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Test Tube Baby in Hindi : टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है? प्रक्रिया, खर्चा, फायदे

Test Tube Baby in Hindi

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी IVF तकनीक से जन्मे बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी कहां जाता है।(Test Tube Baby in Hindi) कई कोशिशो के बावजूद भी जब दंपती बच्चा कंसीव न कर पाए तो उनके लिए टेस्ट ट्यूब बेबी एक अच्छा विकल्प रहता है। (test tube baby kahate hain)

In this Article

टेस्ट ट्यूब बेबी क्या है? (test tube baby kya hai)

जब महिला कई प्रयासों के बावजूद भी गर्भधारण नहीं कर पाती तो टेस्ट ट्यूब तकनीक के जरिए उनके एग्स गर्भाशय से बाहर निकालकर पुरुष के स्पर्म से फर्टिलाइज़ किया जाता है। जब वह भृण में तब्दील हो जाए तब उसे बड़ी सावधानी से वापस गर्भाशय में स्थानांतरित किया जाता है। इसके बाद की सारी प्रक्रिया नोर्मल प्रेगनेंसी जैसी ही होती है और 9 महिने बाद महिला अपने स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है। इस तरह जन्मे हुए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी (test tube baby) कहां जाता है। जिन जोड़ें के लिए संतान का सुख संभव नहीं होता है उनके लिए यह तकनीक आशिर्वाद रूप साबित हुई है।

टेस्ट ट्यूब बेबी vs आईवीएफ ? (Diffrence between IVF and Test Tube Baby in Hindi)

कई लोग टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ दोनों को अलग अलग प्रक्रिया के रूप में देखते है, लेकिन हकीकत में यह दोनों एक हीं प्रक्रिया है। जब इस प्रक्रिया की खोज हुई थी तब इसे टेस्ट ट्यूब बेबी कहां जाता था क्योंकि इस प्रक्रिया में टेस्ट ट्यूब का इस्तेमाल किया जाता है और फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया लेबोरेटरी में होती है इसलिए इसे टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube Baby in Hindi) कहां जाता है। आईवीएफ टेस्ट ट्यूब बेबी का हीं दूसरा नाम है।

टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया (test tube baby process in hindi)

टेस्ट ट्यूब बेबी कैसे करते हैं टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया निम्नलिखित स्टेप में होती है।

#1 पीरियड्स को रोकना : टेस्ट ट्यूब बेबी की प्रक्रिया (test tube baby process)में सबसे पहले महिला को इंजेक्शन देकर पीरियड्स को रोक दिए जाते है। करीब दो सप्ताह तक यह स्टेप दोहराया जाता है।

#2 अधिकतर एग्स प्रोड्यूस करना : दूसरे स्टेप में सुपर ओव्यूलेशन मतलब की महिला के अंडाशय में अधिक अंडे उत्पन्न हो पाए इसलिए अलग अलग तरह की फर्टिलिटी दवाएं दी जाती है। जिसके बाद महिला की वजाइना का अल्ट्रासाउंड करके अंदर की जांच की जाती है।

#3 यूटेरस से एग्स बहार निकालना : टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube Baby) के तीसरे स्टेप में महिला के अंडाशय से एग्स को बहार निकाला जाता है। इस स्टेप में सूई वजाइना के माध्यम से अंडाशय में प्रवेश करती है और सक्शन प्रक्रिया के द्वारा एग्स को बहार निकाला जाता है।  

#4 एग्स और स्पर्म को फर्टिलाइज़ करना : इस स्टेप में भृण के निर्माण के लिए महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को लेबोरेटरी में फर्टिलाइज़ किया जाता है। स्पर्म अपने आप हीं महिला के एग्स में प्रवेश करने लगता है, हालांकि इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लग सकता है, इसके अलावा डॉक्टर इंट्रा साइटोप्लाज्मिक प्रक्रिया का इस्तेमाल करके इस स्टेप को जल्दी पूरा कर सकते है, लेकिन यह प्रक्रिया काफी महंगी होती है। इस प्रक्रिया के बाद भृण बनना शूरू हो जाता है।  

#5 भृण को यूटेरस में स्थानांतरित करना : टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube Baby) के अंतिम स्टेप में एक सूई के माध्यम से भृण को यूटेरस में स्थानांतरित किया जाता है। आम तौर पर एक से अधिक भृण को यूटेरस में स्थानांतरित किया जाता है। एक पतली ट्यूब को वजाइना के माध्यम से गर्भाशय में प्रवेश कराया जाता है, इस ट्यूब में भृण होता है, जो गर्भ में डाल दिया जाता है। फिर 9 महिने पूरे होने पर जन्म होता है एक स्वस्थ बच्चे का।

टेस्ट ट्यूब बेबी की जरुरत किसे है? ( Who needs test tube baby)

• जब कोई कपल एक साल तक प्रयास करने पर भी गर्भधारण करने असफल रहे तो ऐसे में टेस्ट ट्यूब बेबी का सुझाव दिया जाता है।

• इतना ही नहीं अगर फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक हो या डेमेज हो तो ऐसे में इस प्रक्रिया के जरिए गर्भधारण करने में मदद मिलती है।

• ओवरीज़ डिसफंक्शन, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, एग्स का कम प्रोडक्शन जैसी परिस्थिति में टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया का सुझाव दिया जाता है।

• पुरुषों में इनफर्टिलिटी के कारन गर्भधारण करने में सफलता नहीं मिलती ऐसे में टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया से गर्भधारण करने सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

टेस्ट ट्यूब बेबी के लाभ (Benefits Of Test Tube Baby in Hindi)

• टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक की मदद से आप प्रेगनेंसी का समय अपने हिसाब से तय कर सकते है, यदि आप फ़िलहाल करियर पर ध्यान देना चाहते है तो टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया की मदद से आप इच्छा अनुसार कभी भी कंसीव कर सकते है।

• इनफर्टिलिटी की परिस्थिति में टेस्ट ट्यूब तकनीक आशिर्वाद रूप साबित हो सकती है।

• यदि पुरुष के स्पर्म की क्वालिटी खराब हो या स्पर्म काउंट कम हो तो ऐसे में डॉनर के स्पर्म इस्तेमाल किए जा सकते है।

• जिनेटिक प्रोब्लम्स को इस तकनीक से रोक सकते है।

टेस्ट ट्यूब बेबी के नुकसान (Side Effects Of Test Tube Baby Hindi)

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक बच्चे की चाह रखने वाले दंपती के आशिर्वाद रूप है लेकिन इसके कुछ नुकसान भी है :-

• महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को फर्टिलाइज़ करने के बाद एक से अधिक भृण यूटेरस में स्थानांतरित किए जाते है, जिसकी वजह से एक से अधिक बच्चों का जन्म होने की संभावना रहती है।

• कुछ रिसर्च में सामने आया है की टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया की वजह से प्रीमेच्योर डिलीवरी की संभावना भी रहती है।

• यूटेरस में एग्स को विकसित करने के लिए ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन जैसे ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है जिसकी वजह से अंडाशय में सूजन आ सकती है, पेट दर्द, सांस फूलना जैसी समस्याएं भी हो सकती है।

• गर्भपात की संभावना

• इन्फेक्शन का ख़तरा

• तनाव जैसी कई समस्याएं हो सकती है।

टेस्ट ट्यूब बेबी किसके लिए फायदेमंद है?

• टेस्ट ट्यूब तकनीक उन सभी दंपतियों के लिए फायदेमंद है जो कई कोशिशों के बावजूद भी कंसीव करने में असफल हो रहे हो

• महिला की बढ़ती उम्र या फिर इनफर्टिलिटी की परिस्थिति में

• पुरुष में स्पर्म काउंट कम हो तब टेस्ट ट्यूब तकनीक फायदेमंद रहती है।

भारत में टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च (Cost Of Test Tube Baby in Hindi )

टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया का खर्च हर जोड़े की आवश्यकता पर निर्भर करता है। इस ट्रीटमेंट में इस्तेमाल होने वाले इक्विपमेंट दूसरे देशों से इंपोर्ट किए जाते है जिसकी वजह से इस ट्रीटमेंट का खर्च महंगा होता है। इतना ही नहीं डॉक्टर के अनुभव और सेंटर के सक्सेस रेट के हिसाब से खर्च अलग अलग रहता है।

टेस्ट ट्यूब बेबी की सफलता दर (Success Rate Of Test Tube Baby in Hindi)

अपने करियर पर फोकस करना चाह रहे कपल के लिए यह तकनीक काफी फायदेमंद है। 35 साल से कम उम्र की महिलाओं में टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया का सफलता दर ज्यादा रहता है। यदि आप भी कंसीव करने की कोशिश के बावजूद उसमें सफलता नहीं मिल रही तो आज ही मुलाकात लीजिए दिव्या वात्सल्य ममता IVF सेंटर की जहां अनुभवी डॉक्टर्स के द्वारा आपको दिया जाएगा सही मार्गदर्शन।

इसे भी पढ़ें: IVF kya hai

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

टेस्ट ट्यूब बेबी और आईवीएफ में क्या अंतर है?

इस तकनीक में लेब और टेस्ट ट्यूब का इस्तेमाल होने की वजह से इसे टेस्ट ट्यूब बेबी कहां जाता है और आईवीएफ इस तकनीक का हीं दूसरा नाम है।

टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना टाइम लगता है?

टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया में उपचार, परिस्थिति, कारण के आधार पर इस प्रक्रिया की अवधि अलग अलग हो सकती है।

टेस्ट ट्यूब बेबी का सक्सेस रेट क्या है?

अनुभवी डॉक्टर्स और सेंटर की सहायता से टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का सक्सेस रेट 80-85% है।

टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए कौन सी उम्र सबसे अच्छी है?

टेस्ट ट्यूब बेबी के लिए सबसे अच्छी उम्र 35 या उससे कम की होती है।

क्या टेस्ट ट्यूब बेबी में दर्द होता है?

टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया में आम तौर पर दर्द नहीं होता है। सामान्य सी चुभन महसूस हो सकती है लेकिन इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।

टेस्ट ट्यूब बेबी प्रक्रिया दर्दनाक है

आईवीएफ प्रक्रिया में कुछ हद तक असुविधा हो सकती है, लेकिन यह आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती है।
हार्मोन इंजेक्शन: कुछ महिलाओं को इंजेक्शन लगाने पर हल्का दर्द या मितली महसूस हो सकती है।
अंडा निकालना: अंडा निकालने की प्रक्रिया में हल्का दर्द या ऐंठन हो सकती है, जिसके लिए दवा दी जा सकती है।
भ्रूण स्थानांतरण: यह प्रक्रिया आमतौर पर दर्दनाक नहीं होती है।

भारत में आईवीएफ में बच्चा लड़का होने की संभावना

लिंग चयन भारत में गैरकानूनी है। आईवीएफ प्रक्रिया में लिंग चयन की कोई गारंटी नहीं होती है, और जन्म लेने वाले बच्चे का लिंग पूरी तरह से प्राकृतिक रूप से तय होता है।

टेस्ट ट्यूब बेबी में कितना खर्चा आता है?

टेस्ट ट्यूब बेबी का खर्च कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे क्लिनिक का स्थान, डॉक्टर का अनुभव, आवश्यक दवाओं और प्रक्रियाओं की संख्या, और सफलता दर। भारत में, आईवीएफ का खर्च ₹1 लाख से ₹5 लाख तक हो सकता है।

सरकारी अस्पताल में आईवीएफ का खर्चा

सरकारी अस्पतालों में, आईवीएफ का खर्च निजी क्लीनिकों की तुलना में कम होता है, और ₹50,000 से ₹1 लाख तक हो सकता है।

आईवीएफ और टेस्ट ट्यूब बेबी के बीच का अंतर

आईवीएफ और टेस्ट ट्यूब बेबी एक ही प्रक्रिया के दो नाम हैं। “इन विट्रो फर्टिलाइजेशन” (आईवीएफ) का शाब्दिक अर्थ है “कांच के बर्तन में निषेचन”। “टेस्ट ट्यूब बेबी” एक लोकप्रिय शब्द है जो इस प्रक्रिया का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है।

बंद ट्यूब खोलने के घरेलू उपाय

बंद ट्यूब के लिए कोई वैज्ञानिक रूप से सिद्ध घरेलू उपाय नहीं है। यदि आपको फैलोपियन ट्यूब में रुकावट का संदेह है, तो डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।

Dr-Rashmi-Prasad

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