Female Infertility

PCOS Symptoms in Hindi : पीसीओएस के शुरुआती लक्षण और उपचार

PCOS (PCOS full form in Hindi) मतलब पॉलीसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रम, जो की अधिकतर महिलाओं में पाया जाता है। हालांकि इसके कारण, लक्षण और निदान के बारे में बहुत कम महिलाए जानती है। आज की बदलती लाइफस्टाइल की वजह PCOS की समस्या बढ़ती ही जा रही है। इस समस्या से राहत पाने के लिए उनके बारे में जानना बहुत जरूरी है। इसलिए आज हम आपको (PCOS symptoms in Hindi) के लक्षण, कारण और निदान के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे।

पीसीओएस का क्या मतलब होता है? ( PCOS Meaning in Hindi) 

PCOS disease की समस्या महिलाओं में हार्मोन में असंतुलन की वजह से होती है। जिसकी वजह से मेटाबॉलिक और प्रजनन संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है। इससे गर्भधारण करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही गर्भपात की संभावना भी बढ़ जाती है। PCOS disease की स्थिति में महिलाओं में मेल (male) हार्मोन एण्ड्रोजन का स्तर बढ़ जाता है और अंडाशय पर सिस्ट होने लगती है। यह समस्या आमतौर पर 20 से 30 साल की उम्र में ज्यादा पाई जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 20 प्रतिशत महिलाओं को PCOS की समस्या होती है।

पीसीओएस के लक्षण (PCOS Symptoms in Hindi) 

WHO (World Health Organisation) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, PCOS एक सामान्य स्थिति है, जो महिलाओं में एक उम्र के बाद दिखने लगती है। इस समस्या में अंडाशय सबसे ज्यादा प्रभावित होता है, जिसकी वजह से पीरियड्स (pcos disease) की समस्या होने लगती है।

PCOS समस्या के कुछ लक्षण (pcos symptoms in hindi) जिसकी मदद से आप इस समस्या के बारे में पता कर सकते है, जैसे कि

  • अनियमित पीरियड्स
  • शरीर में हार्मोन- एण्ड्रोजन का लेवल बढ़ने की वजह से चेहरे, ठोड़ी, पेट, छाती पर बालों का उगना
  • गर्भधारण करने में समस्या का सामना करना पड़ता है
  • थकावट, तनाव, चिड़चिड़ापन
  • अंडाशय में सिस्ट होना
  • पेडू में लगातार दर्द होना
  • बालों का झड़ना
  • मूड स्विंग्स
  • बार बार गर्भपात होना
  • एण्ड्रोजन के कारण स्किन में कालापन
  • सरदर्द, अनिंद्रा

पीसीओएस के कारण (PCOS Causes in Hindi ) 

PCOS के असली कारण (PCOS Causes) अभी तक प्रमाणित नहीं हुए है, हालांकि माना जाता है की यह आनुवंशिक भी हो सकता है मतलब की परिवार में मां या बहन को यह समस्या है तो आपको भी यह समस्या होने की पूरी संभावना है। ऐसा भी देखा गया है की जो महिला डायबिटीक है और अगर उन्हें पीरियड्स अनियमित आ रहे हो तो उन्हें भी PCOS Causes होने की संभावना है। ऐसे में तुरंत ही डॉक्टर को संपर्क करें।

PCOS से पीड़ित महिलाओं को डायबिटीज़, हाई ब्लडप्रेशर, एंडोमेट्रियल कैंसर और हृदय संबंधी समस्याएं होने की संभावना दूसरी महिलाओं की तुलना में ज्यादा होती है।

पीसीओएस का उपचार (PCOS Treatment in Hindi)

PCOS के उपचार (PCOS Treatment) के लिए वैसे तो वजाइना (योनि) और पेट का अल्ट्रासाउंड और लेप्रोस्कोपी की जाती है। इस कंडिशन में हार्मोन को संतुलित करने के लिए दवाएं भी दी जाती है और साथ में इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने के लिए ओवरी की सर्जरी भी की जाती है।

आमतौर पर PCOS का इलाज पीड़ित महिला की उम्र पर निर्भर करता है। डॉक्टर उम्र और लक्षण के आधार पर इलाज करना शुरू करते है। अगर आप भी PCOS treatment के बारें में ज्यादा जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज ही संपर्क करें दिव्या वात्सल्य ममता IVF सेंटर का, जहां आपको अनुभवी डॉक्टर्स और स्टाफ देंगे सहीं मार्गदर्शन।

PCOS के लक्षण (PCOS symptoms in Hindi) दिखने पर आप अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर आप इस समस्या से बच सकते है। जैसे की,

वज़न कम करें : आपका वजन आपकी हाइट के मुताबिक है या नहीं यह जानने के लिए BMI करवाना जरूरी है, अगर आपका वजन आपकी हाइट के मुकाबले ज्यादा है तो सबसे पहले वज़न कम करें।

एक्सरसाइज करें : तनाव, मुड़ स्विंग्स जैसे लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज एक अच्छा विकल्प है, इसके लिए आप चाहें तो जिम जा सकते है या फिर घर पर हीं योगा भी कर सकते है।

और पढ़े : PCOD Meaning in Hindi

पीसीओएस डाइट चार्ट (PCOS Diet Chart in Hindi) 

इसके अलावा आप डाइट (pcos diet) में बदलाव करके भी PCOS के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते है जैसे की,

  • ग्रीन वेजिटेबल्स
  • दूध और दूध से बनी चीजें (कैल्शियम)
  • पालक (प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स)
  • दहीं
  • अंडा
  • शकरकंद
  • मुलहठी
  • साल्मपन और टूना मछली (ओमेगा 3 फैटी एसिड)
  • दालचीनी, मेथी (इंसुलिन प्रतिरोधक)
  • ब्रोकोली, चिआ सीड्स, ग्रीन टी, हल्दी, बादाम, मूंगफली, छोले, राजमा, किनुआ, गुड़ (एंटीऑक्सीडेंट, आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन ए और सी)
  • मशरूम (सिस्ट में फायदेमंद)
  • टमाटर (इसमें मौजूद लाइकोपीन वज़न कम करने में मददगार होता है।)
  • ब्राउन राइस, गेहूं से बना पास्ता, होलव्हीट ब्रेड, ज्वार, बाजरा, रागी (कार्बोहाइड्रेट)
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर चीजें जैसे की अदरक, हल्दी, लहसुन और तुलसी का सेवन करें
  • 8-10 गिलास पानी

सारांश 

PCOS के कोई भी लक्षण (PCOS Symptoms in Hindi)  जैसे की अनियमित पीरियड्स, शरीर के अलग अलग हिस्सों में अनचाहे बाल, बढ़ता हुआ वज़न, गर्भधारण करने में असफलता महसूस हो तो तुरंत ही अपने डॉक्टर का संपर्क करें। डॉक्टर की थी हुई दवाएं और सुझाव को नियमित रूप से फोलो करने इस समस्या का इलाज संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या पीसीओएस का इलाज संभव है?

PCOS का सीधा इलाज तो नहीं है लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव, वज़न को संतुलित रखकर और हार्मोन को संतुलित करने की दवाएं से इलाज किया जा सकता है, अपने आप हीं ऐसी दवाएं लेने के बदले PCOS के लक्षण दिखते हीं डॉक्टर का संपर्क करें।

पीसीओएस के लक्षण (PCOS Symptoms in Hindi)

अनियमित पीरियड्स, तनाव, चिड़चिड़ापन, वज़न बढ़ना, चेहरे, पीठ और पेट पर अनचाहे बाल उगना, गर्भधारण करने में समस्या होना यह PCOS के मुख्य लक्षण है।

पीसीओएस के कारण (PCOS Causes in Hindi)

PCOS के प्रमाणित कारण तो नहीं है लेकिन अगर महिला के परिवार में मां या बहन को PCOS हो तो यह समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है मतलब की यह आनुवंशिक हो सकता है। इतना ही नहीं अगर डायबिटीज़ हो तो भी PCOS होने की संभावना रहती है। डायबिटीज़ होने के साथ पीरियड्स अनियमित हो तो वो PCOS का लक्षण भी हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है।

पीसीओएस का उपचार (PCOS Treatment in Hindi)

हार्मोन संतुलित करने की दवाएं और लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर PCOS ठीक हो सकता है, अपने वज़न को संतुलित रखें और लक्षण दिखने पर आज ही हमारे इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ रश्मि प्रसाद से संपर्क करे  इसका उपचार संभव है।

पीसीओएस का पता कैसे लगाया जा सकता है?(pcos test)

PCOS के लक्षण दिखते हीं डॉक्टर का सुझाव ले और जरूरी रिपोर्ट करवाने PCOS का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए वजाइना और पेट का अल्ट्रासाउंड किया जाता है और लेप्रोस्कोपी की जाती है।

क्या PCOS में गर्भधारण कर सकते है?

आमतौर पर महिला के पीरियड्स हर 4-8 सप्ताह में होता है तो PCOS पीड़ित महिला गर्भधारण करने में सक्षम होती है। अगर फिर भी सफलता न मिले तो डॉक्टर से परामर्श करके जरूरी जांच करवाएं।

क्या पीसीओएस से वजन बढ़ता है?

PCOS का मुख्य लक्षण ही वज़न बढ़ना है। आपका वजन आपकी हाइट के हिसाब होना चाहिए इसके लिए BMI करवाया जाता, अगर वज़न बहुत ही ज्यादा है तो PCOS की समस्या दूर करने के लिए वज़न संतुलित करना बहुत ही जरूरी है।

PCOS और PCOD में क्या अंतर है?(pcos and pcod difference)

वैसे तो PCOS और PCOD दोनों ही महिलाओं में हार्मोनल संतुलन संबंधी रोग है, PCOS में अधिक अंडाशय में रसायन बनाने वाले संबंधित अंगों के कारण अनियमित मासिक धर्म होता है जबकि PCOD में कैंसर होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

पीसीओएस में क्या नहीं खाना चाहिए?(pcos diet)

PCOS में हर वो फूड जिसमें कैलोरी ज्यादा हो उससे दूर रहें जैसे की फ्राइड फूड, जंक फूड, कोल्डड्रिंक, केक, कुकीज़, कैन्डी, रेड मीट, आल्कोहोल, व्हाइट राइस, ब्रैड, मसालेदार खाने से दूर रहें। कार्बोहाइड्रेट और चीनी का सेवन कम करें। इतना ही नहीं धुम्रपान और शराब के सेवन बंद करें।

Dr Rashmi Prasad

Dr. Rashmi Prasad is a renowned Gynaecologist and IVF doctor in Patna. She is working as an Associate Director (Infertility and Gynaecology) at the Diwya Vatsalya Mamta IVF Centre, Patna. Dr. Rashmi Prasad has more than 20 years of experience in the fields of obstetrics, gynaecology, infertility, and IVF treatment.

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