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Pregnancy symptoms in Hindi - Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre in Patna

Pregnancy Symptoms in Hindi : प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण?

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में पीरियड्स का डिले होना आम बात ऐसे में कई बार इस लक्षण को नजरंदाज किया जाता हैं। प्रेगनेंसी के शुरुआती कई ऐसे लक्षण (Pregnancy Symptoms in Hindi ) होते हैं जिस पर अगर ध्यान दिया जाए तो आप खुद ही इस ‘गुड न्यूज’ कंफर्म कर सकते। ‘गुड न्यूज’ के बाद शूरू होती हैं एक महिला की मां बनने तक की अद्भुत सफर। और इस सफर को आसान बनाने के लिए जरूरी है शुरुआती लक्षण को पहचानना।

हर महिला के लिए गर्भावस्था एक अद्भुत एहसास होता हैं। एक ऐसा एहसास जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल होता है। परिवार की खुशियों को साथ साथ यह एक ऐसा वक्त होता हैं जब एक महिला एक साथ कई सारें इमोशन्स से भी गुजरती हैं। प्रेगनेंसी की शुरुआत से लेकर डिलीवरी तक का वक्त पेट में पल रहे बच्चे के साथ साथ मां के लिए भी इतना ही महत्व रखता हैं। ‌इस वक्त प्रेगनेंट महिला को अपने साथ साथ पेट में पल रहे बच्चे की भी जिम्मेदारी निभानी होती हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में भी काफ़ी बदलाव आते हैं।

प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षणEarly pregnancy symptoms in Hindi

Early pregnancy symptoms in Hindi
Early pregnancy symptoms in Hindi

प्रेगनेंसी के दौरान कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। जिसकी वजह से कई लक्षण देखने को मिल सकते हैं। कुछ महिलाओं में प्रेगनेंसी के दौरान बहुत ज्यादा लक्षण देखने मिलते हैं जबकी कुछ महिलाओं में बहुत ही कम लक्षण देखने को मिलते हैं।

पीरियड्स मिस होना, जी मिचलाना और उल्टी आना, ब्रेस्ट के आकार में बदलाव, थकान और बार बार युरीन आना आदि प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण है। हालांकि यह लक्षण किसी और वजह से भी दिख सकते हैं, इसलिए इन लक्षणों का मतलब प्रेगनेंसी हीं नहीं होता। स्ट्रेस (तनाव) या फिर किसी और बिमारी की वजह से भी यह लक्षण दिख सकते हैं। अगर आप को संदेह है कि आप प्रेंग्नेंट हैं तो आप होम प्रेगनेंसी किट से घर पर ही टेस्ट कर सकते हैं या फिर डॉक्टर का संपर्क करें।

1. पीरियड्स मिस होना

प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण में सबसे पहले आता है पीरियड्स का मिस होना (early pregnancy symptoms in Hindi)। हालांकि कई महिलाओं में प्रेगनेन्सी के बावजूद पीरियड्स मिस होने की जगह लाइट पीरियड्स आ सकते हैं मतलब की इस दौरान ब्लीडिंग की मात्रा काफी कम होती हैं।

2. मूड में बदलाव 

पीरियड्स के कुछ दिन पहले की तरह प्रेगनेंसी में भी मूड स्विंग्स यानी मूड में बदलाव आना आम बात है। छोटी-छोटी बातों पे चिड़चिड़ापन भी हो सकता हैं। हार्मोन का स्तर बैलेंस होने पर मूड स्विंग्स की समस्या दूर हो जाती हैं, लेकिन कई महिलाएं प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों तक मूड स्विंग्स का अनुभव करती हैं।

3. थकान महसूस होना

प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाएं बहुत ही ज्यादा थकान महसूस करती हैं। पहले ट्रायमेस्टर से लेकर दूसरे ट्रायमेस्टर तक  थकान महसूस होना आम बात है। वैसे तो दूसरे ट्रायमेस्टर में थकान की समस्या दूर हो जाती हैं लेकिन तीसरे ट्रायमेस्टर में फिर से थकान से सामना करना पड़ सकता हैं।

4. जी मिचलाना (मॉर्निंग सिकनेस) 

आधी से ज्यादा प्रेग्नेंट महिलाएं मॉर्निंग सिकनेस का अनुभव करती हैं। कई महिलाओं को भूख भी नहीं लगती और इतना ही नहीं कई महिलाएं सिर्फ मॉर्निंग में हीं नहीं बल्कि पूरा दिन इस लक्षण को महसूस करती हैं।

मॉर्निंग सिकनेस आम तौर पे प्रेगनेंसी के चौथे से छठे सप्ताह से शुरू होती हैं और बारहवें सप्ताह तक महसूस की जा सकती हैं। कई महिलाओं में यह बारह सप्ताह से भी ज्यादा चलता है और कई महिलाओं में 32 वे सप्ताह के बाद फिर से

मॉर्निंग सिकनेस के लक्षण महसूस किए जा सकते हैं।

5. चक्कर आना 

शरीर में हार्मोनल बदलाव और ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव की वजह से प्रेगनेंसी के दौरान चक्कर आना सामान्य है। यह पहले ट्रायमेस्टर से लेकर छह सप्ताह तक चक्कर महसूस हो सकते हैं। अगर बार बार चक्कर आ रहे हो, बेहोश हो जाएं तो ऐसे समय में तुरंत ही डॉक्टर का संपर्क करें।

6. सांस लेने में तकलीफ

प्रेगनेंसी के तीसरे ट्रायमेस्टर में सांस लेने में तकलीफ होना सामान्य है। कई माफियाओं को प्रेगनेंसी के शुरुआत में भी ऐसा होता हैं। अगर आपको अस्थमा जैसी बिमारी है तो इसको लेकर डॉक्टर से परामर्श करें। सांस लेने में तकलीफ के अलावा और कोई लक्षण न हो तो डर ने की बात नहीं है।

7. सिर दर्द और सिर भरी होना

प्रेगनेंसी के पहले और दूसरे ट्रायमेस्टर में सरदर्द की शिकायते ज्यादा रहती हैं। हार्मोन का स्तर और ब्लड वॉल्यूम बढ़ने की वजह से पहले ट्रायमेस्टर में सरदर्द की शिकायते हो सकती हैं।

8. बार-बार पेशाब लगना

प्रेगनेंसी के वक्त शरीर में प्रवाही का स्तर बढ़ जाता हैं और किडनी की कार्यक्षमता में वृद्धि पाए जाती हैं। गर्भाशय में पल रहे बच्चे की वजह से ब्लैडर पर दबाव आता है। बार बार टायलेट जाना भी प्रेगनेंसी के मुख्य लक्षणों (Pregnancy ke lakshan) में जाना जाता है।

9. कब्ज की शिकायत

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का पाचनतंत्र प्रभावित होता हैं, जिसकी वजह से कब्ज की समस्या हो सकती हैं। कई महिलाओं को इन दौरान बवासीर भी हो सकता हैं। लेकिन बच्चे के जन्म के बाद यह शिकायते भी दूर हो जाती हैं।

10. स्तनों के आकार में बदलाव

प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट में सूजन आ जाती हैं। ऐसा हीं कुछ पीरियड्स शुरू होने से पहले भी देखा जाता हैं। प्रेगनेंसी के दौरान निप्पल के आसपास की त्वचा का रंग गहरा हो जाता हैं।

11. रक्तस्राव और ऐंठन 

अगर आपको कोई और लक्षण भी दिख रहे हो तो अपने डॉक्टर से परामर्श करें। इतना ही नहीं अगर ब्लीडिंग हो या फिर पानी की थैली फट जाए, शरीर का तापमान ज्यादा रहता हो, गंभीर सर दर्द या फिर विज़न लोस जैसे लक्षण देखने को मिले तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें

प्रेग्नेंसी के लक्षणों को देखते हुए प्रेग्नेंसी को कैसे कंफर्म करें

प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जैसे की, पीठ दर्द, सिर दर्द, लेग क्रैम्प्स या वैरिकाज़ वेइंस, खुजली या झनझनाहट, कब्ज, योनि स्राव, मूड स्विंग्स या फिर डिप्रेशन।

प्रेगनेंसी टेस्ट आप घर पर ही किट के जरिए भी कर सकते हैं और ब्लड टेस्ट के जरिए भी कर सकते हैं।

  • प्रेगनेंसी किट : पीरियड्स मिस होने के 2-10 दिन में आप प्रेगनेंसी किट के जरिए टेस्ट कर सकते हैं। घर पर टेस्ट करने के लिए सबसे पहले युरिन का इस्तेमाल किया जाता हैं। अगर टेस्ट पॉजिटिव आता है तो तुरंत ही डॉक्टर का संपर्क करें।
Pregnancy Test Kit Use
Pregnancy Test Kit Use
  • ब्लड टेस्ट युरीन टेस्ट से भी ज्यादा अधिकृत टेस्ट है ब्लड टेस्ट। यह टेस्ट आप घर पर नहीं कर सकते। ओवुलेशन के 6 से 8 दिन बाद आप ब्लंट टेस्ट के जरिए प्रेगनेंसी कंफर्म कर सकते हैं। होम प्रेगनेंसी किट की तुलना में ब्लड टेस्ट का परिणाम आने में वक्त लगता हैं।

    और ‘गुड न्यूज’ मिलने के तुरंत बाद आता है एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम और वह है अपना और अपने आने वाले बच्चे का ख्याल रखना। तो तुरंत ही संपर्क करें दिव्या वात्सल्य ममता IVF सेंटर का। जहां अनुभवी डॉक्टर्स आपके इस अहसास हो बनाएंगे और भी यादगार।

इसे भी पढ़ें: जानिए क्या होता है IVF (IVF kya hai) और कैसे की जाती है IVF प्रक्रिया 

FAQs (प्रेगनेंसी के बारे पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. प्रेगनेंसी का पहला लक्षण क्या होता है?

प्रेगनेंसी के पहले हफ्ते में कई महिलाओं को कुछ भी अलग महसूस नहीं होता हैं। हालांकि की कई महिलाओं में जी मिचलाना और उल्टी, बार-बार युरीन आना, सरदर्द जैसी शिकायते हो सकती हैं जो की प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण है।

Q2. पीरियड आने से पहले कैसे पता करें कि हम प्रेग्नेंट है या नहीं?

ब्रेस्ट साइज में बदलाव आना, थकावट, पैरों में सूजन, उल्टी आना, स्वाद में बदलाव आना, सांस फूलना, फूड क्रेविंग, कब्ज़ जैसे लक्षण से भी प्रेगनेंसी के बारे में पता लगा सकते हैं।

Q3. प्रेग्नेंट है या नहीं कैसे पता चलता है?

पीरियड्स मिस होने के साथ साथ शरीर और भी कई संकेत देना शूरु कर देते हैं जैसे की ऐंठन, शरीर का तापमान बढ़ना, ब्रेस्ट का भारी हो जाना, थकावट, उल्टी होना आदि।

Q4. प्रेगनेंसी के लक्षण कितने दिन में दिखते हैं?

प्रेगनेंसी के लक्षण 6-14 दिनों में हीं दिखने शुरू हो जाते हैं। ओव्यूलेशन के दौरान सेक्स किया जाए तो प्रेगनेंसी के चान्स बढ़ जाते हैं। फर्टिलाइजेशन के बाद भ्रम गर्भधारण की दीवार से जुड़ने लगता है और पीरियड्स के 10 दिन पहले बच्चा conceive हो जाता हैं। 

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