मेनोपॉज मैन्स्ट्रुअल साइकिल खत्म होने का एक संकेत है। एक समय के बाद महिलाओं को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। जिसे मोनोपॉज कहां जाता है। 45 से 50 साल की उम्र के दौरान महिलाओं में मोनोपॉज (Menopause meaning in Hindi) के लक्षण देखे जा सकते हैं। हालांकि की यह समय हर महिला में अलग अलग होता है। मेनोपॉज दो ग्रीक शब्द ‘मेनो’ और ‘पॉज’ से बना है, जिसमें ‘मेनो’ का अर्थ महीना और ‘पॉज’ का अर्थ रूकना होता है। मेनोपॉज को रजोनिवृति भी कहां जाता है।
मेनोपॉज क्या है? ( Menopause meaning in Hindi)
मेनोपॉज बढ़ती उम्र का हीं एक हिस्सा है। मेनोपॉज में वह स्थिति है जिसमें उनके पीरियड्स की प्रक्रिया रूक जाती है। अगर 45-55 साल की किसी महिला को 12 महिने तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो उसे मेनोपॉज कहां जाता है। इस दौरान महिलाओं में ओवरी द्वारा एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। मेनोपॉज के साथ हीं महिला में रिप्रोडक्टिव प्रॉसेस बंद हो जाती है।
प्यूबर्टी के बाद हर महिला को हर महीने पीरियड्स आते हैं, लेकिन बढ़ती उम्र के साथ प्रजनन चक्र धीमा होने लगता है। मेनोपॉज शुरू होते ही पीरियड्स अनियमित हो जाते है या फिर रूक जाते हैं। इस दौरान महिलाओं का शरीर कई परिवर्तन से गुजरता है। कभी कभी 40 साल की उम्र से पहले भी मेनोपॉज हो सकता है। इसके लिए परिवार का इतिहास, संक्रमण, प्रतिरक्षा और गुणसूत्र संबंधी विकास भी जिम्मेदार हो सकते हैं।
मेनोपॉज विभिन्न चरण क्या हैं? (What are the different stages of Menopause in Hindi)
मेनोपॉज के तीन चरण होते हैं – पहला – पेरिमेनोपॉज, दूसरा – मेनोपॉज और तीसरा – पॉस्टमेनोपॉज। महिला के शरीर में मेनोपॉज शुरू होने के पांच साल पहले ही पेरिमेनोपॉज की स्थिति बनती है, जो 10 साल तक रह सकती है। हॉट फ्लैश और अनियमित पीरियड्स पेरिमेनोपॉज के मुख्य संकेत हो सकते हैं और जब 12 महिने तक पीरियड्स नहीं आते हैं तो वह मेनोपॉज के संकेत हैं।
मेनोपॉज के कारण क्या हैं? (What are the causes of Menopause in Hindi)
* प्रजनन हार्मोन और पीरियड्स को नियंत्रित करने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के उत्पादन में कमी आना
* ओवरी को हटाने के लिए सर्जरी
* कैंसर की वजह से अगर कीमोथेरेपी ली जा रही हो तो वह भी मेनोपॉज का कारण बन सकता है।
इसके अलावा कुछ महिलाओं को 40 साल की उम्र से पहले ही मेनोपॉज शुरू हो जाता है, जिसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज कहां जाता है। जिसके लिए निम्नलिखित कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
- गर्भाशय निकाले देना
- लुपस और रूमेटॉयड जैसी ऑटोइम्यून बीमारियां
- अनुवांशिक
- शराब और सिगरेट का सेवन
- मलेरिया और टीबी की वजह से भी मेनोपॉज हो सकता है।
मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of Menopause in Hindi)
1. हॉट फ्लैश : मेनोपॉज का मुख्य लक्षण है हॉट फ्लैश। इसमें शरीर का तापमान अचानक से बढ़ जाता है, जिसकी वजह से अत्यधिक पसीना और चक्कर भी आ सकते हैं। यह स्थिति 30 सेकंड से लेकर 10 मिनट तक रह सकती है। हॉट फ्लैश के तुरंत बाद ठंड भी लग सकती है। हॉट फ्लैश को नियंत्रित करने के लिए कैफीन, शराब, मसालेदार आहार और तनाव से दूर रहें।
2. नींद न आना : मेनोपॉज के दौरान हार्मोन शिफ्ट होने की वजह से रात को नींद नहीं आती है। जिसकी वजह से थकावट और तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इससे राहत पाने के लिए रोज रात को सोने से पहले मेडिटेशन करें, जिससे मन शांत होगा और अच्छी नींद आएगी।
3. योनि में परिवर्तन : मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम हो जाता है इसकी वजह से योनि में सूखापन की शिकायते रहती है। इतना ही नहीं वेजाइनल टिशू भी पतले हो जाने की वजह से आसानी से सूजन आ जाती है। इस समस्या के लिए डॉक्टर आपको कुछ मॉइश्चराइजर, क्रीम या लुब्रिकेंट का सुझाव दे सकते है, जो वेजाइना के हेल्दी टिशू को बनाए रखने में मदद करती है।
4. वजन बढ़ना : 45 से 50 साल की उम्र में महिलाओं का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। जिसकी वजह से शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता में कमी आती है। इतना ही नहीं मेनोपॉज में हार्मोनल परिवर्तन की वजह से भी वजन बढ़ने की शिकायते रहती है। इसलिए मेनोपॉज के दौरान खान पान का ख्याल रखना जरूरी है।
इन लक्षणों के अलावा महिलाएं मूड स्विंग्स, स्तन में कोमलता, शुष्क त्वचा का भी अनुभव कर सकती हैं।
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मेनोपॉज का निदान कैसे करें? (How to diagnose Menopause in Hindi)
आमतौर पर मेनोपॉज का पता लगाने के लिए उनके लक्षण काफी होते हैं, लेकिन अगर आपको अनियमित पीरियड्स और हॉट फ्लैश को लेकर चिंता है तो आप डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं। मेनोपॉज के निदान के लिए वैसे तो कोई परिक्षण अनिवार्य नहीं है लेकिन फिर भी जरूरत पड़ने पर डॉक्टर आपको ब्लड टेस्ट का सुझाव दे सकते है। जैसे –
- टेस्टास्टरोन, प्रोजेस्टेरोन, प्रोलैक्टिन, एस्ट्राडायल और कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी)
- मेनोपॉज के दौरान शरीर में एफएसएच का लेवल बढ़ जाता है और एस्ट्राडियोल का लेवल कम हो जाता है, इसको जानने के लिए फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (FSH) और एस्ट्रोजन (एस्ट्राडियोल) के टेस्ट किए जा सकते हैं।
- हाइपोथायरायडिज्म में भी मेनोपॉज जैसे हीं लक्षण देखने को मिल सकते हैं, इसलिए डॉक्टर थाइराइड स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (TCH) टेस्ट का सुझाव दे सकते है।
- ब्लड लिपिड प्रोफाइल
- लीवर फंक्शन टेस्ट
- किडनी फंक्शन टेस्ट
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डॉक्टर से कब परामर्श लें?
आमतौर जब लगातार 12 महीने तक पीरियड्स न आए तो उसे मेनोपॉज कहां जाता है, लेकिन थाइराइड सहित और कई ऐसी बीमारी भी होती है जिसकी वजह से पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, ऐसे में असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत ही डॉक्टर का संपर्क करें। महिलाएं मोनोपॉज (Menopause meaning in Hindi) के दौरान हॉट फ्लैश, वजन बढ़ना, नींद न आना जैसे अनुभव कर सकती हैं, जो काफी आम है।
निष्कर्ष
प्यूबर्टी के बाद हर महिला को हर महीने पीरियड्स आते हैं, लेकिन उम्र के एक पड़ाव के बाद महिला के पीरियड्स अनियमित और फिर बंद हो जाते हैं, जिसे मेनोपॉज कहां जाता है। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में के रिप्रोडक्टिव सिस्टम बंद हो जाती है। मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में काफी हार्मोनल परिवर्तन आते हैं जिसकी वजह से उन्हें कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन लक्षण असामान्य लगने पर तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. मेनोपॉज की सही उम्र क्या है?
आमतौर पर 45 से 50 साल की उम्र में मेनोपॉज शुरू हो जाए है लेकिन कुछ महिलाओं में 40 से कम उम्र में (प्रीमेच्योर मेनोपॉज) भी मेनोपॉज देखा जा सकता है।
Q2. क्या मेनोपॉज चेक करने के लिए कोई टेस्ट है?
मेनोपॉज में अनियमित पीरियड्स, हॉट फ्लैश और वजन बढ़ना एक आम संकेत है लेकिन असामान्य लक्षण की स्थिति में डॉक्टर टेस्टारोन, प्रोजेस्टेरोन, प्रोलैक्टिन, एस्ट्राडायल और कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी), फॉलिकल स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (FSH) और एस्ट्रोजन (एस्ट्राडियोल), थाइराइड स्टिम्यूलेटिंग हार्मोन (TCH), ब्लड लिपिड प्रोफाइल, लीवर फंक्शन टेस्ट और किडनी फंक्शन टेस्ट के लिए सुझाव दे सकते है।
Q3. मेनोपॉज से कैसे बचें?
मेनोपॉज बढ़ती उम्र का हीं एक हिस्सा है लेकिन ओमेगा 3 फैटी एसिड, फल और सब्जियां, सोया प्रोडक्ट, अलसी, बादाम, बेरी को डायट में शामिल कर के मेनोपॉज को वक्त से पहले आने से रोका जा सकता है।
Q4. महिलाओं में मेनोपॉज के क्या लक्षण है?
अनियमित पीरियड्स, हॉट फ्लैश, वजन बढ़ना, नींद न आना, पसीना आना, योनि में सूखापन, थकान, कमजोर, हड्डियों में दर्द आदी मेनोपॉज के आम लक्षण है।
Q5. मेनोपॉज के बाद महिला के शरीर में क्या होता है?
मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस और हृदय संबंधी समस्याएं हो सकती है।