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Hemoglobin in Hindi : हीमोग्लोबिन क्या है ? कारण, लक्षण और इलाज

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हमारे शरीर की सभी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से करने के लिए हीमोग्लोबिन (Hemoglobin in Hindi) की आवश्यकता रहती है। हीमोग्लोबिन के कम लेवल को नजरंदाज करना हानिकारक हो सकता है। ग्लोबल न्यूट्रीशन की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 51 फीसदी महिलाएं गर्भधारण के दौरान एनीमिया से ग्रस्त होती है। ऐसे में हीमोग्लोबिन की कमी कई बीमारियों को जन्म दे सकती है। विशेषज्ञों के मुताबिक हीमोग्लोबिन की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है।

Table of Contents

हीमोग्लोबिन क्या है? (What is Hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाला एक आयरन युक्त प्रोटीन है। जो ऑक्सीजन का वहन करता है। हीमोग्लोबिन टेस्ट के जरिए हम रक्त में मौजूद हीमोग्लोबिन के लेवल को जान सकते हैं। हीमोग्लोबिन रक्त कोशिकाओं का सबसे महत्वपूर्ण घटक है। हीमोग्लोबिन का मुख्य काम ऑक्सीजन को शरीर के टिशू तक पहुंचाना होता है। अगर शरीर के किसी भी हिस्से में ऑक्सीजन की कमी हो तो उसे पूरा करने का काम हीमोग्लोबिन हीं करता है। यह हीम नामक प्रोटीन से बना है। हीमोग्लोबिन की कमी के कारण शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाती है। जिसकी वजह से एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती है और कभी कभी यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।

हीमोग्लोबिन की थोड़ी कम मात्रा होना कुछ व्यक्तियों के लिए सामान्य है और वह किसी बिमारी का संकेत नहीं है। पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन की मात्रा अगर थोड़ी कम होती है तो उससे डरने की जरूरत नहीं है।

हीमोग्लोबिन कम होने के कारण (Causes of Low Hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन कम होने पर एनीमिया होता है। हीमोग्लोबिन बनाने के लिए आवश्यक आयरन न मिलने पर ऐसी स्थिति का निर्माण होता है। इसके अलावा निम्नलिखित लिखीत कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।

  • लाल रक्त कोशिकाओं की कमी
  • थैलेसीमिया, कैंसर, एड्स, सिरोसिस
  • कुपोषण
  • फोलेट या विटामिन B12, आयरन की कमी
  • हड्डियों की मज्जा और स्टेम सेल में समस्या
  • लिंफोमा, बवासीर, पेट में अल्सर
  • पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना

हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण (Symptoms of Low Hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन कम होने पर व्यक्ति को निम्नलिखित अनुभव हो सकता है।

  • कमजोरी आना, थकान लगना
  • हाथ और पैर ठंडे हो जाना
  • ध्यान लगाने में कमी ષડ
  • चक्कर आना, घबराहट होना
  • सर और छाती में दर्द होना
  • सांस फूलना, चिड़चिड़ापन
  • स्किन का पीला पड़ जाना
  • भूख न लगना
  • अधिक निंद आना

हीमोग्लोबिन का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन टेस्ट के जरिए खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा की जांच की जाती है। इसका निदान कई तरीकों से किया जाता है। यह टेस्ट लैबोरेटरी या फिर अस्पतालों में विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। टेस्ट के परिणाम के बाद डॉक्टर इलाज के लिए सुझाव दे सकते है।

• फिजिकल टेस्ट

• लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या जानने के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट किया जाता है। यह एक ब्लड टेस्ट है।

• विटामिन B12 और B9 की जांच

• शरीर में आयरन की मात्रा को मापने के लिए खून में आयरन की कमी की जांच

• लाल रक्त कोशिकाएं कितनी जल्दी बन रही है यह जानने के लिए युरीन टेस्ट

• रेटिकुलोसाइट काउंट, बिलीरुबिन, फिंगर प्रिक और अन्य ब्लड टेस्ट के लिए सुझाव दे सकते है।

हीमोग्लोबिन की कमी का उपचार (Treatment of Hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन की कमी का उपचार उसके कारण पर निर्भर करता है। अगर ब्लड टेस्ट में हीमोग्लोबिन की कमी पाई जाती है तो आपके डॉक्टर हीमोग्लोबिन की कमी का कारण पता करेगा उसके निदान के बाद आपका उपचार तय किया जाएगा।

• अगर आपमें विटामिन B12 की कमी होंतो डॉक्टर विटामिन B12 की दवाइयां या फिर इंजेक्शन का सुझाव दे सकते है।

• फोलेट की कमी हो तो डॉक्टर फोलेट की टेबलेट दे सकते है।

• आयरन की कमी हो तो आयरन के सप्लीमेंट्स

• योग और व्यायाम भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करता है।

• कॉफी, चाय, कोला, आल्कोहोल जैसे पदार्थ शरीर में आयरन प्राप्त करने की क्षमता में बाधक बन सकता है।

हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा क्या है? (Normal level of Hemoglobin in Hindi)

हीमोग्लोबिन की मात्रा को ग्राम प्रति डेसीलीटर में मापा जाता है। पुरुष में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 14 से 18 प्रति ग्राम डेसीलीटर (एक लीटर का दसवां भाग) और महिलाओं में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 12 से 16 प्रति ग्राम डेसीलीटर होनी चाहिए। अगर हीमोग्लोबिन सामान्य मात्रा से कम हो जाता तो एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में तुरंत हीं डॉक्टर से संपर्क करके उपचार शुरू कर देना चाहिए।

हीमोग्लोबिन कमी से होने वाली समस्याएं (Risk Factors of low Hemoglobin

in Hindi)

हीमोग्लोबिन की कमी की वजह से कई और बीमारी भी हो सकती है। इसलिए हीमोग्लोबिन की कमी को नजरंदाज नहीं करना चाहिए। हीमोग्लोबिन के लक्षण दिखते हीं उसका निदान करवाना चाहिए जिससे आने वाली बीमारियों को रोका जा सके।

  • एनीमिया
  • ब्लड प्रेशर
  • संक्रमण का खतरा
  • शरीर में अकड़न और दर्द
  • पीरियड्स के दौरान दर्द
  • किडनी और लिवर संबंधी बीमारी
  • दिल से जुड़ी बीमारी
  • डिप्रेशन
  • बच्चों के विकास में देरी
  • गर्भावस्था संबंधी जटिलता

हीमोग्लोबिन की कमी से बचाव (How to prevent Hemoglobin deficiency)

हीमोग्लोबिन की कमी बचने के लिए अपनी जीवनशैली और डायट में बदलाव करना जरूरी है।

• आयरन युक्त आहार का सेवन करें, सभी प्रोटीन और विटामिन से भरपूर संतुलित भोजन खाएं।

• केफीन पदार्थो आयरन को अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं ऐसे में ऐसे पदार्थों का ज्यादा सेवन करने से बचें।

• आयरन को अवशोषित करने के लिए विटामिन C का सेवन बढ़ाए।

• जंक फूड, शुगर से दूर रहें

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हीमोग्लोबिन की कमी में क्या खाना चाहिए

विशेषज्ञों के मुताबिक हीमोग्लोबिन की कमी को आसानी से दूर किया जा सकता है। हीमोग्लोबिन की कमी का निदान होते ही अपने डायट में बदलाव करके हीमोग्लोबिन का लेवल ठीक कर सकते हैं।

• आयरन युक्त आहार जैसे पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, लहसुन, गाजर, गुड़ का सेवन करें, जरूरत पड़ने पर आयरन के सप्लीमेंट्स

• खजूर, बादाम, अंजीर, पिस्ता, अखरोट और किशमिश खाएं

• अंडा, चिकन और मछली का सेवन करें

• विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे सेब, संतरा, अनार, चुकंदर, केला, गाजर, अमरूद, आंवला, जामुन और टमाटर का सेवन करने से हीमोग्लोबिन की कमी दूर होती है।

• फोलिक एसिड जैसे चावल, स्प्राउट्स, गेंहू के अंकुर, मूंगफली, केला और ब्रोकोली

निष्कर्ष

हीमोग्लोबिन शरीर की सभी प्रक्रियाओं को सहीं तरीके से करने लिए जरूरी होता है। सिर्फ महिलाओं में हीं नहीं पुरुषों में भी हीमोग्लोबिन (Hemoglobin in Hindi) की कमी से कई बीमारियां हो सकती है। ऐसे में हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण दिखाई देने पर आज ही डॉ रश्मि प्रसाद  से परामर्श ले । सहीं डायट से इसे आसानी से दूर किया जा सकता है। आयरन के सप्लीमेंट्स भी हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने में मदद करता है।‌

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. शरीर में हीमोग्लोबिन कितना होना चाहिए?

पुरुष में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 14 से 18 प्रति ग्राम डेसीलीटर (एक लीटर का दसवां भाग) और महिलाओं में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 12 से 16 प्रति ग्राम डेसीलीटर होनी चाहिए।

Q2. शरीर में हीमोग्लोबिन कम होने का क्या कारण है?

 शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के लिए लाल रक्त कोशिकाओं की कमी, थैलेसीमिया, कैंसर, एड्स, सिरोसिस, कुपोषण, फोलेट या विटामिन B12, आयरन की कमी, हड्डियों की मज्जा और स्टेम सेल में समस्या, लिंफोमा, बवासीर, पेट में अल्सर और महिलाओं में पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होना जैसे कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।

Q3. हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण क्या है?

कमजोरी आना, थकान लगना, हाथ और पैर ठंडे हो जाना, ध्यान लगाने में कमी, चक्कर आना, घबराहट होना, सर और छाती में दर्द होना, सांस फूलना, चिड़चिड़ापन, स्किन का पीला पड़ जाना, भूख न लगना, अधिक निंद आना जैसे संकेत हीमोग्लोबिन की कमी को दर्शाता है।

Q4. घर पर तुरंत हीमोग्लोबिन कैसे बढ़ाएं?

पालक और हरी पत्तेदार सब्जियां, मेथी, लहसुन, गाजर, गुड़ का सेवन करें, आयरन के सप्लीमेंट्स, खजूर, बादाम, अंजीर, पिस्ता, अखरोट और किशमिश, अंडा, चिकन और मछली, विटामिन C से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करके आप घर पर ही हीमोग्लोबिन बढा सकते हैं।

Q5. HB की कमी से कौन सा रोग होता है?

HB की कमी से एनीमिया, ब्लड प्रेशर, संक्रमण का खतरा, शरीर में अकड़न और दर्द, पीरियड्स के दौरान दर्द, किडनी और लिवर संबंधी बीमारी, दिल से जुड़ी बीमारी, डिप्रेशन बच्चों के विकास में देरी और गर्भावस्था संबंधी जटिलता जैसी समस्याएं हो सकती है।

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Dr.Rashmi Prasad

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Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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