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Pregnancy Diet Plan: गर्भावस्था में खान पान

प्रेगनेंसी एक महिला के लिए एक अद्भुत अनुभव लेकर आती है। एक भृण से बच्चे के रुप में विकसित होते हुए देखना हर मां के लिए कभी न भूलने वाला अहसास होता है। इस दौरान मां का खान पान (Pregnancy Diet Plan) भी बहुत महत्व रखता है, क्योंकि वही बच्चे का विकास सुनिश्चित करता है। आज हम इसी के बारे में बात करेंगे।

गर्भावस्था में महिलाओं का खान पान (Pregnancy Diet Plan)

गर्भवती आहार चार्ट प्रेगनेंसी के दौरान महिला का डायट प्लान उनके स्वास्थ्य के साथ साथ बच्चे के विकास के लिए भी जरूरी होता है। आपका डायट पोषक तत्वों से भरपूर और कम चीनी और नमक वाला होना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना (Weight gain during pregnancy)आम बात है लेकिन एक हद से ज्यादा वजन बढनया कम होने पर वो आपके और आपके बच्चे के लिए जटिलता का कारण बन सकता है।

फोलैट, आर्यन,  आयोडिन और विटामिन D जैसे पोषक तत्व आपके बच्चे के हेल्दी स्वास्थ्य और अच्छे विकास के लिए जरूरी होता है। अगर आप गर्भधारण Pregnancy करने का प्रयास कर रहे हैं तो 1 महीने पहले से ही फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेना शुरू कर दीजिए।

गर्भावस्था में कब खाएँ ?

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को प्रतिदिन 2000 कैलोरी की आवश्यकता रहती है। (Pregnancy diet plan) इतना ही नहीं प्रेगनेंसी के दौरान कितना और क्या खाना चाहिए (What and how much should one eat during pregnancy) वो उनके BMI पर भी निर्भर करता है। हालांकि थर्ड ट्राइमेस्टर में ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता पड़ सकती है। इतना ही कब खाएं से ज्यादा जरूरी है क्या खाएं। इसलिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें और हो सके तो दिन 2-3 बाद हेल्दी खाना खाएं। हर बार भरे ही आप कम खाएं लेकिन हेल्दी डाइट का पूरा ख्याल रखें।

प्रेगनेंसी में सुबह नाश्ते में क्या खाना चाहिए गर्भावस्था के दौरान सुबह का नाश्ता (Breakfast during pregnancy) बहुत जरूरी होता है, इसलिए सुबह के नाश्ते के कभी भी स्किप न करें। सुबह के हेल्दी नाश्ते से आप प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली विटामिन या पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते हैं। अगर आपको मॉर्निंग सिकनेस की समस्या है तो सुबह का लाइट नाश्ता आपकी इस समस्या को दूर कर सकता है इतना ही नहीं उससे आपका शुगर लेवल भी सहीं रहेगा। ब्रेकफास्ट या फिर भोजन को स्किप करने से प्रीमेच्योर डिलीवरी के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए गर्भावस्था के दौरान समय-समय पर भोजली लेना आवश्यक है।

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गर्भावस्था में किन फलों का सेवन करना चाहिए? (What Fruits to eat during pregnancy)

गर्भावस्था के दौरान फलों के सेवन (Fruit intake during pregnancy) में भी सावधानी बरतनी चाहिए, कुछ फल ऐसे भी होते हैं जिसे गर्भावस्था के दौरान खाना जोखिम साबित हो सकता है। आइए सबसे पहले जानते हैं गर्भावस्था के दौरान कौन से फल खाने चाहिए।

1. सेब : सेब में विटामिन C, विटामिन A, आयरन, फाइबर, कैल्शियम, फोलेट, पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान (Apples during pregnancy) इसका सेवन बच्चे को कई बीमारी से बचा सकता है। यह बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

2. तरबूज : (Watermelon during pregnancy) इसमें लाइकोपीन नामका केमिकल कंपाउंड होता है, जो बच्चे के विकास के लिए गुणकारी माना जाता है।

3. स्ट्रॉबेरी : (Strawberries during pregnancy) विटामिन C से भरपूर स्ट्रॉबेरी शरीर में आयरन की मात्रा बढ़ाने में मदद करता है।

4. चकोतरा : (Grapefruit during pregnancy) गर्भावस्था के दौरान महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज़ होने की संभावना रहती है, ऐसे में गर्भावस्था के दौरान चकोतरा का सेवन करने से इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

5. आम : (Mango during pregnancy) पॉलीफेनॉल, कैल्शियम, आयरन, फाइटोऐस्ट्रोजेन और पोटेशियम जैसे कई पोषक तत्वों शामिल होते हैं, जिससे बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास में मदद मिलती है। इसमें मौजूद विटामिन C की वजह से कब्ज में भी राहत मिलती है।

6. कीवी : (Kiwi during pregnancy) इसमें बड़ी मात्रा में फोलिक एसिड पाया जाता है। जिसकी वजह से गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन लाभकारी माना जाता है। फोलिक एसिड की कमी से बच्चे में दिमाग और रीढ़ की हड्डी से जूडी बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।

गर्भावस्था में इन फलों के सेवन से बचें (What Fruits to avoid during pregnancy)

गर्भधारण के दौरान निम्नलिखित फलों का सेवन मां और उनके बच्चे के लिए जोखिम साबित हो सकता है।

1. कच्चा पपीता : (Raw Papaya) गर्भावस्था में कच्चे पपीते के सेवन से गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है। कच्चे पपीते में लेटेक्स पाया जाता है, जो समय से पहले भृण में संकुचन पैदा कर सकता है।

2. अंगूर : (Grapes during pregnancy) तीसरी तिमाही में गर्भवती महिलाओं को अंगूर के सेवन से बचना चाहिए। अंगूर में पाए जाने वाले रेस्वेराट्रोल मां से भृण में होने वाले रक्त के प्रवाह में बाधा डाल सकता है।

3. अनानास : (Pineapple during pregnancy) इसमें ब्रोमेलैन पाया जाता है जो गर्भाशय की ग्रीवा को नरम कर सकता है। इसके सेवन से पेट में पल रहे बच्चे को काफी नुकसान पहुंच सकता है।

4. केला : (Banana during pregnancy) केला वैसे तो बहुत फायदेमंद होता है लेकिन इसमें शुगर की अधिक मात्रा पाई जाती है, इसलिए अगर आपको डायबिटीज़ है तो इससे दूर रहें।

गर्भावस्था में फलों का सेवन करने के फायदे(Benefits of eating fruits during pregnancy)

गर्भावस्था के दौरान मां के साथ साथ पेट में पल रहे बच्चे को भी पोषक तत्वों की जरूरत होती है और ज्यादातर फलों में कई आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। बच्चे के बेहतर विकास के लिए डॉक्टर द्वारा हेल्दी फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरह से जारी गाइडलाइन में भी गर्भवती महिलाओं के लिए फलों के सेवन पर जोर दिया गया है।

गर्भावस्था में आहार संबंधी दिशानिर्देश (Pregnancy Diet Plan)

गर्भावस्था में बच्चे के विकास के लिए योग्य आहार लेना बहुत ही जरूरी है। बच्चे के अच्छे विकास के लिए सभी पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए। गर्भावस्था का समय मां के लिए भी चुनौतीपूर्ण रहता है। इस दौरान मां के शरीर को भी पोषक तत्वों की अधिक जरूरत रहती है, ऐसे में गर्भावस्था के दौरान खान पान में ख्याल रखना जरूरी है। अगर आपको भी गर्भावस्था के दौरान आहार संबंधी सवाल है तो आज ही संपर्क करें डॉ रश्मि प्रसाद से  जो आपके लिए जरूरी डायट प्लान तैयार करने में आपकी मदद करेंगे।

और पढ़े : प्रेगनेंसी डाइट चार्ट

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी के दौरान अच्छा खान पान बच्चे का स्वस्थ भविष्य निर्धारित करता है। भ्रूण से बच्चे में विकसित होने की प्रक्रिया में कई पोषक तत्वों की जरूरत पड़ती है, जिसकी पूर्ति मां हीं कर सकती है। गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की जटिलता और बच्चे के अच्छे विकास के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट (Pregnancy Diet Plan) लेना बहुत ही जरूरी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रेगनेंसी में कौन सा सब्जी नहीं खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में बैंगन, करेला, कटहल, कच्ची सब्जियां, आड़ु जैसी सब्जियां और अनानास, कच्चा पपीता, अंगूर जैसे फल नहीं खाने चाहिए।

प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में क्या खाएं?

प्रेगनेंसी के शुरुआती दिन बच्चे के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में सभी पोषक तत्वों से भरपूर आहार को डायट में शामिल करना चाहिए  

प्रेगनेंसी में कौन सा फल नहीं खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में अनानास  कच्चा पपीता और अंगूर जैसे फल नहीं खाने चाहिए और अगर मां को डायबिटीज़ हो तो केला भी नहीं खाना चाहिए क्योंकि उसमें अधिक मात्रा में शुगर पाया जाता है।

प्रेगनेंसी में सुबह उठकर क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में सुबह उठकर प्रोटीन युक्त नाश्ता लेना चाहिए। सुबह में फल, साबुत अनाज, पोहा, उपमा और इडली भी खा सकते हैं।

प्रेगनेंसी में क्या ज्यादा खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी में सबसे ज्यादा मौसमी फल खाने चाहिए क्योंकि फलों में हीं सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसके साथ साथ प्रोटीन युक्त आहार, दूध, दहीं, दाल का अधिकतम सेवन करना चाहिए। कौन सा डायट प्लान आपके लिए सहीं है वो जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।

प्रेगनेंसी में पपीता कब खाना चाहिए

पका हुआ पपीता: सुरक्षित, विटामिन से भरपूर, पाचन में मदद करता है.
कच्चा या अधपका पपीता: न खाएं, गर्भपात का खतरा बढ़ा सकता है.
सीमित मात्रा में खाएं: एक दिन में 1 कप से ज्यादा न खाएं.
शंका हो तो डॉक्टर से पूछें!

प्रेगनेंसी में पपीता कब खाना चाहिए

कच्चा मांस/मछली/अंडे: बैक्टीरिया का खतरा (साल्मोनेला, लिस्टेरिया)
अनपैस्टुराइज्ड डेयरी: लिस्टेरिया का खतरा
ज्यादा विटामिन A: जिगर, पट्टी (जन्म दोष)
बड़ी मछलियाँ: पारा का खतरा (दिमाग, तंत्रिका)
शराब: भ्रूण विकास में समस्या
कच्चे अंकुर/बीज: बैक्टीरिया का खतरा
ज्यादा मसाला/चीनी/प्रसंस्कृत भोजन
सलाह: डॉक्टर से पूछें, शरीर को सुनें

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a highly respected infertility and gynecology specialist with over 20 years of experience. As Director of Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, she is dedicated to helping couples achieve their dream of parenthood. Dr. Prasad holds an MD in Infertility and Gynecology, along with a Postgraduate Diploma in Assisted Reproductive Technology (ART) from Schleswig-Holstein, Germany. Her expertise covers infertility, IVF, pregnancy care, and male infertility, making her a trusted leader in reproductive health. Dr. Prasad has received several honors, including the Asia’s Greatest Award (2017), Icon of Bihar (2013), National Fertility Award (2022), and Mirchi Excellence Award (2024).

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