प्रेगनेंसी हर एक दंपती के लिए एक बहुत ही सुखद अनुभव होता है। गर्भधारण करने के लिए महिला और पुरुष दोनों का फर्टाइल होना जरूरी है। महिला के ओवुलेशन के समय पर शारीरिक संबंध बनाए जाएं तो प्रेगनेंसी (Pregnant in Hindi) रहने की संभावना अधिकतर बढ़ जाती है।
गर्भवती कैसे बनें (How to Get Pregnant in Hindi)
महिला के पीरियड्स शुरू होने से दो हफ्ते पहले का समय ऑवुलेशन का समय होता है। गर्भधारण करने के लिए यह समय सबसे ज्यादा सही माना जाता है। इस दौरान अगर महिला और पुरुष गर्भधारण करने का प्रयास करें तो सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है। डॉक्टर का भी मानना है कि ऑवुलेशन दौरान गर्भधारण करने की संभावना 60-70% बढ़ जाती है।
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प्रेगनेंसी के लिए महिला के सबसे महत्वपूर्ण अंग (Pregnant kaise hote hai)
प्रेगनेंसी के लिए ऑवुलेशन के साथ साथ महिला का शारीरिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है। खास करके ऑवरी (अंडाशय), फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय शामिल है।
1. ऑवरी : प्रेगनेंसी के लिए ऑवरी का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। ऑवरी में हीं गर्भधारण करने के लिए जरूरी अंडों का निर्माण होता है। गर्भधारण करने के लिए ऑवरी का साइज़ भी महत्व रखता है। सफल गर्भधारण करने के लिए महिला के अंडाशय की साइज 3 से.मी. × 2.5 से.मी. × 1.5 से.मी. होनी चाहिए। अगर अंडाशय की साइज नॉर्मल से कम है तो गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
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2. फैलोपियन ट्यूब : फैलोपियन ट्यूब अंडाशय को गर्भाशय के साथ जोड़ती है। अंडाशय से अंडा निकलकर फैलोपियन ट्यूब के जरिए हीं गर्भाशय में जाता है। गर्भधारण करने के लिए फैलोपियन ट्यूब का भी स्वस्थ होना बहुत जरूरी है क्योंकि फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया हीं फैलोपियन ट्यूब में होती है। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज हो तो गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। एक संशोधन के मुताबिक, 40% महिलाओं में इनफर्टिलिटी के लिए फैलोपियन ट्यूब की ब्लॉकेज जिम्मेदार होती है।
3. गर्भाशय : यह महिला के शरीर का वो अंग है जहां पर भृण बच्चे के रुप में विकसित होता है। इसलिए गर्भधारण करने के लिए गर्भाशय का होना बहुत जरूरी होता है। कई महिलाओं में जन्म से हीं गर्भाशय नहीं होता है। ऐसे में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। गर्भाशय महिला की योनि और मूत्राशय के बीच में होता है। जिसका वजन लगभग 35 ग्राम होता है। गर्भाशय का आकार उम्र के हिसाब से अलग-अलग होता है।
प्रेगनेंसी के लिए पुरुष के सबसे महत्वपूर्ण अंग
प्रेगनेंसी के लिए महिला के साथ साथ पुरुष के प्रजनन अंगो का स्वस्थ होना भी जरूरी है, जैसे की लिंग और अंडकोष।
1. लिंग : लिंग तीन भाग में होता है। शारीरिक संबंध के दौरान पुरुष जब एजाकुलेशन करता है तब लिंग से स्पर्म निकलता है। स्पर्म में सीमेन मौजूद होते है। जो महिला की योनि में प्रवेश करता है और फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय में जाता है। फैलोपियन ट्यूब में हीं स्पर्म और महिला के अंडे फर्टिलाइज होते हैं और गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू होती है।
2. अंडकोष : हर पुरुष में दो अंडकोष होते है, जो स्पर्म और टेस्टोस्टेरोन का निर्माण करता है। यह अंडकोष स्क्रोटम नाम की थैली में होते हैं। जो सर्दी में सिकुड़कर छोटी हो जाती है और गर्मी में बढ़कर लटक जाती है। अंडकोष की बीमारी के कारण पुरुष को बांझपन की समस्या हो सकती है।
प्रेगनेंसी के स्टेज ( What Are The Stages Of Pregnant in Hindi)
आम तौर प्रेगनेंसी को मुख्य रूप से 3 स्टेज में बांटा जा सकता है जिसमें ओवुलेशन, फर्टिलाइजेशन और इम्प्लांटेशन शामिल हैं।
1. ओवुलेशन : ओवुलेशन पीरियड्स के दो हफ्ते पहले होता है। पीरियड्स की साइकिल आम तौर पर 28 दिन की होती है। इस दौरान अंडा मैच्योर होकर ओवरी से बहार आया है। इस दौरान अगर महिला और पुरुष गर्भधारण करने का प्रयास करें तो सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
2. फर्टिलाइजेशन : ओवुलेशन के दौरान मैच्योर अंडा फैलोपियन ट्यूब के जरिए गर्भाशय में जाता है, जहां पर अंडे पुरुष के स्पर्म के साथ फर्टिलाइज होते हैं और गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू होती है।
3. इम्प्लांटेशन : फर्टिलाइजेशन के 24 घंटे के बाद अंडे की कोशिकाएं तेजी से विभाजित होने लगती है और गर्भाशय की ओर बढ़ने लगती है जिसे इम्प्लांटेशन कहां जाता है।
जल्दी प्रेगनेंट होने के लिए क्या करें (How to Get Pregnant Fast)
- गर्भधारण करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर से मिलें और शारीरिक जांच करवाएं
- स्वस्थ गर्भावस्था के लिए साबुत अनाज, हरि पत्तेदार सब्जियां, मांस और अंडे जैसी विटामिन से भरपूर चीज़ों को डायट में शामिल करें
- ब्रोकली, केला, सोयाबीन, आलू और गेहूं का सेवन करें
- दूध, दहीं, अंडे जैसी डेयरी उत्पादों का सेवन करें
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं
- ओमेगा 3 फैटी एसिड का सेवन करें
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IVF के द्वारा करे गर्भधारण
कई बार प्रयास करने के बावजूद भी गर्भधारण करने में सफलता नहीं मिलती। ऐसे में डॉक्टर IVF ट्रीटमेंट का सुझाव दे सकते है। इसमें सबसे पहले महिला और पुरुष दोनों की शारीरिक जांच की जाती है और बाद में IVF ट्रीटमेंट शुरू की जाती है। महिलाओं में अंडे का उत्पादन कम होना या फिर पुरुष में स्पर्म काउंट या कम क्वालिटी के हो तो IVF के जरिए गर्भधारण करना संभव है। अगर आप भी IVF ट्रीटमेंट के बारे में ज्यादा जानना चाहते हैं तो आज ही पटना के सब से बेस्ट IVF Centre में डॉ रश्मि प्रसाद से मुलाकात ले करे । जहां पर अनुभवी डॉक्टर्स आपकी शारीरिक जांच करके सहीं मार्गदर्शन करेंगे।
निष्कर्ष
सफल और स्वस्थ प्रेगनेंसी (Pregnant in Hindi) के लिए ओवुलेशन प्रक्रिया के साथ साथ सहीं डायट भी जरूरी होता है। ऐसे में अगर आप जल्दी प्रेगनेंट होना चाहते हैं तो अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. प्रेग्नेंट होने का सबसे आसान तरीका कौन सा है?
ओवुलेशन पीरियड में अगर शारीरिक संबंध बनाए जाएं तो प्रेगनेंसी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए आप डॉक्टर की मदद भी ले सकते है।
Q2. कंसीव करने के लिए क्या खाना चाहिए?
कंसीव करने के लिए ओमेगा 3 फैटी एसिड, साबूत अनाज, डेयरी उत्पादो, हरि पत्तेदार सब्जियां, अंडे मांस का अधिकतम सेवन करना चाहिए। साथ में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
Q3. महिलाओं में ovulation के संकेत क्या है?
कई महिलाओं में ओवुलेशन के दौरान स्तनों में सूजन, संवेदनशीलता, उत्तेजना, योनि स्त्राव में बदलाव, पेट के निचले हिस्से में दर्द जैसे संकेत देखने को मिल सकते हैं।
Q4. महिला प्रेग्नेंट कब नहीं होती है?
गर्भाशय या ओवरी में समस्या, फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज जैसी समस्या के चलते गर्भधारण करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इसका सही कारण जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
Q5. प्रेग्नेंट होने के सबसे ज्यादा चांस कब होता है?
पीरियड्स शुरू होने के दो हफ्ते पहले शारीरिक संबंध बनाने पर प्रेगनेंट होने के चांस बढ़ जाते हैं।