9 Month Pregnancy in Hindi: 9 महीने की प्रेगनेंसी, लक्षण और उपचार

आपकी प्रेगनेंसी की यात्रा अब मातृत्व की दहलीज पर है, क्योंकि आप गर्भावस्था के 9वें महीने में पहुंच गई हैं। जो की गर्भावस्था का आखिरी महीना होता है। 9 month pregnancy को अगर सप्ताहों में रखें, तो यह आपकी गर्भावस्था का 36 वां सप्ताह होगा। इसलिए प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में आपको सकारात्मक और साथ ही साथ मानसिकता को सही ढंग से बनाए रखने में हमने (9 Month Pregnancy in Hindi) इस ब्लॉग में सम्पूर्ण जानकारी दी है!
गर्भावस्था के इस महीने यानी की 9 month pregnancy delivery in hindi यह ऐसा वक्त है जब डिलीवरी की तारीख नजदीक होती है। अधिकांश महिलाएं 37 से 42 सप्ताह के बीच में ही बच्चे को जन्म देती है। बहुत कम मामलों में बच्चे का जन्म नियत तारीख पर होता है। इसलिए इस महीने में भी आपको अपने खान-पान, दिनचर्या, और अन्य आदतों पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी होता है।
9वें महीने की प्रेगनेंसी क्या होती है (9 Month Pregnancy in Hindi)
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आप हमारे (9 Month Pregnancy in Hindi) ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आप अछे तरीके से समझ जायेंगे की 9वें महीने की प्रेगनेंसी लक्षण क्या है, और उसके समस्या का निदान कैसे करे।
प्रेगनेंसी का नौवां महीना महिला के लिए बेहद महत्वपूर्ण और उत्साह से भरा होता है। इस दौरान गर्भावस्था में बच्चा तेजी से विकसित हो रहा होता है, और जन्म के लिए तैयार भी हो रहा होता है।
नौवें महीने में महिलाएं बैठने या लेटने में काफी बेचैनी महसूस करती है। कुछ महिलाएं थका हुआ महसूस करती है, तो कुछ महिलाओं को ऊर्जा में वृद्धि का अनुभव होता है। हर महिला का अनुभव अलग होता है, इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना आपको काफी महत्वपूर्ण है।
प्रेग्नेंसी के 9वें महीने के लक्षण (Symptoms of 9 Month Pregnancy in Hindi)
प्रेगनेंसी के 9वें महीने में भ्रूण का विकाश जायदा होने के कारण आपके शरीर पर ज्यादा दबाव डालने लगता है। इसलिए गर्भावस्था के दोरान आपको सामान्य लक्षण (Common symptoms of 9 Month Pregnancy in Hindi) प्रेगनेंसी के अंत तक दिखाई देते रहते हैं। प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में हो सकती हैं ये 5 समस्याएं महसूस हो सकते हैं:
पेल्विक एरिया पर दबाव होना
जब नौवें महीने में शिशु का वजन बढ़ रहा होता है,क्युकी शिशु अपने संपूर्ण विकास के आखिरी चरण में होता है और वह जन्म के लिए पेल्विक के नीचे हिस्से में आ रहा होता है। ऐसे में महिला को पेल्विक एरिया में काफी दबाव महसूस हो सकता है।
लगातार युरीन आना
पेल्विक एरिया में दबाव आने की वजह से महिला को लगातार युरीन आना की समस्या का सामना करना पर सकता है। इसलिए महिला को हाइड्रेटेड रहने के लिए काफी मात्रा में पानी पीना चाहिए।
पैरों में सूजन
शिशु के बढ़ते वजन की वजह से माँ के गर्भाशय का आकार भी बढ़ता है और इसकी वजह से कुछ नसों पर दबाव भी आ आता है। जिसकी वजह से पैरों में सूजन भी आ सकती है। इससे बचने के लिए लंबे समय तक खड़े रहने से बचना चाहिए और ज्यादा आराम भी आपको करना चाहिए।
गैस और कब्ज की समस्या
प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन की वजह से आंतों की सामान्य कार्य की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। जिसकी वजह से गैस और कब्ज की समस्या भी हो सकती है। कोई भी दवा लेने के बारे में सोचने से पहले अपने डॉक्टर से जरुर बात करे
कमर और पीठ दर्द
नौवें महीने में वजन बढ़ने की वजह से पीठ और कमर में दर्द की परेशानी से आपको गुजरना पर सकता है। इतना ही नहीं नौवें महीने में महिला का शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा होता है ऐसे में कमर के आसपास के टिशू ढ़ीले पड़ने लगते है, और कमर एवं पीठ दर्द की शिकायते काफी बढ़ जाती है।
इसके अलावा योनि से स्त्राव होना, त्वचा पर खुजली होना, सोने में मुश्किल होना, सांस लेने में दिक्कत, स्तनों से रिसाव, पेट में तनाव इत्यादि लक्षण देखने को मिल सकते हैं।
नौवें महीने की गर्भावस्था के लक्षण: सप्ताह दर सप्ताह (9 Month Pregnancy Symptoms Week by Week)
हमने यहाँ प्रेगनेंसी के नौंवे महीने के लक्षणों को देखते हुए 5 सप्ताहों में बाटे है। नीचे हमने 9 महीने की गर्भावस्था में होने वाले लक्षणों की सूची दी है:
सप्ताह | गर्भावस्था के लक्षण |
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सप्ताह 35 | अधिक बार ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन महसूस होना |
सप्ताह 36 | शिशु का श्रोणि की ओर नीचे खिसकना |
सप्ताह 37 | पैल्विक क्षेत्र में असुविधा और पेट पर दबाव |
सप्ताह 38 | म्यूकस प्लग का निकलना |
सप्ताह 39 | तरल का बहाव या धीरे-धीरे रिसाव महसूस होना |
और पढ़े : प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण?
गर्भावस्था के नवें महीने में शिशु का विकास (Baby Growth in 9th Month of Pregnancy in Hindi)
गर्भावस्था के नौवें महीने में शिशु का विकास तेज़ी से होता है। प्रेगनेंसी के नवें महीने में शिशु का शारीरिक विकास पूरी तरह से हो चुका होता है। आइये जानते है, गर्भावस्था के नवें महीने में शिशु का विकास किस तरह से होता है।
• शिशु का कद : शिशु की लंबाई नौवें महीने (9 month pregnancy) में 20 इंच तक पहुंच चुकी होती है, इतना नहीं उनका वजन भी बढ़कर 3.5 किलो के आसपास पहुंच चुका होता है।
• फेफड़े का विकास : प्रेगनेंसी के आखिर तक शिशु के फेफड़े का विकास हो रहा होता है। गर्भ से बहार सांस लेने के लिए फेफड़े का संपूर्ण विकास होना जरूरी है और यह विकास नौवें महीने तक हो जाता है।
• चर्बी का जमा होना : नौवें महीने (9 month pregnancy) में शिशु के शरीर के अलग अलग हिस्सों में जैसे कि कोहनियों, घुटनों और कंधों में चर्बी जमा होती है।
• फीटल पुजिशन : आखिरी महीने में शिशु जन्म के लिए फीटल पुजिशन में आ जाता है। शिशु पैर सिकुड़ कर घुटने नाक से लगा लेता है। सिर को झुकाकर हाथों से पकड़ लेता है। अगर शिशु ब्रीच पुजिशन में हो तो डॉक्टर सिजेरियन डिलीवरी के लिए कह सकते हैं।
नौवें महीने की प्रेगनेंसी में क्या खाएं? (Diet Plan for 9 Month Pregnancy in Hindi)
प्रेगनेंसी के नौवें महीने (9 Month Pregnancy in Hindi) में आपके शिशु के लगभग सभी अंग विकसित हो जाते हैं। इस महीने में मां को और भी ज्यादा अपने शिशु के साथ – साथ खान पान का भी ख्याल रखना चाहिए। प्रेगनेंसी के नौवें महीने में माँ को आहार का डाइट चार्ट बना के अछे तरीके से सेवन करना चाहिए।
• कैल्शियम : प्रेगनेंसी के नौवें महीने में कैल्शियम की बहुत ज्यादा जरूरत पड़ती है इसलिए कैल्शियम युक्त आहार जैसे कि डेयरी उत्पाद, बादाम, दलिया, तिल के बीज का सेवन करना चाहिए।
• आयरन : यह गर्भास्थ शिशु के लिए बहुत जरूरी है। इसके लिए सेब, पालक, खजूर, चिकन जैसी चीजों को अपने डायट में शामिल कर सकते हैं।
• फाइबर : नौवें महीने में गैस और कब्ज की समस्या बढ़ जाती है। इसमें राहत पाने के लिए फायबर युक्त आहार को अपने डायट में शामिल करें। साबुत अनाज, ओट्स, फल और हरी सब्जियों में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
• फोलिक एसिड : गर्भस्थ शिशु के दिमाग का विकास 33 से 36वें सप्ताह के दौरान तेजी से हो रहा होता है। ऐसे में फोलिक एसिड से भरपूर आहार को डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा विटामिन C, फोलेट और विटामिन A युक्त आहार का अधिक सेवन करना चाहिए।
नौवें महीने में किन खाद्य पदार्थों से बचें? (Foods to Avoid For 9 Month Pregnancy in Hindi)
38 week pregnancy in hindi प्रेगनेंसी के नवें महीने में कई चीजें ऐसी हैं जिसके सेवन से मां और शिशु को नुक्सान पहुंचा सकता है, ऐसी चीज़ों से आपको दूर रहना चाहिए। नीचे हम उन चीजों के बारे में बता रहे हैं जिससे आपको दूर रहना यानी की परहेज करना चाहिए।
• रॉ मांस और अंडे : कच्चे मांस और अंडे में बैक्टीरिया होते हैं जो मां और गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुंचा सकता है।
• कैफीन : नौवें महीने में चाय, कॉफी, चॉकलेट, एनर्जी ड्रिंक जैसे कैफीन युक्त आहार से दूर रहना चाहिए।
• शराब और सिगरेट : प्रेगनेंसी का आखिरी वक्त बहुत ही नाजुक होता है, ऐसे में शराब, सिगरेट और तंबाकू के सेवन से मां और बच्चे दोनों पर खतरा रहता है।
• सॉफ्ट चीज : इसका निर्माण गैर प्रॉश्युरीकृत दूध से होता है। ऐसे में इसके सेवन से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा सैकरीन, जंक फूड, अधपका हुआ मांस, सी-फूड से दूर रहें।
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में बदलाव (Changes in the 9 Month of Pregnancy in Hindi)
प्रेगनेंसी के नवें महीने में काफी सारे शारीरिक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं।
- शिशु का वजन बढ़ने की वजह से पीठ में और कमर में दर्द हो सकता है
- स्तनों से कोलोस्ट्रम का रिसाव होना
- शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो रहा होता है इसलिए पेल्विक एरिया खुलने लगता है
- लंबे समय तक खड़े रहने में और बैठने में समस्या हो सकती है
- थकावट और सांस लेने में दिक्कत होना
- योनि स्त्राव होना
निष्कर्ष
प्रैगनेंसी का सबसे महत्वपूर्ण और नाजुक नौवां महीना (9 Month Pregnancy in Hindi) होता है। इस महीने में शिशु का संपूर्ण विकास उसके आखिरी चरण में होता है। महिला का शरीर भी बच्चे के जन्म के लिए तैयार हो रहा होता है। ऐसे में शरीर में भी काफी परिवर्तन आते हैं, जो बहुत ही आम है, लेकिन ज्यादा असहजता होने पर डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
9 महीने में डिलीवरी होने के लक्षण
9 महीने में डिलीवरी के लक्षण : डिलीवरी होने के 24 से 48 घंटे पहले म्यूकस प्लग निकलना, कमर में दर्द तेज हो जाना, बार बार युरीन आना, पानी की थैली का फटना जैसे संकेत मिलते हैं।
कैसे पता चलेगा कि डिलीवरी का समय नजदीक है?
नौवां महीना शुरू होते ही कभी भी डिलीवरी हो सकती है। पानी की थैली फटने पर डिलीवरी का समय नजदीक माना जाता है।
डिलीवरी से कितने दिन पहले दर्द शुरू होता है?
आमतौर पर डिलीवरी के 24 घंटे पहले दर्द शुरू हो जाता है, लेकिन अगर दर्द शुरू न हो तो डॉक्टर इसके लिए दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नोर्मल डिलीवरी होने से पहले कौन से लक्षण दिखाई देते हैं?
नोर्मल डिलीवरी से पहले शिशु की वजह से पेल्विक एरिया में दबाव पड़ता है और ब्लेडर सिकुड़ने की वजह से बार-बार युरीन आने लगता है। बच्चे की पुजिशन बदलने की वजह से भी तेज दर्द शुरू हो जाता है।
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में सावधानियां
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में पर्याप्त नींद लें और हाइड्रेट रहने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं, मानसिक तनाव से दूर रहें, सिगरेट, आल्कोहोल से दूर रहें, भारी वजन उठाने से बचें, लंबे समय तक खड़े रहने से बचें, अचानक उठने या बैठने से बचें, एक्स रे से दूर रहें, अधिक मेहनत करने से भी आपको बचना चाहिए।
9 महीने की प्रेगनेंसी में व्यायाम करने के फायदे क्या हैं?
जी हां, नौवें महीने की प्रेगनेंसी में व्यायाम करने से कई फायदे होते हैं, जैसे:
तनाव में कमी (Reduced stress)
बेहतर नींद (Improved sleep)
ऊर्जा स्तर में वृद्धि (Increased energy levels)
प्रसव के दौरान सहायता (Assistance during labor)
9 महीने की प्रेगनेंसी में सही आहार क्या होना चाहिए?
9 महीने की प्रेगनेंसी में संतुलित और पोषण से भरपूर आहार लेना आवश्यक है, जिसमें शामिल हैं:
फल और सब्जियाँ (Fruits and vegetables)
साबुत अनाज (Whole grains)
प्रोटीन (Protein sources जैसे दाल, मांस, और दूध)
स्वस्थ वसा (Healthy fats जैसे नट्स और बीज)
9 month pregnancy कितने सप्ताह की होती है?
9 महीने की गर्भावस्था आमतौर पर 36 से 40 सप्ताह की होती है। पूर्ण अवधि की गर्भावस्था 37 से 42 सप्ताह के बीच मानी जाती है।
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में वजन कितना बढ़ सकता है?
प्रेग्नेंसी के नौवें महीने में सामान्यतः वजन 15 से 20 किलो तक बढ़ सकता है। हालांकि, यह वजन गर्भवती महिला की शारीरिक स्थिति और आहार पर निर्भर करता है।