IVF Treatment

3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi: Pregnancy Signs

प्रेगनेंसी का तीसरा महीना एक बहुत ही रोमांचक समय होता है। इस महीने में, आप कई बदलावों का अनुभव करेंगी, जिनमें से कुछ सुखद और कुछ थोड़े परेशान करने वाले हो सकते हैं। इसलिए महिलाएँ अक्सर ऑनलाइन 3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi” सर्च करती हैं ताकि उन्हें इस महीने होने वाले बदलावों की सही जानकारी मिल सके।

पटना के प्रसिद्ध Diwya Vatsalya Mamta Fertility Centre की IVF & Infertility Specialist, Dr. Rashmi Prasad, जिन्हें फ़र्टिलिटी और प्रेगनेंसी केयर में 25+ वर्षों का अनुभव है, बताती हैं कि तीसरे महीने में सही जागरूकता और सही खान-पान माँ और बच्चे दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

3 महीने गर्भावस्था के लक्षण (3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi)

तीसरा महीना (9–12 सप्ताह) वह समय है जब आपका शरीर गर्भावस्था के लिए पूरी तरह एडजस्ट करना शुरू कर देता है। इस दौरान कुछ लक्षण कम हो जाते हैं, जबकि कुछ नए अनुभव होते हैं। अगर आप प्रेगनेंसी की योजना बना रही हैं तो हमारा पीरियड कैलकुलेटर इस्तेमाल करें

  • कम होता है मॉर्निंग सिकनेस: पहले दो महीनों में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस धीरे-धीरे कम होने लगती है।
  • बढ़ती है ऊर्जा: मॉर्निंग सिकनेस कम होने से आपको पहले से ज्यादा ऊर्जावान महसूस हो सकता है।
  • बढ़ता है पेट: गर्भाशय के बढ़ने से पेट थोड़ा फूला हुआ महसूस हो सकता है। अपनी डिलीवरी डेट जानने के लिए Pregnancy Due Date Calculator उपयोग करें
  • दर्द और ऐंठन: गर्भाशय के खिंचाव से पेट में दर्द और ऐंठन हो सकती है।
  • कब्ज: हार्मोन में बदलाव और आयरन सप्लीमेंट के कारण कब्ज हो सकती है।
  • दस्त: हार्मोन में बदलाव के कारण दस्त हो सकते हैं।
  • बार-बार पेशाब लगना: बढ़ते हुए गर्भाशय से मूत्राशय पर दबाव पड़ने के कारण बार-बार पेशाब लगने की इच्छा हो सकती है।
  • त्वचा में बदलाव: हार्मोन में बदलाव के कारण त्वचा शुष्क, तैलीय या मुंहासेदार हो सकती है।
  • नाक बंद होना: बढ़ते हुए रक्त प्रवाह के कारण नाक बंद हो सकती है।
  • मनोदशा में बदलाव: हार्मोन में बदलाव के कारण मूड स्विंग, चिड़चिड़ापन और चिंता हो सकती है।

और पढ़े : Pregnancy Symptoms in Hindi

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या खाना चाहिए?

इस समय, आपको और आपके बच्चे को दोनों के लिए पर्याप्त पोषण मिलना महत्वपूर्ण है। इसलिए, अपनी प्रेगनेंसी डाइट में शामिल करें:

  • फल और सब्जियां: विटामिन, खनिज और फाइबर से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।
  • साबुत अनाज: साबुत अनाज में फाइबर, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं।
  • दालें और बीज: दालें और बीज प्रोटीन, आयरन और फाइबर का अच्छा स्रोत हैं।
  • डेयरी उत्पाद: डेयरी उत्पादों में कैल्शियम और विटामिन डी होता है, जो आपके बच्चे की हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक हैं।
  • लीन मीट, मछली और अंडे: लीन मीट, मछली और अंडे प्रोटीन और आयरन का अच्छा स्रोत हैं।
  • स्वस्थ वसा: स्वस्थ वसा, जैसे कि जैतून का तेल, नट्स और बीज, आपके बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

इन खाद्य समूहों के अलावा, आपको अपने डॉक्टर से प्रसवपूर्व विटामिन भी लेना चाहिए। प्रसवपूर्व विटामिन में फोलिक एसिड, आयरन और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो आपके बच्चे के जन्मजात दोषों को रोकने में मदद करते हैं।

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या नहीं खाना चाहिए?

कच्चा या अधपका मांस, मछली और अंडे: इनमें बैक्टीरिया हो सकते हैं जो आपको और आपके बच्चे को बीमार कर सकते हैं।

  • असुरक्षित दूध और डेयरी उत्पाद: इनमें भी हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं।
  • अत्यधिक कैफीन: कैफीन आपके बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है।
  • शराब: शराब आपके बच्चे को जन्मजात दोष पैदा कर सकता है।
  • धूम्रपान: धूम्रपान आपके बच्चे के विकास को रोक सकता है और जन्म के समय कम वजन का कारण बन सकता है।
  • कच्चा मछली (जैसे सुशी): कुछ प्रकार के कच्चे मछली में पारा होता है, जो आपके बच्चे के विकास के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ भोजन का सेवन करना आपके और आपके बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। एक विविध और संतुलित आहार खाने से आपको और आपके बच्चे को आवश्यक सभी पोषक तत्व मिलते हैं।

और पढ़े : 9 Month Pregnancy in Hindi

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में बच्चे का विकास

इस महीने में, आपके बच्चे का विकास तेजी से होता है। इस दौरान, बच्चे के अंग, जैसे कि हृदय, मस्तिष्क और फेफड़े, विकसित होना जारी रखते हैं।

  • बच्चे की लंबाई लगभग 9 सेंटीमीटर (3.5 इंच) और वजन लगभग 140 ग्राम (5 औंस) हो जाता है।
  • बच्चे के चेहरे की विशेषताएं बनने लगती हैं, जैसे कि आंखें, नाक और मुंह।
  • बच्चे की उंगलियां और पैर की उंगलियां अलग होने लगती हैं।
  • बच्चे के अंग, जैसे कि हृदय, मस्तिष्क और फेफड़े, विकसित होना जारी रखते हैं।
  • बच्चा हिलना-डुलना शुरू कर देता है, जिसे आप अल्ट्रासाउंड में महसूस कर सकती हैं।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये विकास अनुमानित हैं और प्रत्येक बच्चे में भिन्न हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में रखें ये सावधानियां

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने के दौरान, माँ और विकासशील बच्चे दोनों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए कुछ सावधानियाँ बरतनी महत्वपूर्ण हैं।

  • स्वस्थ भोजन खाएं।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • शराब, धूम्रपान और नशीले पदार्थों से दूर रहें।

अगर आपको फ़ाइब्रॉइड्स या अन्य ग्याइनक समस्या है जिसके कारण आपको प्रेगनेंसी में परेशानी हो सकती है, तो Laparoscopic Surgery विशेषज्ञ से परामर्श करना पड़ सकता है।

निष्कर्ष

प्रेगनेंसी का तीसरा महीना कई बदलावों से भरा होता है, इसलिए 3 Month Pregnancy Symptoms in Hindi को समझना हर होने वाली माँ के लिए बहुत जरूरी है। सही डाइट, उचित देखभाल और विशेषज्ञ गाइडेंस इस दौरान आपकी प्रेगनेंसी को और भी सुरक्षित और स्वस्थ बनाती है।

पटना के Diwya Vatsalya Mamta Fertility Centre में डॉ. रश्मि प्रसाद (25+ वर्ष का अनुभव) आपकी गर्भावस्था और महिला स्वास्थ्य से जुड़ी हर जरूरत के लिए विशेषज्ञ देखभाल प्रदान करती हैं।

📞 अपॉइंटमेंट के लिए कॉल करें: +91-9771038137
📍 पता: Near Laddoo Gopal, Patliputra Colony, Patna – 800013

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

3 महीने की प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए?

कच्चा मांस, कच्चे अंडे, ज्यादा कैफीन, शराब, धूम्रपान, अनपाश्चराइज्ड दूध और कच्ची मछली से बचना चाहिए।

पटना में प्रेगनेंसी के लिए सबसे अच्छा डॉक्टर कौन है?

डॉ. रश्मि प्रसाद, Diwya Vatsalya Mamta Fertility Centre – 25+ वर्षों का अनुभव, Best Gynecologist & IVF Expert in Patna।

3 महीने का बच्चा पेट में कैसा होता है?

तीसरे महीने में पेट हल्का उभरना शुरू हो जाता है, लेकिन हर महिला में यह अलग-अलग हो सकता है। 3 महीने का बच्चा लगभग एक अंगूर के आकार का होता है।

3 महीने में बच्चे की धड़कन सुनाई देती है?

हाँ, अल्ट्रासाउंड में बच्चे की हार्टबीट साफ़ सुनाई देती है।

क्या तीसरे महीने में दर्द और ऐंठन होना सामान्य है?

हाँ, गर्भाशय के फैलने के कारण हल्का दर्द सामान्य है, लेकिन तेज़ दर्द हो तो डॉक्टर से संपर्क करें। FAQs Page पर अन्य सवालों के जवाब देखें।

Dr. Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a highly respected infertility and gynecology specialist with over 20 years of experience. As Director of Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, she is dedicated to helping couples achieve their dream of parenthood. Dr. Prasad holds an MD in Infertility and Gynecology, along with a Postgraduate Diploma in Assisted Reproductive Technology (ART) from Schleswig-Holstein, Germany. Her expertise covers infertility, IVF, pregnancy care, and male infertility, making her a trusted leader in reproductive health. Dr. Prasad has received several honors, including the Asia’s Greatest Award (2017), Icon of Bihar (2013), National Fertility Award (2022), and Mirchi Excellence Award (2024).

Related Articles