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Tuberculosis in Hindi : टीबी क्या है? कारण, लक्षण और इलाज

Tuberculosis in Hindi

ट्यूबरक्लोसिस (Tuberculosis in Hindi) का बैक्टीरिया सांस लेने से फैलता है। टीबी को क्षय रोग, तपोदिक और यक्ष्मा भी कहा जाता है। एक समय था जब टीबी भारत में एक लाइलाज रोग था, जिसकी वजह से मृत्यु दर भी ज्यादा था, लेकिन आज इसका इलाज संभव है। साल 1980 में WHO (World Health Organisation) ने टीबी को महामारी के रूप में घोषित किया था।

यह दुनिया भर में मृत्यु का 13वां सबसे बड़ा प्रमुख कारण है। कई बार टीबी का समय पर पता नहीं चल पाता, इसका कारण है जागरूकता का अभाव। भारत सरकार ने साल 2025 तक भारत को टीबी (TB)मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। लोगों में टीबी के लिए जागरूकता फैलाने के लिए 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस (TB Divas)के रूप में मनाया जाता है।

ट्यूबरक्लोसिस(TB) क्या है? ( What is Tuberculosis in Hindi)

ट्यूबरक्लोसिस एक लैटिन भाषा के शब्द से लिया गया है। (tuberculosis meaning in hindi) ट्यूबरक्लोसिस को आम बोलचाल की भाषा में टीबी कहां जाता है। यह खांसी और छींक के जरिए दूसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है। जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो या पहले से डायबिटीज़ या फिर एड्स जैसी बीमारियों से घिरा होता है उन्हें टीबी होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह दुनियाभर में दूसरा सबसे बड़ा जानलेवा रोग है। यह एक संक्रमक रोग होता है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टेरियम की वजह से होता है, जो कि आम तौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है लेकिन कभी कभी यह किडनी, प्रजनन प्रणाली, नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। जिसे ‘एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी’ कहा जाता है।

साल 1882 में जर्मन वैज्ञानिक रॉबर्ट कोच ने टीबी (TB) के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया की खोज की थी। टीबी धीमी गति से बढ़ते बैक्टीरिया की वजह से होता है। शरीर के जिन हिस्सों में खून और ऑक्सीजन होता है यह बैक्टीरिया उसी हिस्से में अपनी जगह बनाता है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 2 लाख बच्चे टीबी के शिकार होते हैं। आमतौर पर एंटिबायोटिक्स दवाओं के जरिए टीबी का उपचार (TB treatment) किया जा सकता है, लेकिन इसके इलाज में काफी लंबा समय लग सकता है।

टीबी के कितने चरण होते हैं? ( How many stages are there of TB in Hindi )

आमतौर पर टीबी के तीन चरण होते हैं – (types of tb in hindi)

1. एक्सपोजर

2.  लेटेंट

3. एक्टिव

एक्स्पोजर : जब कोई स्वस्थ व्यक्ति किसी टीबी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है तब यह चरण आता है।

लेटेंट : इस चरण को गुप्त चरण भी कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में टीबी के बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन उसके लक्षण (tb ke lakshan)नहीं दिखाई देते तो उसे लेटेंट चरण कहा जाता है। इस परिस्थिति में व्यक्ति का इम्यून सिस्टम इसे फैलने से रोक लेता है।

एक्टिव : यह टीबी का आखिरी चरण होता है,(tb last stage) इसमें इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया को नियंत्रित नहीं कर पाती और टीबी व्यक्ति के शरीर में फैलने लगता है और टीबी के लक्षण (tb ke lakshan) साफ दिखाई देते हैं।

ट्यूबरक्लोसिस के विभिन्न प्रकार (Types of Tuberculosis in Hindi)

ट्यूबरक्लोसिस मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – एक्टिव (सक्रिय) और लेटेंट (गुप्त) टीबी

• एक्टिव टीबी : इस स्थिति में शरीर में टीबी के बैक्टीरिया विकसित हो रहे होते हैं। टीबी के लक्षण भी दिखने लगते है और सावधानी बरती न जाए तो स्वस्थ व्यक्ति में भी संक्रमण फैल सकता है। इस प्रकार के मामले दुर्लभ होते हैं, इसका इलाज भी काफी जटिल होता है।

• लेटेंट टीबी : इस स्थिति में इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया को फ़ैलाने से रोकती है, जिसकी वजह से टीबी के लक्षण (TB ke lakshan) दिखाई नहीं देते। लेटेंट टीबी वाले मरीज से दूसरों में संक्रमण का खतरा नहीं रहता है लेकिन मरीज में एक्टिव टीबी होने की संभावना बनी रहती है।

टीबी को अन्य दो प्रकार पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी में भी बांटा जाता है।

• पल्मोनरी टीबी : आम तौर पर सबसे ज्यादा मामले प्लमोनरी टीबी के होते हैं। इस स्थिति में फेफड़े प्रभावित होते हैं। यह किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। सबसे ज्यादा यह बच्चे और बुजुर्ग में देखने को मिलता है।

• एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी : यह फेफड़ों के अलावा शरीर के दूसरे हिस्से जैसे कि किडनी, हड्डियां, नर्वस सिस्टम और मस्तिष्क को प्रभावित करता है। यह पल्मोनरी टीबी की तुलना में कम संक्रमित हैं। अगर इसका तुरंत इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है।

टीबी कैसे फैलता है? ( How is Tuberculosis spread in Hindi)

• टीबी से पीड़ित व्यक्ति छींकता या खांसता है तब टीबी के बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं, ऐसे में स्वस्थ व्यक्ति को भी टीबी हो सकता है।

• अगर गर्भवती महिला को टीबी हुआ हो तो उसके बच्चे को भी टीबी हो सकता है।

• कई लोगों का मानना है कि टीबी छूने से फैलता है लेकिन ऐसा नहीं है। टीबी से संक्रमित व्यक्ति के बर्तन या कपड़ों को छूने से टीबी नहीं फैलता है।

• एड्स से ग्रसित व्यक्ति की इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होती है ऐसे में उन्हें ज्यादा ख्याल रखना चाहिए।

टीबी के लक्षण: TB ke lakshan (Symptoms of Tuberculosis in Hindi)

यहाँ आपको टीबी के लक्षण दिये गये है: TB ke lakshan in Hindi (TB symptoms in Hindi)

  • 3 हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी होना
  • खांसते बलगम के साथ खून आना
  • अक्सर बुखार आना
  • सीने में दर्द, रात को पसीना आना
  • यह रोग शरीर को कमजोर कर देता है जिसकी वजह से थकान और कमजोरी आना
  • भूख न लगना
  • वजन कम हो जाना
  • सांस की तकलीफ़

टीबी का कारण (Causes of Tuberculosis in hindi)

• टीबी हवा के माध्यम से फैलता है। जब कोई भी टीबी से संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है या छींकता है तब इनके बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति ऐसी हवा के संपर्क में आता है तो उसे भी टीबी हो सकता है।

• संक्रमित व्यक्ति के नजदीक संपर्क में रहना

• छोटे बच्चे और बुजुर्ग, एड्स से पीड़ित व्यक्ति जिनकी इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर होती है

टीबी की जांच कैसे होती है? (Diagnosis of Tuberculosis in Hindi)

टीबी का निदान करने के लिए डॉक्टर कई परिक्षण कर सकते हैं।

  • लिम्फ नोड्स में आई सूजन और सांस लेते वक्त आ रही आवाज की जांच करेंगे।
  • ट्यूबरकुलिन स्किन परिक्षण
  • ब्लड टेस्ट
  • छाती का एक्स-रे
  • स्प्यूटम टेस्ट
  • फूंक के नमूने की जांच

टीबी का उपचार क्या है? (Treatment of Tuberculosis in Hindi)

• एक्टिव टीबी की स्थिति 6 से 12 महीनों तक आइसोनियाजिड, एथेमब्युटोल, रिफम्पिं, पायराजीनामाईड दवाइयां दी जाती है।

• लेटेंट टीबी की स्थिति में रिफापेंटाइन, आइसोनियाजिड, रिफम्पिं दवाइयां 9 महीनों तक दी जाती है।

• टीबी में बैक्टीरिया बहुत ही धीमी गति से बढ़ते हैं इसलिए मरीज को 4 से 6 महीने तक एंटीबायोटिक्स दवाइयां दी जाती है। कभी कभी कुछ मरीजों को सर्जरी या कॉर्टिकोस्टेरॉइड का सुझाव भी दिया जाता है।

• अगर टीबी गंभीर हो तो डॉक्टर अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव भी दे सकते है।

निष्कर्ष (Tuberculosis in Hindi)

टीबी पहले लाइलाज़ माना जाता था लेकिन अब समय पर इसका निदान किया जाए तो व्यक्ति फिर से स्वस्थ हो सकता है। टीबी (Tuberculosis in Hindi) का इलाज 6 से लेकर 12 महीने तक चल सकता है। डॉक्टर के सुझाव के मुताबिक दवाइयां लेने से गंभीर टीबी की स्थिति को भी ठीक किया जा सकता है। अगर आप खुद में ट्यूबरक्लोसिस लक्षण को अनुभव करते हैं तो आज ही पटना के सब से विश्वसनीय डॉ से कंसल्ट करे।

TB से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी कैसे होती है?

ट्यूबरक्लोसिस की बीमारी हवा के माध्यम से फैलती है। टीबी से संक्रमित व्यक्ति व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तब टीबी के बैक्टीरिया हवा में फैल जाते हैं और अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति इस हवा के संपर्क में आता है तो उसे भी टीबी होने की संभावना रहती है।

क्या TB हमेशा के लिए ठीक हो सकता है?

डॉक्टर के सुझाव के मुताबिक दवाइयां लेने से और उनकी दिशा निर्देश का पालन करने से TB ठीक हो सकता है।

टीबी की लास्ट स्टेज क्या है?

टीबी के आखिरी स्टेज में उनके लक्षण का फैलाव बढ़ने लगता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।

टीबी में क्या नहीं खाना चाहिए?

टीबी में मरीज को रिफाइंड चीनी, कैफीन, आटा और सोडियम के सेवन से बचना चाहिए। संतृप्त और ट्रांस वसा वाले खाद्य पदार्थ से भी बचना चाहिए।

टीबी की दवा कितने दिन में असर करती है?

टीबी की दवाइयां उसके लक्षण पर निर्भर करती है। गंभीर स्थिति में दवाइयों का असर दिखने में वक्त लग सकता है।

टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?

टीबी का इलाज 6 से 12 महीने तक चल सकता है। डॉक्टर के सुझाव के अनुसार दवाई का सेवन करें और डॉक्टर के कहने पर ही उसका सेवन बंद करें।

Dr-Rashmi-Prasad

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