PCOD Problem in Hindi: पीसीओडी के कारण, लक्षण और उपचार
आजकल की लाइफस्टाइल काफी बदल चुकी हैं, महिलाएं घर के साथ साथ अपने सपने भी संवार रही है। ऐसे में स्वास्थ्य का अच्छे ख्याल रखना मुश्किल हो गया है। जिसकी वजह से उन्हें की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, और कभी कभी वह उन स्वास्थ्य समस्या से भी अनजान होती है। ऐसी ही एक बीमारी है – पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज, जिसे आम तौर पर PCOD (PCOD Problem in Hindi) कहा जाता है।
PCOD प्रॉब्लम क्या है? (What is PCOD Problem in Hindi)
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PCOD की प्रॉब्लम (PCOD Problem) तब होती है जब महिला में एण्ड्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है। एण्ड्रोजन (Androgens)की वजह से महिला में ओवुलेशन की प्रक्रिया नहीं हो पाती, जिसकी वजह से हार्मोन असंतुलित (hormonal imbalance) हो जाते हैं और हार्मोन असंतुलित होने की वजह से शरीर में काफी बदलाव आते हैं और पीरियड्स भी अनियमित हो जाते हैं। इतना ही नहीं दूसरी बीमारियां होने की संभावना भी बढ़ जाती है। PCOD की स्थिति में महिला को गर्भधारण करने में भी दिक्कत (PCOD Problem) का सामना करना पड़ सकता है।
PCOD प्रॉब्लम के कारण ( Causes of PCOD in Hindi )
PCOD का सटीक कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। डॉक्टरों का मानना है कि PCOD के लिए आनुवंशिक और पर्यावरणीय दोनों कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। (Causes of PCOD) इसके अलावा निम्नलिखित कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
• अतिरिक्त एण्ड्रोजन का प्रोडक्शन : ओवरी द्वारा एण्ड्रोजन का अधिक उत्पादन होने पर अनचाहे बालों में वृद्धि और मुहांसे की समस्या हो सकती है।
• इंसुलिन का अधिक उत्पादन : इंसुलिन हार्मोन (insulin hormone) शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। जब कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाती है, तो ब्लड शुगर का लेवल (blood sugar level) बढ़ जाता है। परिणामस्वरूप, शरीर में बढ़ते हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए शरीर अतिरिक्त इंसुलिन (Excess Insulin) का उत्पादन करता है। अत्यधिक इंसुलिन एण्ड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाता है, जो पुरुष हार्मोन है और महिलाओं में कम दिखने मिलता है। एण्ड्रोजन उत्पादन में वृद्धि से ओवुलेशन की प्रक्रिया में कठिनाई होती है।
• आनुवंशिकता : अगर परिवार में किसी को PCOD हो तो वह पीढ़ी दर पीढ़ी आगे भी बढ़ सकता है।
• इसके अलावा अस्वस्थ लाइफस्टाइल, आल्कोहोल और स्मोकिंग, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, आहार में पोषक तत्वों की कमी जैसे कारण भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
पीसीओडी के लक्षण (PCOD Problem Symptoms in Hindi)
PCOD से पीड़ित अधिकतर महिलाएं इस बीमारी से अनजान होती है। किसी भी महिला को PCOD है या नहीं यह जानने के लिए सबसे पहले उनके लक्षणों को जानना आवश्यक है। (pcod symptoms in hindi)
- अनियमित पीरियड्स
- पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होना या ज्यादा रक्तस्राव होना
- पीरियड्स का बिल्कुल ही बंद हो जाना
- चेहरे, पीठ, पेट और छाती पर अनचाहे बाल उगना
- गर्भधारण करने में दिक्कत होना
- बालों का पतला हो जाना और झड़ना
- इनफर्टिलिटी
और पढ़े : अनियमित पीरियड्स के लक्षण और उपचार
पीसीओडी का उपचार (PCOD Problem Treatment in Hindi)
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) के उपचार में दवा और लाइफस्टाइल में बदलाव दोनों ही शामिल हैं। वैसे तो PCOD का कोई इलाज नहीं है लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने से दिक्कतो को कम किया जा सकता है।
• आहार में नियमित बदलाव करने से PCOD की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। (PCOD Problem Treatment) यहां तक कि शरीर के वजन में 5% की कमी भी लक्षणों को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकती है। शुगर और वसायुक्त खाद्य पदार्थ का सेवन कम करने से डायबिटीज़, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल (High cholesterol level) और हृदय रोगी के जोखिम कम करने में मदद मिल सकती है।
• कामकाजी महिला को योग और व्यायाम का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। साइक्लिक हार्मोनल ट्रीटमेंट (cyclic hormonal treatment) और ओवुलेशन की दवा मैन्स्ट्रुअल साइकल को नियमित करने में मदद करती है।
• मुहांसे और त्वचा पर आएं काले धब्बे दूर करने के लिए स्किन ट्रीटमेंट का सहारा लिया जा सकता है।
• गर्भधारण करने के लिए इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट (Infertility Treatment)का सहारा लिया जा सकता है।
और पढ़े : PCOD का कारण और उपचार
पीसीओडी से बचाव (Prevention of PCOD Problem in Hindi)
PCOD मुख्यरूप से हार्मोन में बदलाव की वजह से होता है और उसका कारण है बदलती जीवनशैली। PCOD से बचने के लिए रोज़मर्रा की जिंदगी में सामान्य बदलाव करने की जरूरत पड़ती है।
- वजन को नियंत्रित करना
- नियमित योग या व्यायाम का अभ्यास करना
- अधिक शुगर और वसायुक्त खाद्य पदार्थ से बचें
- आल्कोहोल और स्मोकिंग से दूर रहें
- प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें
- कार्बोहाइड्रेट के सेवन से बचें
- कम से कम 8 घंटे की नींद लें
PCOD की जांच कैसे करें? (How to diagnosis PCOD in Hindi)
PCOD के लक्षण (Symptoms PCOD) या संकेत दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर का संपर्क करें। आपके डॉक्टर आपको इसका निदान करने के लिए निम्नलिखित जांच करने के लिए कह सकते हैं।
• ब्लड टेस्ट : एण्ड्रोजन का लेवल और ब्लड ग्लूकोज लेवल का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट (Blood Tests) किया जाता है।
• शारीरिक जांच : इसमें ब्लड प्रेशर से लेकर शरीर का BMI और फैट के बारे में पता लगाया जा सकता है। साथ ही शरीर के किसी हिस्से में बाल तेजी से बढ़ रहे हैं उसकी भी जांच की जाती है।
• वेजाइनल अल्ट्रासाउंड : इसमें साउंड वेव से ओवरी में गांठ का पता लगाया जाता है और गर्भाशय की मोटाई की भी जांच की जाती है।
• पेल्विक टेस्ट : ओवरी में गांठ और सूजन के बारे में पता लगाने के लिए पेल्विक टेस्ट (Pelvic Exam) किया जाता है।
• मेडिकल हिस्ट्री : डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सवाल पूछ सकते हैं जैसे कि, पिरीयडसे जुड़े सवाल, वजन, मुहांसे और बालों में वृद्धि इत्यादि।
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निष्कर्ष
महिलाओं में PCOD (PCOD Problem in Hindi) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड रिसर्च के अनुसार, हमारे देश में करीब 10 प्रतिशत महिलाएं PCOD की समस्या से जूझ रही है। बदलती जीवनशैली इसके लिए मुख्यरूप से जिम्मेदार हैं, जो हार्मोनल परिवर्तन का कारण बनती है। PCOD की वजह से डायबिटीज़, हार्ट डिजीज, इनफर्टिलिटी, लीवर पर सूजन, गर्भपात या प्रीमेच्योर डिलीवरी जैसी जटिलताओं का भी सामना करना पड़ सकता है। PCOD के उपचार के लिए इनके लक्षण दिखते हीं डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पीसीओडी की बीमारी क्या होती है?
हार्मोन में असंतुलन की वजह से PCOD होता है, जिसके कारण गर्भधारण करने में कठिनाई होती है, लेकिन इसके सहीं उपचार से गर्भधारण करने में मदद मिलती है। PCOD होने पर गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है।
पीसीओडी कितने दिन में ठीक हो जाता है?
हर महिलाओं में इसके ठीक होने का समय अलग अलग होता है। आम तौर पर PCOD 3 से 7 दिनों में ठीक हो जाता है लेकिन कुछ महिलाओं को इससे अधिक समय लग सकता है।
पीसीओडी का पता कैसे चलता है?
अनियमित पीरियड्स, पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होना या ज्यादा रक्तस्राव होना, पीरियड्स का बिल्कुल ही बंद हो जाना, चेहरे, पीठ, पेट और छाती पर अनचाहे बाल उगना, गर्भधारण करने में दिक्कत होना, बालों का पतला हो जाना और झड़ना, इनफर्टिलिटी जैसे संकेत PCOD होने के हो सकते हैं।
महिलाओं में पीसीओडी का कारण क्या है?
अतिरिक्त एण्ड्रोजन का प्रोडक्शन, इंसुलिन का अधिक उत्पादन, आनुवंशिकता, अस्वस्थ लाइफस्टाइल, आल्कोहोल और स्मोकिंग, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, आहार में पोषक तत्वों की कमी इत्यादि PCOD के कारण हो सकते हैं।
पीसीओडी में क्या खाना चाहिए
PCOD में चॉकलेट, सॉफ्ट ड्रिंक, मिठाई, सूजी, मैदा, सफेद आटा, चावल, रेड मीट, प्रोसेस्ड फूड, ब्रेड जैसी चीजों से दूर रहें। इसके अलावा तेल मसाले वाले खाने से भी बचें।
पीसीओडी का सबसे अच्छा इलाज क्या है?
वजन में मामूली कमी से भी इस स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके अलावा (PCOD Problem Treatment) लाइफस्टाइल में बदलाव और डॉक्टर की सुचना के अनुसार दवाई लेने से भी यह ठीक हो सकता है। डॉक्टर आपको फाइबर, विटामिन ई, ओमेगा 3 और 6 जैसी दवाई का सुझाव दे सकते है।
पीसीओडी का इलाज संभव है
हाँ, पीसीओडी का इलाज संभव है। (PCOD Problem Treatment) हालांकि, इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित करने और जटिलताओं को रोकने के लिए कई उपचार उपलब्ध हैं।
पीसीओडी में प्रेगनेंसी
पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को गर्भधारण करने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन यह असंभव नहीं है। डॉक्टर आपको ओवुलेशन को प्रेरित करने, वजन कम करने या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) जैसे उपचारों के माध्यम से गर्भवती होने में मदद कर सकते हैं।
पीसीओडी में पीरियड कैसे लाए
यदि आपके पीरियड अनियमित हैं, तो डॉक्टर आपको हार्मोनल थेरेपी, जैसे जन्म नियंत्रण की गोलियां या प्रोजेस्टेरोन की खुराक लिख सकते हैं।
पीसीओडी टेस्ट कैसे होता है
शारीरिक परीक्षण: डॉक्टर आपके पेट और श्रोणि की जांच करेंगे।
पेल्विक अल्ट्रासाउंड: यह आपके अंडाशयों और गर्भाशय की तस्वीरें लेने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है।
रक्त परीक्षण: यह आपके हार्मोन के स्तर को मापने के लिए किया जाता है।
ग्लूकोज टेस्ट: यह मधुमेह की जांच करने के लिए किया जाता है, जो पीसीओडी से जुड़ा हो सकता है।