Pelvis Meaning in Hindi: पेल्विस क्या है? लक्षण और उपचार
पेल्विस शरीर का एक ऐसा अंग है जो पेट के अंगों को सहारा देता है और कुछ महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है। पेल्विस (Pelvis Meaning in Hindi) में यूरिनरी संबंधित अधिकांश अंग भी शामिल होते हैं। पेल्विस की भूमिका मानव शरीर में काफी महत्वपूर्ण होती है।
In this Article
पेल्विस का मतलब क्या है? (Pelvis Meaning in Hindi)
आप हमारे (Pelvis Meaning in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे पेल्विस क्या है? लक्षण और उपचार इस बारे में बहुत ही विस्तार से बताने वाले हैं।
पेल्विस को बोलचाल की भाषा में श्रोणि कहा जाता है। पेल्विस पेट और निचले अंगों के बीच स्थित होता है। पेल्विस की संरचना पेट के अंगों को सहारा देती है, इतना ही नहीं यह हमारी रीढ़ की हड्डी और पैरों को जोड़ता है। आंत, मूत्राशय और प्रजनन अंग जैसे महत्वपूर्ण अंगों को सुरक्षा भी प्रदान करता है। इसकी संरचना महिला और पुरुष दोनों में अलग-अलग होती है।
पेल्विस का कार्य (Function of pelvis in Hindi)
शरीर में पेल्विस की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। खड़े होना, बैठना, चलना इन सभी कार्यो में पेल्विस की भूमिका अहम होती है। इतना ही नहीं महिला और पुरुष दोनों के प्रजनन अंगों को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके दुसरे प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं।
- वज़न को सहारा देना : पेल्विस स्केलेटन से लेकर पेट की नीचे हिस्से के वज़न को सहारा देता है।
- मसल्स को जोड़ना : पेल्विस शरीर की मूवमेंट के लिए जरूरी मसल्स और लिगामेंट्स को जोड़ता है।
- संरक्षण देना : पेल्विस एब्डोमिनोपेल्विक और पेल्विक को संरक्षण प्रदान करता है।
पेल्विस में कौन-कौन से अंग होते हैं? (Organs in the Pelvis in Hindi)
पेल्विस में विभिन्न अंग होते है। अधिकांश अंग यूरिनरी (मूत्राशय) सिस्टम के होते हैं जैसे कि मूत्राशय, मलाशय, महिलाओं के शरीर में पेल्विस में गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय जैसे महत्वपूर्ण अंग मौजूद होते हैं।
पेल्विस की समस्या और उनके कारण (Causes of Pelvis in Hindi)
कभी कभी पेल्विस से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है, जो निम्नलिखित हैं।
1. पैल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स : पैल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स में पेल्विस के अंग अपनी सामान्य स्थिति से खिसक जाते है जिस से कई समस्याएं हो सकती हैं।
2. एंडोमेट्रियोसिस : एंडोमेट्रियोसिस में गर्भाशय के अंदर के टिशू गर्भाशय के बहार फैलने लगते है। जिससे दर्द और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
3. पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज : पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज एक गंभीर संक्रमण है जो महिलाओं के प्रजनन अंगों को प्रभावित करता है। इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह बांझपन का कारण बन सकता है।
4. फाइब्रॉयडस : गर्भाशय फाइब्रॉयडस मांसपेशियों और टिशू से बनी ट्यूमर होती है, जो गर्भाशय की दीवार पर या फिर उसके अंदर पाई जाती है।
5. UTI (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन): यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में यूरिन इंफेक्शन होने पर बार-बार यूरिन जाना, यूरिन पास करने में दर्द और जलन,
पेल्विस की समस्याओं के लिए की कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे कि संक्रमण, वंशानुगत कारण, हार्मोनल असंतुलन इत्यादि।
पेल्विस के लक्षण (Symptoms of Pelvis in Hindi)
पेल्विस में समस्या होने पर उसके लक्षण को पहचान कर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- पेट या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- असामान्य वैजाइनल डिस्चार्ज
- अनियमित पीरियड्स
- सेक्स के दौरान दर्द
- पेशाब करते समय दर्द होना
- पाचन संबंधी समस्या
- बुखार
पेल्विस की समस्याओं का निदान (Diagnosis of Pelvic Diseases)
पेल्विस की समस्याओं के संकेत दिखने पर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर निदान करने के लिए निम्नलिखित परिक्षण का सुझाव दे सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट
- मूत्राशय संबंधी संक्रमण की जांच करने के लिए यूरिन टेस्ट
- प्रजनन तंत्र की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड
- प्रजनन अंगो को नजदीक से देखने के लिए लैप्रोस्कोपी
- एंडोमेट्रियल टिशू के सैंपल के लिए एंडोमेट्रियल बायोप्सी
पेल्विस का उपचार (Treatment of Pelvis in Hindi)
पेल्विस की समस्या को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपचार किए जा सकते हैं।
- एंटीबायोटिक्स : तुरंत हीं राहत के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स का सुझाव दे सकते है। राहत मिलने पर भी डॉक्टर से बिना परामर्श किए दवाईयां बंद न करें।
- संक्रमण की जांच : यौन संक्रमण के संकेत दिखने पर डॉक्टर आपके सेक्सुअल पार्टनर की जांच के लिए भी कह सकते हैं।
- सेक्स से दूर रहें : जब तक उपचार खत्म न हो तब तक सेक्स से दूर रहें।
- इसके अलावा व्यायाम, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज या फिर सर्जरी, हार्मोनल थेरेपी, पेन किलर का भी सुझाव दे सकते हैं।
पेल्विस के दौरान आपका खान-पान
पेल्विस की समस्याओं में आराम पाने के लिए खान-पान में बदलाव करना जरूरी है।
- आहार में फाइबर, प्रोटीन, आयरन से भरपूर भोजन शामिल करें
- फोलेट, विटामिन सी से भरपूर पालक का सेवन करें
- हरि सब्जियां, फल, साबूत अनाज, ब्राउन राइस को भी डायट में जरूर लें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
निष्कर्ष
पेल्विस (Pelvis Meaning in Hindi) शरीर को स्थिरता, समर्थन के साथ साथ महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा भी करता है। स्वस्थ जीवन के लिए पेल्विस की समस्याओं को समय पर पहचान कर, उसका निदान और उपचार जरूरी है।
यदि आपको पेल्विस से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या महसूस हो रही हो, तो तुरंत हमारे दिव्य वात्सल्य ममता ivf सेंटर के इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर रश्मि प्रसाद से संपर्क करें और सही उपचार प्राप्त करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पेल्विस क्या होता है?
पेट के नीचे के हिस्से को पेल्विस कहते हैं। पेल्विस में मूत्राशय, मलाशय और महिलाओं में अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, ओवरी, गर्भाशय ग्रीवा शामिल होती है। इसकी संरचना महिला और पुरुष दोनों में अलग-अलग होती है।
पेट और पेल्विस के बीच क्या अंतर होता है?
पेट में आंत, यकृत जैसे अंग होते हैं जब कि पेल्विस पेट के नीचे का हिस्सा होता है, जिसमें यूरिनरी संबंधित अंग शामिल होते हैं। पेल्विस महिला और पुरुष के प्रजनन अंगो की सुरक्षा करता है।
पेल्विस में कौन से लक्षण देखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
पेट या पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, असामान्य वैजाइनल डिस्चार्ज, अनियमित पीरियड्स, सेक्स के दौरान दर्द, पेशाब करते समय दर्द होना, पाचन संबंधी समस्या, तेज बुखार जैसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
पेल्विस में समस्या होने पर इसका निदान कैसे किया जाता है?
पेल्विस में समस्या की जांच करने के लिए बल्ड टेस्ट, यूरिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, लैप्रोस्कोपी, एंडोमेट्रियल बायोप्सी की जा सकती है।
पेल्विस से जुड़ी समस्याओं में क्या खाना चाहिए?
पेल्विस से जुड़ी समस्याओं की स्थिति में फाइबर, प्रोटीन, आयरन से भरपूर भोजन लें, अपने डायट में हरी सब्जियां, फल, साबूत अनाज, ब्राउन राइस, दूध, दहीं को शामिल करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।