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Pregnancy Diet Chart in Hindi : जानिए प्रेगनेंसी डाइट चार्ट

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प्रेगनेंसी हर महिला के लिए एक अलग ही अनुभव लेकर आती है। इस दौरान महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते है। इतना ही नहीं इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को सहीं पोषण मिले इसलिए लिए मां के डायट प्लान (Pregnancy Diet Chart in Hindi) में सभी पोषण युक्त आहार को शामिल करना जरूरी है।

क्या होता है प्रेगनेंसी डाइट प्लान? (Pregnancy Diet Chart in Hindi)

प्रेगनेंसी के समय डायट प्लान ऐसा होना चाहिए की मां के साथ साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी जरूरी सभी पोषक तत्व मिलते रहे। प्रेगनेंसी के समय में महिला के शरीर को भारी मात्रा में विटामिन और प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसलिए डायट प्लान में पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली जैसी हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए। साथ में प्रोटीन, फायबर, आयरन, कैल्शियम की अधिक मात्रा से भरपूर शलजम और बीन्स का भी अधिकतर सेवन करना चाहिए।

प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए? (What to eat in pregnancy in Hindi)

गर्भवती महिला को अपने साथ साथ गर्भ में पल रहे शिशु का भी ख्याल रखना होता है ऐसे में डायट प्लान शिशु के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आप जो भी खाते है उसका सीधा असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है, ऐसे में खान-पान का सबसे ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। एक सामान्य महिला को रोजाना 1800 जबकि एक प्रेगनेंट महिला को रोजाना 2200 कैलोरी की जरूरत पड़ती है। प्रेगनेंसी में गर्भस्थ शिशु के विकास के जरूरत के हिसाब से हर महीने डायट प्लान में बदलाव भी करना पड़ता है।

1. पहला महीना : फल, सब्जी और प्रोटीन के लिए दाल और दूध का सेवन करें। विटामिन B6 के लिए केला, साबूत अनाज, नट्स, रोजाना विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कम से कम 3 सीजनल फल का सेवन करें।

2. दूसरा महीना : प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में गर्भस्थ शिशु की मांसपेशियों का विकास शूरू होता है ऐसे में मछली और पनीर का सेवन करें।

3. तीसरा महीना : प्रेगनेंसी का तीसरा महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है, गर्भपात की संभावना सबसे ज्यादा इस महीने होती है। इस महीने भृण आकार ले रहा होता है। इसलिए कैलोरी का सेवन करें, सीजनल फल, अंडे, संतरा, ब्रोकली और पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।

4. चौथा महीना : इस महीने हार्ट बर्न की तकलीफ़ न हो इसलिए ओट्स, केला, सेब, तरबूज, अमरूद, कीवी का सेवन करें। पेट में ऐंठन महसूस न हो इसलिए फ्रूट सलाद और छाछ का सेवन करें।

5. पांचवा महीना : इस महीने बच्चे का तेजी से विकास हो रहा होता है इसलिए खाने में प्रोटीन, फायबर, आयरन और कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाना चाहिए। इस महीने फ्रूट सलाद, दलिया, ओट्स, सूजी से बनी खीर, हरि सब्जियां, रोटी, दाल का सेवन करें।

6. छठा महीना : इस महीने मां के साथ साथ बच्चे के वज़न में भी वृद्धि होती है। ऐसे में प्रोटीन से भरपूर बीन्स, अंडे, मछली, मीट, टोफू, पनीर, दाल, ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर सालमोन, टूना मछली, कार्बोहाइड्रेट से भरपूर चावल, अनाज और आलू का सेवन करना चाहिए।

7. सातवां महीना : इस दौरान गर्भस्थ शिशु की संज्ञानात्मक और विज़न स्किल विकसित हो रही होती है इसलिए इस महीने अखरोट, अलसी, पालक, खोआ का सेवन करें। लौह तत्व से भरपूर लाल मांस, चिकन, शलजम, तिल, सोयाबीन, सूखे मेवे का सेवन करें।

8. आठवां महीना : इस महीने मां को एनीमिया और विटामिन B12 की कमी हो सकती है। एसिडिटी और सीने में जलन की दिक्कत से बचने के लिए दहीं और फ्रूट सलाद का सेवन करें। एक कटोरी हरी सब्जी और दाल का सेवन करें। नारियल पानी और भिगोएं हुए ड्राय फ्रूट्स का भी सेवन करें।

9. नौवां महीना : इस महीने गर्भस्थ शिशु का संपूर्ण विकास हो चूका होता है। इस महीने पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है। इसलिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहे, इसके अलावा नारियल का पानी भी पी सकते है। आयरन और विटामिन सी से भरपूर डाइट लें। अगर आप नोर्मल डिलीवरी चाहते है तो हल्दी, लहसुन और अदरक को भी डायट में शामिल करें।

प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए?  (What not to eat in pregnancy in Hindi)

  • पपीता, कटहल और अनानास का सेवन करने से बचें।
  • जंक फूड और कोल्ड ड्रिंक्स से दूर रहें।
  • तली हुई और मसालेदार चीज़ों के सेवन से बचें।
  • बिना डॉक्टर से परामर्श किए दवाओं का सेवन न करें।
  • पैकेज्ड फूड से दूर रहे।
  • कच्चा या आधा पका अंडे न खाएं, ऐसा करने से इंफेक्शन होने का ख़तरा रहता है।
  • कॉफी में कैफीन पाया जाता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है इसलिए कॉफी पीने से बचें।

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प्रेग्नेंट महिला की जीवनशैली

  • प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर से परामर्श करके हल्का फुल्का व्यायाम जरूरी करें।
  • स्ट्रेस से बचने के लिए मेडिटेशन करें और पर्याप्त नींद लें।
  • प्रेगनेंसी में खान- पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए, थोड़े थोड़े अंतराल में कुछ खाते रहना चाहिए।
  • प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर द्वारा निर्देशित सभी दवाइयों का समय पर सेवन करें।
  • इस दौरान यात्रा करने से बचें, अगर यात्रा करना जरूरी हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।

प्रेगनेंसी में महिलाओं के आहार संबंधी दिशानिर्देश ( Pregnancy Diet Chart in Hindi )

  • डायाबिटीस से बचने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा मिठाई और शुगर के सेवन से बचें।
  • हाइड्रेटेड रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, ताजे फलों का जूस पिएं।
  • विटामिन, मिनरल, फाइबर, मिनरल से भरपूर आहार का सेवन करें।

प्रेगनेंसी में गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए डाइट प्लान में सभी पोषण युक्त आहार को शामिल करना चाहिए। इसके लिए अनुभवी डॉक्टर का संपर्क करना ज़रूरी है। आपके BMI के मुताबिक डॉक्टर आपका डायट प्लान बनाते है जो सिर्फ आपको ही नहीं बल्कि गर्भस्थ शिशु को भी सभी पोषक तत्वों देने में मदद करता है। अगर आप भी ऐसा हीं डायट प्लान चाहते है तो आज ही संपर्क करें दिव्या वात्सल्य ममता IVF Centre in Patna में डॉ रश्मि प्रसाद से जो आपके लिए सही डाइट प्लान बनाने में मदद करेंगे।

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी के दौरान मां के साथ साथ गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए पोषण युक्त आहार बहुत ही जरूरी होता है। खान पान ऐसा होना चाहिए जो शिशु के विकास में सहायक हो। इसके लिए प्रेगनेंसी के दौरान डायट चार्ट (Pregnancy Diet Chart in Hindi) तैयार करना और उसे फॉलो करना जरूरी है।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. प्रेगनेंसी में भोजन कितनी बार करना उचित होता है?

प्रेगनेंसी में 3 से 4 घंटे के अंतराल में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन लेना चाहिए। भोजन ऐसा होना चाहिए जो आसानी से पच सके। प्रेगनेंसी के दौरान 10 से 12 किलो वजन बढ़ना आम बात है इसलिए खाने पीने संकोच न करें।

Q2. क्या प्रेगनेंसी के दौरान मुझे सप्लीमेंट्स लेने चाहिए?

जी, हां प्रेगनेंसी के लिए कुछ सप्लीमेंट जरूरी है लेकिन डॉक्टर से परामर्श करके हीं सप्लीमेंट का सेवन करें। बिना डॉक्टर के परामर्श किए सप्लीमेंट लेने से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

Q3. प्रेगनेंसी में सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस होना आम बात है इसलिए सुबह उठकर एक गिलास गाय के दूध का सेवन करने से मॉर्निंग सिकनेस में राहत मिलती है।

Q4. प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में पपीता, कटहल, ओयली और मसालेदार चीज़ों से दूर रहना चाहिए। साथ ही पैकेज्ड फूड से दूर रहें।

Q5. प्रेगनेंसी में ज्यादा क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में आसानी से पच सके वैसे हीं आहार का सेवन करें। एक हीं बार में ज्यादा खाने की जगह थोडे थोडे अंतराल में खाना खाएं। डायबिटीज़ के जोखिम से बचने के लिए मिठाई और शुगर के ज्यादा सेवन से बचें।

Dr-Rashmi-Prasad

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