सकता है।

टेस्टोस्टेरोन के लाभ

  • हड्डियों को मजबूत बनाएं
  • मांसपेशियों को मजबूत रखें
  • कामेच्छा को बनाएं रखना
  • रेड ब्लड सेल्स का प्रोडक्शन बढ़ाना
  • फैट के स्टोर को कम करना

टेस्टोस्टेरोन का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए? (Normal Testosterone Level)

टेस्टोस्टेरोन का लेवल पुरुष के पूरे जीवनकाल में बदलता रहता है। बच्चे, किशोरों, वयस्क और वृद्ध समूह में इसका लेवल अलग अलग होता है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, एक पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का सामान्य लेवल 300 से 1 हजार नैनोग्राम प्रति डेसीलीटर होनी चाहिए। जब टेस्टोस्टेरोन का लेवल 300 से नीचे चला जाता है तो उसे टेस्टोस्टेरोन की कमी के रूप में देखा जा सकता है। 45 वर्ष से अधिक आयु के 40% पुरूषों में टेस्टोस्टेरोन की कम मात्रा पाई जाती है।

टेस्टोस्टेरोन की मात्रा को ब्लड टेस्ट के माध्यम से मापा जाता है। यह टेस्ट सुबह 7 से 10 बजे के बीच में किया जाता है। दोपहर के समय लिए गए सैंपल में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम आ सकता है यानी गलत भी हो सकता है।

टेस्टोस्टेरोन की कमी क्या है? (What is Low Testosterone in Hindi)

जब शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम हो जाता है, तो इसे टेस्टोस्टेरोन की कमी और इंग्लिश में Low Testosterone कहा जाता है, और टेस्टोस्टेरोन की कमी होने पे पुरुषों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन पुरुषों के जननांगों एवं मांसपेशियों और हड्डियों के क्रियाओं को सुचारू रूप से नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण (Causes of Low Testosterone in Hindi)

टेस्टोस्टेरोन की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण हमने यहाँ बताये हैं:

1. उम्र बढ़ना : जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, टेस्टोस्टेरोन घटने लगता है।

2. मोटापा : अधिक वजन होने पर भी टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने लगता है।

3. तनाव और डिप्रेशन : मानसिक तनाव और डिप्रेशन भी टेस्टोस्टेरोन की कमी को प्रभावित कर सकता है।

टेस्टोस्टेरोन की कमी के लक्षण (Symptoms of Low Testosterone in Hindi)

टेस्टोस्टेरोन की कमी के कारण निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

कामेच्छा में कमी : टेस्टोस्टेरोन को सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है ऐसे में टेस्टोस्टेरोन की कमी की वजह से कामेच्छा में भी कमी देखी जाती है। इसके अलावा इरेक्शन में भी समस्या हो सकती है। कामेच्छा कम होने की वजह से लिंग में तनाव कम हो जाता है।

• थकान : टेस्टोस्टेरोन की कमी से थकावट महसूस होती है। कोई भी काम करने में मन न लगे रहा हो तो हो सकता है कि शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल बहुत कम हो गया हो।

• मसल्स में कमी : टेस्टोस्टेरोन मसल्स ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होने पर मसल्स कमजोर होने लगती है।

• टेस्टिकल के आकार में कमी : टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम होने पर टेस्टिकल का आकार सामान्य आकार से छोटा हो जाता है।

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टेस्टोस्टेरोन असंतुलन का इलाज (Testosterone Imbalance Treatment)

टेस्टोस्टेरोन असंतुलन का इलाज टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, क्रीम या इंजेक्शन, टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल या टैबलेट इत्यादि से किया जा सकता है, लेकिन इलाज शुरू करने से पहले असंतुलन का कारण जानना जरूरी है। अगर कम उम्र में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाए तो डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट का सेवन करने के लिए कह सकते हैं। इसके अलावा निम्नलिखित घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं, जैसे –

• शिलाजीत : इसमें फुल्विक एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है और टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन के लिए फुल्विक एसिड जरूरी होता है।

• माका जड़ : इसका उपयोग कामोत्तेजक औषधि के रूप में किया जाता है। इसकी वजह से टेस्टोस्टेरोन की मात्रा तेजी से बढ़ती है।

• अश्वगंधा  : अश्वगंधा की वजह से शरीर में कार्टिसोन हार्मोन का लेवल कम होता है, जिसकी वजह से टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन आसानी से होता है। इसके अलावा तनाव कम करें, नारियल के पानी का सेवन करें, कद्दू के बीज, एवोकैडो, चिया सीड्स का सेवन करें।

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निष्कर्ष

टेस्टोस्टेरोन (Testosterone meaning in Hindi) एक महत्वपूर्ण हार्मोन हैं जो सिर्फ कामेच्छा के लिए हीं नहीं बल्कि शारीरिक स्वस्थता के लिए भी बहुत ज्यादा जरूरी होता है। टेस्टोस्टेरोन की कमी से कई शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। 30 साल की उम्र के बाद टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने लगती है। हालांकि बदलती लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में भी टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने लगती है। टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम होने के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

टेस्टोस्टेरोन का मतलब क्या होता है?

टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है जो महिला और पुरुष दोनों में पाया जाता है। हालांकि महिलाओं में इसकी मात्रा न के बराबर होती है, जबकि पुरुष में इसकी मात्रा ज्यादा होती है।

टेस्टोस्टेरोन की कमी से क्या होता है?

टेस्टोस्टेरोन की कमी की वजह से इनफर्टिलिटी, थकावट महसूस होना, स्पर्म काउंट कम होना, छाती के आसपास सूजन या फिर उसके टिश्यू बढ़ना, शरीर में वसा बढ़ना, कामेच्छा में कमी जैस समस्याएं हो सकती है।

पुरुष में टेस्टोस्टेरोन कैसे बढ़ता है?

अगर कम उम्र में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाएं तो तो डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन सप्लीमेंट का सेवन करने के लिए कह सकते हैं। इसके अलावा टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, क्रीम या इंजेक्शन, टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल या टैबलेट का भी सुझाव दे सकते है।

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए क्या खायें?

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के लिए शिलाजीत, नारियल पानी, माका जड़, अश्वगंधा, कद्दू के बीज, चिया सीड्स, एवोकैडो, अदरक, कार्ब्स और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।

टेस्टोस्टेरोन की कमी से कौन सा रोग होता है?

टेस्टोस्टेरोन की कमी से कई बीमारियां हो सकती है जैसे – ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना), छाती में सूजन या टिशू का बढ़ना, बाल झड़ना इत्यादि समस्या हो सकती है।

टेस्टोस्टेरोन ज्यादा होने के नुकसान

ज्यादा टेस्टोस्टेरोन: मुंहासे, बालों का बढ़ना, आक्रामकता, प्रजनन समस्याएं, हृदय संबंधी जोखिम बढ़ सकता है।

ध्यान दें: स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से क्या होता है

टेस्टोस्टेरोन बढ़ने से: शारीरिक और मनोवैज्ञानिक बदलाव, प्रजनन समस्याएं, अन्य स्वास्थ्य जोखिम हो सकते हैं।

ध्यान दें: स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की कमी के लक्षण

टेस्टोस्टेरोन की कमी: थकान, कम यौन इच्छा, मांसपेशियों की कमजोरी, मूड स्विंग्स हो सकते हैं।
ध्यान दें: स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा

टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा: अश्वगंधा, शिलाजीत, गोक्षुरा जैसी जड़ी-बूटियां और योग मददगार हो सकते हैं।

ध्यान दें: स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a highly respected infertility and gynecology specialist with over 20 years of experience. As Director of Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, she is dedicated to helping couples achieve their dream of parenthood. Dr. Prasad holds an MD in Infertility and Gynecology, along with a Postgraduate Diploma in Assisted Reproductive Technology (ART) from Schleswig-Holstein, Germany. Her expertise covers infertility, IVF, pregnancy care, and male infertility, making her a trusted leader in reproductive health. Dr. Prasad has received several honors, including the Asia’s Greatest Award (2017), Icon of Bihar (2013), National Fertility Award (2022), and Mirchi Excellence Award (2024).

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