महिलाओं में ओवुलेशन की प्रक्रिया काफी महत्वपूर्ण है। गर्भधारण करने के लिए ओवुलेशन की (Ovulation Meaning in Hindi) प्रक्रिया बहुत जरूरी है। यह प्रक्रिया पीरियड्स शुरू होने से पहले होती है। आमतौर पर ओवुलेशन की प्रक्रिया सिर्फ एक ही बार होती है लेकिन कई महिलाओं में इसकी दो साइकिल भी देखी गई है, जिसकी वजह से जुड़ावा बच्चे के जन्म की संभावना बढ़ जाती है।
ओवुलेशन क्या है? (Ovulation Meaning in Hindi)
महिलाओं की ओवरी में जब एग्स होते तब ओवुलेशन होता है। हर महीने ओवरी से 15-20 एग्स रिलीज होते है। यह पिरीयड्स साइकिल का ही एक हिस्सा है। यह एग्स फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय तक पहुंचते है। अगर इस दौरान महिला और पुरुष का मिलन नहीं होता है तो एग्स टूट कर ब्लड के रूप में महिला के शरीर से बाहर निकल जाते है, जिसे हम पीरियड्स कहते है। और अगर ओवुलेशन की इस प्रक्रिया के दौरान महिला और पुरुष में बिना निरोध के शारीरिक संबंध बनते है तो गर्भधारण करने की संभावना अधिकतर बढ़ जाती है।
ओवुलेशन कब होता है? (Beginning of Ovulation in Hindi)
आमतौर पर ओवुलेशन की प्रक्रिया का समय हर महिलाओं में अलग अलग होता है। महिला की उम्र के मुताबिक इस में बदलाव आते है। पीरियड्स की साइकिल 28-35 दिन की होती है, पीरियड्स के ख़त्म होने के 12 से 15 दिन में ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है। अगर किसी की पीरियड्स सायकल 28 दिन की है तो उनका ओवुलेशन समय पीरियड्स के14 दिन के आसपास हो सकता है। मतलब गर्भधारण करने के लिए यह समय सबसे असरदार माना जाता है।
ओवुलेशन के लक्षण (Ovulation symptoms in Hindi )

ओवुलेशन (Ovulation in Hindi) शुरू होने से पहले या शुरू होते हीं निम्नलिखित लक्षण देखने को मिल सकते है।
- मूड स्विंग्स (मूड में अचानक से बदलाव आना)
- शरीर के टेम्परेचर का बढ़ना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- ब्रेस्ट एरिया में भारीपन या सूजन
- सरदर्द, बदन दर्द, कमजोरी लगना
- त्वचा के रंग में बदलाव आना
- वजाइना डिस्चार्ज, योनि में सूजन
- फूड क्रेविंग्स का बढ़ना
- सेक्स करने की इच्छा बढ़ना
- जी मिचलाना
ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है? (Duration of Ovulation in Hindi)
महिला की ओवरी (अंडाशय) से एग्ज निकलने के बाद एग्स 24 घंटे से 36 घंटे (1 से 2 दिन तक) तक जीवित रह सकता है। इस दौरान अगर महिला के एग्स के साथ पुरुष का स्पर्म मिल जाए तो गर्भधारण करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
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ओवुलेशन कैलकुलेटर (Ovulation Calculator)
ओवुलेशन कैलकुलेटर की मदद से आप ओवुलेशन के समय की जानकारी प्राप्त कर सकते है। गर्भधारण करने के लिए ओवुलेशन प्रक्रिया के समय की जानकारी होना जरूरी है। पिछले पीरियड साइकिल की शुरुआत, उसकी एवरेज समय और पीरियड साइकिल की लंबाई के आधार पर ओवुलेशन कैलकुलेट किया जा सकता है।
ओवुलेशन का समय जानने के लिए आप मैन्युअल के साथ ऑनलाइन या फिर मोबाईल एप्लीकेशन की मदद भी ले सकते है।
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ओव्यूलेशन चार्ट (Chart of Ovulation in Hindi)
ओवुलेशन चार्ट आप रेग्युलर कैलेंडर की मदद लेकर उस पर हीं सारी तारीख नोट कर सकते है।
1. सबसे पहले अपने पीरियड्स की तारीख नोट करें।
2. पिछले 3 पीरियड साइकिल की एवरेज निकाले।
3. और फिर एवरेज के आधार पर ओवुलेशन के लिए संभावित दिन की गणना करें।
ओवुलेशन के बाद निम्नलिखित का ध्यान रखना चाहिए (Care After Ovulation in Hindi)
अगर आप गर्भधारण करना चाहते है तो ओवुलेशन के बाद निम्नलिखित बातों का ध्यान रखने से मदद मिलेगी।
1. संतुलित आहार लें और जंक फूड से दूर रहें।
2. आल्कोहोल और स्मोकिंग से दूर रहें।
3. नियमित योगा करें।
4. स्ट्रेस से दूर रहने के लिए मेडिटेशन करें।
5. पर्याप्त नींद लें।
6. स्वस्थ वजन बनाए रखें।
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ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी लक्षण (Pregnancy Symptoms After Ovulation)
ओवुलेशन के प्रारंभिक लक्षण को पहचानना थोड़ा मुश्किल है फिर निम्नलिखित लक्षण देखने को मिले तो तुरंत ही डॉक्टर का संपर्क करें।
- उल्टी आना
- जी मिचलाना
- हल्की ब्लीडिंग
- स्वाद बदलना, मूड में बदलाव
- थकान, पेट दर्द
- मॉर्निंग सिकनेस
- पाचन संबंधी समस्याएं
- बार बार युरिन जाना
ज्यादा जानकारी के लिए आप डॉ रश्मि प्रसाद से संपर्क भी कर सकते है जो आपके मातृत्व के अहसास को ओर भी खास बनाने के लिए आपको जरूरी मार्गदर्शन करेंगे।
ओवुलेशन के बाद क्या खाना चाहिए (What to Eat After Ovulation in Hindi)
1. विटामिन B12, फोलिक एसिड, आयरन, जिंक और कैल्शियम से भरपूर खुराक ले।
2. विटामिन, मिनरल और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियों का अधिकतर सेवन करें, जिससे स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ती है।
3. लिक्विड जैसे कि पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, छाश (Buttermilk) का सेवन करें जो आपको हाइड्रेट रखता है।
4. प्रोटीन युक्त आहार जैसे कि दूध, दाल, अंडे, मांस, चिकन खाना चाहिए, जो गर्भस्थ शिशु के लिए जरूरी है।
ओवुलेशन की जांच कैसे करें (Tests for Ovulation in Hindi)
ओवुलेशन का एक लक्षण है महिलाओं के शरीर में ल्यूटनाइजिंग हार्मोन (LH) बढ़ना। इसे मापने से ओवुलेशन का समय जाना जा सकता है। ओवुलेशन किट का इस्तेमाल कर यह पता लगाया जा सकता है।
इसके अलावा बेसल बॉडी टेम्परेचर (BBT) मॉनिटर के जरिए भी ओवुलेशन का समय जान सकते है। इसमें महिला को हर रोज अपने शरीर का तापमान रिकॉर्ड करना है। ओवुलेशन के दौरान शरीर के तापमान में थोड़ी वृद्धि देखी जाती है इससे ओवुलेशन का समय पता लगाया जा सकता है।
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निष्कर्ष
हर महिला के लिए मातृत्व एक अलग ही अनुभव होता है। इस अनुभव को महसूस करने के लिए ओवुलेशन प्रक्रिया (Ovulation Meaning in Hindi) की जानकारी रखना जरूरी है। गर्भधारण करने की संभावना बढ़ाने के लिए ओवुलेशन प्रक्रिया को समझना भी जरूरी है। आज समय में ओवुलेशन समस कैल्क्युलेट करने के लिए मॉबाईल एप्लीकेशन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है या फिर डॉक्टर से परामर्श करके भी आप ओवुलेशन का सहीं समय जान सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या सिर्फ ओवुलेशन पीरियड में प्रेगनेंट हो सकते हैं?
नहीं, ओवुलेशन पीरियड खत्म होने के बाद भी गर्भधारण हो सकता है लेकिन एग्स रिलीज होने के 12-24 घंटे के अंदर हीं गर्भधारण करने की संभावना रहती है।
Q2. ओवुलेशन मतलब क्या होता है?
ओवरी से एग्स रिलीज होकर फैलोपियन ट्यूब में रूकने तक के समय को ओवुलेशन कहां जाता है।
Q3. ओवुलेशन और पीरियड में क्या अंतर है?
ओवुलेशन होने पर अगर महिला और पुरुष का मिलन नहीं होता है तब एग्स टूट कर ब्लड के रूप में शरीर से बाहर निकल जाते है जिसे हम पीरियड्स कहते है। पीरियड्स से पहले ओवुलेशन की प्रक्रिया होती है, इस दौरान अगर महिला और पुरुष का मिलन होता है तो गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है।
Q4. ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है?
आमतौर पर ओवुलेशन का समय 24-36 घंटे तक का रहता है।
Q5. अगर ओवुलेशन न हो तो?
इस परिस्थिति में ओवरी से एग्स रिलीज नहीं होता। इसके लिए की कारण जिम्मेदार हो सकते है। इसके लिए डॉक्टर से परामर्श करके जरूरी जांच करवाना जरूरी है।
Q6. क्या ओवुलेशन में कमर दर्द होता है?
ओवुलेशन के दौरान कमर और पेट दर्द हो सकता है लेकिन यह काफी आम बात है।
Q7. पीरियड्स के कितने दिन बाद एग्स फिर से बनने लगते है?
पीरियड साइकिल के पहले दिन से दूसरे दिन तक नए एग्स बनना शुरू हो जाता है।